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स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी- केंद्र ने कोरोना मरीजों के लिए फिर भेजे 264 नए वेंटिलेटर - बिहार में कोरोना वायरस

बिहार में कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए केंद्र सरकार ने लगातार मदद कर रही है. इसको लेकर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि केंद्र से मिले वेंटिलेटर को विभिन्न मेडिकल अस्पतालों में भेजा जा रहा है.

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Published : Jul 19, 2020, 7:25 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना वायरस का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. केंद्र सरकार भी बिहार की मदद के लिए आगे आ रही है. इसको लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में भेजे गए 100 वेंटिलेटर के अलावा और 264 वेंटिलेटर भेजा गया है. उन्होंने कहा कि इसमें से 25 वेंटिलेटर एम्स, पटना और बचे वेंटिलेटर राज्य के विभिन्न मेडिकल काॅजेल सह अस्पताल में लगेंगे.

केंद्र की ओर से मिले इतने वेंटिलेटर
मंगल पांडे ने कहा कि पिछले दो महीने में केंद्र की ओर से स्वास्थ्य विभाग को जहां 364 वेंटिलेटर की अधिप्राप्ति हुई. वहीं, राज्य सरकार की ओर से भी 30 वेंटिलेटर उपलब्ध कराया गया है. साथ ही और 100 वेंटिलेटर और केंद्र सरकार की तरफ से प्राप्त होने वाले हैं. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन वेंटिलेटरों के अधिष्ठापन से मेडिकल काॅलेज सह अस्पतालों में कोरोना मरीजों का बेहतर इलाज संभव होगा. जहां कोरोना मरीजों के लिए 100-100 बेड आरक्षित रखे गये हैं.

मातृ मृत्यु दर में गिरावट
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मातृ मृत्यु दर में 2014 के बाद पहली बार 16 अंकों की गिरावट हुई है. 2014-17 के बीच राज्य में प्रति एक लाख पर 165 माताओं की मृत्यु हो जाती थी. उन्होंने कहा कि सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के अनुसार 2018 में वह आंकड़ा गिरकर 149 पर आ गया है. पूरे देश में जहां मातृ मृत्यु दर में पिछले तीन वर्षों में 9 अंकों की कमी आयी. वहीं, बिहार में यह कमी 16 अंकों में आयी है. मंगल पांडे ने कहा कि यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि किस तरह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर बड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई है.

'बिहार में स्वास्थ्य सेवा बड़ी उपलब्धि'
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि बिहार में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की एक और बड़ी उपलब्धि यह है कि 2016 तक बिहार के लोगों का औसत आयु जहां 68.07 वर्ष था. वह एसआरएस 2018 के अनुसार बढ़कर 68.09 वर्ष हो गया है. उन्होंने कहा कि इस तरह लोगों के औसत आयु में 2 महीने की वृद्धि हुई है. इसी तरह शिशु मृत्यु दर भी प्रति हजार 35 से घटकर राष्ट्रीय औसत 32 के बराबरी पर आ गया है, जो पहली बार हुआ है. मंगल पांडे ने कहा कि टीकाकरण के क्षेत्र में भी बिहार आगे बढ़ रहा है. अब 86 फीसदी टीकाकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि इस प्रकार स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न मानकों पर पिछले तीन सालों में गुणात्मक सुधार हुआ है.

'मरीजों के आहार में रखा जा रहा ख्याल'
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आइसोलेशन सेंटरों में इलाजरत कोरोना मरीजों के आहार दर और मेनू निर्धारण का आदेश जारी कर दिया गया है. पहले जहां पौष्टिक आहार के लिए प्रतिदिन प्रति मरीज अधिकतम 100 रुपये मिलते थे, वह अब प्रति मरीज अधिकतम 175 रुपये निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें सुबह का चाय और बिस्किट, नाश्ता, दिन का भोजन, शाम का चाय और बिस्किट समेत रात का भोजन भी शामिल है. साथ ही जहां आरओ की सुविधा नहीं है, वैसे आइसोलेशन सेंटरों पर बोतल बंद शुद्ध पानी के लिए प्रतिदिन प्रति मरीज 50 रुपये अतिरिक्ति निर्धारित किया गया है, ताकि मरीजों को शुद्ध पीने का पानी की कमी न हो.

पटना: बिहार में कोरोना वायरस का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. केंद्र सरकार भी बिहार की मदद के लिए आगे आ रही है. इसको लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में भेजे गए 100 वेंटिलेटर के अलावा और 264 वेंटिलेटर भेजा गया है. उन्होंने कहा कि इसमें से 25 वेंटिलेटर एम्स, पटना और बचे वेंटिलेटर राज्य के विभिन्न मेडिकल काॅजेल सह अस्पताल में लगेंगे.

केंद्र की ओर से मिले इतने वेंटिलेटर
मंगल पांडे ने कहा कि पिछले दो महीने में केंद्र की ओर से स्वास्थ्य विभाग को जहां 364 वेंटिलेटर की अधिप्राप्ति हुई. वहीं, राज्य सरकार की ओर से भी 30 वेंटिलेटर उपलब्ध कराया गया है. साथ ही और 100 वेंटिलेटर और केंद्र सरकार की तरफ से प्राप्त होने वाले हैं. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन वेंटिलेटरों के अधिष्ठापन से मेडिकल काॅलेज सह अस्पतालों में कोरोना मरीजों का बेहतर इलाज संभव होगा. जहां कोरोना मरीजों के लिए 100-100 बेड आरक्षित रखे गये हैं.

मातृ मृत्यु दर में गिरावट
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मातृ मृत्यु दर में 2014 के बाद पहली बार 16 अंकों की गिरावट हुई है. 2014-17 के बीच राज्य में प्रति एक लाख पर 165 माताओं की मृत्यु हो जाती थी. उन्होंने कहा कि सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के अनुसार 2018 में वह आंकड़ा गिरकर 149 पर आ गया है. पूरे देश में जहां मातृ मृत्यु दर में पिछले तीन वर्षों में 9 अंकों की कमी आयी. वहीं, बिहार में यह कमी 16 अंकों में आयी है. मंगल पांडे ने कहा कि यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि किस तरह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर बड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई है.

'बिहार में स्वास्थ्य सेवा बड़ी उपलब्धि'
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि बिहार में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की एक और बड़ी उपलब्धि यह है कि 2016 तक बिहार के लोगों का औसत आयु जहां 68.07 वर्ष था. वह एसआरएस 2018 के अनुसार बढ़कर 68.09 वर्ष हो गया है. उन्होंने कहा कि इस तरह लोगों के औसत आयु में 2 महीने की वृद्धि हुई है. इसी तरह शिशु मृत्यु दर भी प्रति हजार 35 से घटकर राष्ट्रीय औसत 32 के बराबरी पर आ गया है, जो पहली बार हुआ है. मंगल पांडे ने कहा कि टीकाकरण के क्षेत्र में भी बिहार आगे बढ़ रहा है. अब 86 फीसदी टीकाकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि इस प्रकार स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न मानकों पर पिछले तीन सालों में गुणात्मक सुधार हुआ है.

'मरीजों के आहार में रखा जा रहा ख्याल'
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आइसोलेशन सेंटरों में इलाजरत कोरोना मरीजों के आहार दर और मेनू निर्धारण का आदेश जारी कर दिया गया है. पहले जहां पौष्टिक आहार के लिए प्रतिदिन प्रति मरीज अधिकतम 100 रुपये मिलते थे, वह अब प्रति मरीज अधिकतम 175 रुपये निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें सुबह का चाय और बिस्किट, नाश्ता, दिन का भोजन, शाम का चाय और बिस्किट समेत रात का भोजन भी शामिल है. साथ ही जहां आरओ की सुविधा नहीं है, वैसे आइसोलेशन सेंटरों पर बोतल बंद शुद्ध पानी के लिए प्रतिदिन प्रति मरीज 50 रुपये अतिरिक्ति निर्धारित किया गया है, ताकि मरीजों को शुद्ध पीने का पानी की कमी न हो.

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