पटना: राज्य में कोरोना के खिलाफ जारी जंग में अब गर्भवती और बुजुर्गों को संक्रमण से बचाने पर स्वास्थ्य विभाग का विशेष ध्यान होगा. जिला, प्रखंड और पंचायतों तक बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें सूचीबद्ध किया जाएगा. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व में आई केंद्रीय टीम के सुझाव पर स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में कवायद शुरू की है.
केंद्रीय टीम ने पटना और गया में कोरोना संक्रमण का हाल जानने के बाद स्वास्थ्य विभाग को दिल्ली मॉडल पर काम करने का सुझाव दिया. टीम ने कहा कि संक्रमण का सबसे ज्यादा प्रभाव बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है. इन्हें संक्रमण से बचाने के लिए इनकी पहचान जरूरी है. दिल्ली में कुछ इसी तरह से कोरोना पर नियंत्रण पाया गया है. सुझाव के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 85 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी सेविका और तीन हजार से अधिक स्वास्थ्य सेवकों के माध्यम से बुजुर्गों-गर्भवती महिलाओं को सूचीबद्ध करने की रणनीति बनाई है.
जिला स्वास्थ्य विभाग को मुहैया कराएगा रिपोर्ट
गौरतलब है कि कोरोना के शुरुआती दौर में घर-घर स्क्रीनिंग की तर्ज पर यह काम होगा. जिसमें आंगनबाड़ी सेविका और स्वास्थ्य सेवक घर-घर जाकर और बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं की सूची बनाएंगे. इसी क्रम में बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं की प्रत्येक सप्ताह काउंसिलिंग कर उनके स्वास्थ्य का हाल भी जाना जाएगा. वहीं जिला अपने प्रखंडों की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को मुहैया कराएगा.