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कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार, सिविल सर्जन को मुस्तैद रहने का निर्देश

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Published : Nov 30, 2021, 9:04 PM IST

कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए गृह मंत्रालय से मिले अलर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सिविल सर्जन को मुस्तैद रहने का निर्देश दे दिया है. जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने की रणनीति बनाने में जुटा (Health Department Engaged in Making Strategy) है.

Omicron New Variant of Corona Infection
कोरोना की तीसरी लहर

पटना: कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron New Variant of Corona Infection) ने दुनिया भर की चिंताएं बढ़ा दी है. विशेषज्ञ इस बात की आशंका जाहिर कर रहे हैं कि नया वेरिएंट कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) को ला सकता है. भारत में भी इसको लेकर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट किया है. गृह मंत्रालय से अलर्ट मिलने के बाद बिहार में स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिले के सिविल सर्जन को मुस्तैद रहने का निर्देश दिया है. तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने बैठक कर रणनीति बनायी.

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राजधानी पटना में कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने बताया कि प्रदेश में और पटना में कोरोना कंट्रोल में है. तीसरी लहर की संभावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिले में पूरी तैयारी कर ली गई है. जिले के सभी मेडिकल कॉलेजों में कोरोना मरीजों के लिए 100 बेड रखे गए हैं. अभी भी जो पॉजिटिव मामले सामने आते हैं और स्थिति हॉस्पिटलाइजेशन की होती है तो उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में भेजा जाता है.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा सोमवार को सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और अधीक्षक से बात की है और तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए कोरोना मरीजों के लिए अधिक बेड बढ़ाने का आग्रह किया है. सभी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल प्रबंधन के तरफ से उन्हें यह आश्वस्त किया गया कि जरूरत पड़ने पर कोरोना मरीजों के लिए बेड की संख्या आसानी से बढ़ाई जा सकती है. अभी कोरोना मरीजों के लिए पटना के अस्पतालों में 500 बेड है और जरूरत पड़ने संख्या बढ़ाई जाएगी.

देखें वीडियो

सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ती है तो दूसरी लहर के समय जिस प्रकार ऑक्सीजन बेड वाले 10 कोविड-19 केयर सेंटर चलते थे. उसी प्रकार सभी आइसोलेशन सेंटर को फिर से तैयार कर लिया जाएगा और इसके लिए मुश्किल से 2 से 3 दिन का समय लगेगा. जहां आइसोलेशन सेंटर चलते थे, वहां सभी उपकरण मौजूद हैं और उन्हें फिर से रिअरेंज करने की देरी है.

उन्होंने कहा कि कोरोना कंट्रोल करने के लिए पहले से ही रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बस स्टैंड जैसी जगहों पर कोरोना जांच की व्यवस्था है. अब तीसरी लहर के लिए अलर्ट मिला है. इसके बाद एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर गहनता से सभी लोगों की कोरोना जांच की जा रही है. जांच टीम को अधिक से अधिक लोगों का जांच करने का निर्देश दिया गया है. सिविल सर्जन ने बताया कि अगर किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है और उसका ट्रैवल हिस्ट्री अगर फॉरेन का है या कांटेक्ट हिस्ट्री विदेशों से आए लोगों के साथ है तो सैंपल को आगे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा.

प्रदेशभर के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में कुल 30 हजार के करीब मरीजों के लिए बेड उपलब्ध है. जिसमें से 12 हजार के करीब ऑक्सीजन युक्त बेड और 5000 आईसीयू बेड हैं. इसके साथ ही प्रदेशभर के अस्पतालों में कुल 600 के करीब वेंटिलेटर की उपलब्धता है. दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए प्रदेश में 120 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट इंस्टॉल किए गए हैं और अब ऑक्सीजन की समस्या को पूरी तरह दूर कर लिया गया है.

कोरोना के संभावित तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी पूरी है और कोरोना के मामले जैसे बढ़ने लगेंगे उसे कंट्रोल करने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाए जाएंगे. मरीजों को इलाज में किसी प्रकार का कोई तकलीफ न हो इसको लेकर भी स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है.

ये भी पढ़ें- बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक, तारकिशोर प्रसाद की मौजूदगी में शीतकालीन सत्र को लेकर मंथन

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पटना: कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron New Variant of Corona Infection) ने दुनिया भर की चिंताएं बढ़ा दी है. विशेषज्ञ इस बात की आशंका जाहिर कर रहे हैं कि नया वेरिएंट कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) को ला सकता है. भारत में भी इसको लेकर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट किया है. गृह मंत्रालय से अलर्ट मिलने के बाद बिहार में स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिले के सिविल सर्जन को मुस्तैद रहने का निर्देश दिया है. तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने बैठक कर रणनीति बनायी.

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राजधानी पटना में कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने बताया कि प्रदेश में और पटना में कोरोना कंट्रोल में है. तीसरी लहर की संभावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिले में पूरी तैयारी कर ली गई है. जिले के सभी मेडिकल कॉलेजों में कोरोना मरीजों के लिए 100 बेड रखे गए हैं. अभी भी जो पॉजिटिव मामले सामने आते हैं और स्थिति हॉस्पिटलाइजेशन की होती है तो उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में भेजा जाता है.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा सोमवार को सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और अधीक्षक से बात की है और तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए कोरोना मरीजों के लिए अधिक बेड बढ़ाने का आग्रह किया है. सभी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल प्रबंधन के तरफ से उन्हें यह आश्वस्त किया गया कि जरूरत पड़ने पर कोरोना मरीजों के लिए बेड की संख्या आसानी से बढ़ाई जा सकती है. अभी कोरोना मरीजों के लिए पटना के अस्पतालों में 500 बेड है और जरूरत पड़ने संख्या बढ़ाई जाएगी.

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सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ती है तो दूसरी लहर के समय जिस प्रकार ऑक्सीजन बेड वाले 10 कोविड-19 केयर सेंटर चलते थे. उसी प्रकार सभी आइसोलेशन सेंटर को फिर से तैयार कर लिया जाएगा और इसके लिए मुश्किल से 2 से 3 दिन का समय लगेगा. जहां आइसोलेशन सेंटर चलते थे, वहां सभी उपकरण मौजूद हैं और उन्हें फिर से रिअरेंज करने की देरी है.

उन्होंने कहा कि कोरोना कंट्रोल करने के लिए पहले से ही रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बस स्टैंड जैसी जगहों पर कोरोना जांच की व्यवस्था है. अब तीसरी लहर के लिए अलर्ट मिला है. इसके बाद एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर गहनता से सभी लोगों की कोरोना जांच की जा रही है. जांच टीम को अधिक से अधिक लोगों का जांच करने का निर्देश दिया गया है. सिविल सर्जन ने बताया कि अगर किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है और उसका ट्रैवल हिस्ट्री अगर फॉरेन का है या कांटेक्ट हिस्ट्री विदेशों से आए लोगों के साथ है तो सैंपल को आगे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा.

प्रदेशभर के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में कुल 30 हजार के करीब मरीजों के लिए बेड उपलब्ध है. जिसमें से 12 हजार के करीब ऑक्सीजन युक्त बेड और 5000 आईसीयू बेड हैं. इसके साथ ही प्रदेशभर के अस्पतालों में कुल 600 के करीब वेंटिलेटर की उपलब्धता है. दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए प्रदेश में 120 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट इंस्टॉल किए गए हैं और अब ऑक्सीजन की समस्या को पूरी तरह दूर कर लिया गया है.

कोरोना के संभावित तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी पूरी है और कोरोना के मामले जैसे बढ़ने लगेंगे उसे कंट्रोल करने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाए जाएंगे. मरीजों को इलाज में किसी प्रकार का कोई तकलीफ न हो इसको लेकर भी स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है.

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