पटना: बिहार में महज तीन साल में स्वास्थ्य विभाग में 21 हजार 530 नियुक्तियां विभिन्न कोटि में हुई है और चार हजार चिकित्सकों की नियुक्ति इसी माह होने वाली है. यह जानकारी गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दी. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में सकारात्मक परिवर्तन प्रतिपक्ष के नेता को दिखाई नहीं देता है, तो प्रतिपक्ष के नेता को नियुक्तियों से जुड़े आंकड़ों को पढ़ लेना चाहिए.
12,621 पदों पर होगी बहाली
स्वास्थ्य विभाग जहां अपनी क्षमताओं का विस्तार कर रहा है. वहीं सुविधाओं में सुधार कर सूबे की जनता को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधायें मुहैया करा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और माननीय उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व में जो काम हुआ है, उसका यह ट्रेलर है.
काॅलेज के निर्माण का कार्य
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि तीन वर्षों में 11 नये मेडिकल काॅलेज और एक डेंटल काॅलज के निर्माण की प्रक्रियाएं सरकार ने पूरी की है. इनमें चार मेडिकल काॅलेज और एक डेंटल काॅलेज के निर्माण का कार्य चल रहा है. दो मेडिकल काॅलेजों का शिलान्यास अगले कुछ दिनों में सम्पन्न होगा. वहीं चार मेडिकल काॅलेजों के लिए निविदा प्रकाशित कर दी गयी है.
नियुक्ति के संबंध में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में 21,530 नियुक्तियां की गयी हैं. जो इस प्रकार है.
- सामान्य चिकित्सक-535
- विशेषज्ञ चिकित्सक-1465
- दंत चिकित्सक-543
- पीजी डिप्लोमा (सत्र-2019-20)-48
- जूनियर रेजिडेंट-1094
- सीनियर रेजिडेंट-1393
- सीनियर रेजिडेंट (पीजी बाॅण्ड) (सत्र-2016-19 और 2017-20)-603
- सहायक प्राध्यापक-1178
- सह प्राध्यापक और प्राध्यापक-245
7104 चिकित्सकों की नियुक्ति
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के विभिन्न मेडिकल काॅलेज सह अस्पताल और जिलों के विभिन्न अस्पतालों के लिए 7104 चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है. इसके अतिरिक्त एनएनएम-6316, जीएनएम-6501, एक्स-रे टेकनिशियन-171, ईसीजी टेकनिशियन- 9, ओटी सहायक-181 और अन्य 1248 नियुक्तियों को मिलाकर कुल 21,530 नियुक्तियां की गयी हैं.
लोगाों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा
इन नियुक्तियों के अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत माह सितम्बर में सामान्य चिकित्सक-221, विशेषज्ञ चिकित्सक-400, जीएनएम-4000 और 8000 एएनएम अर्थात 12,621 पदों के लिए विज्ञापन निकलने वाला है. प्रतिपक्ष की राजनीति करने वाले लोग अच्छी तरह से समझ लें कि राज्य की सरकार लोगाों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें देने के लिए प्रतिबद्ध है.