पटना: कोरोना वायरस को लेकर पूरे बिहार में हाई अलर्ट है. इस मामले पर प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार खुद से मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. सीएम लगातार अधिकारियों से संपर्क मे बने हुए है. उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा है. चिकित्सा सेवा से बने सभी अधिकारियों और अन्य कर्मियों को सेवा में लगातार बने रहने का निर्देश दिया है. बावजूद स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मी ड्यूटी से गायब हैं. ऐसे कर्मियों पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई का मन बना लिया है. विभाग ने ड्यूटी से गायब रहने और अन्य लापरवाही बरतने वाले कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है.
76 चिकित्सा पदाधिकारियों को किया गया है तलब
बता दें कि कोरोना संकट से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रशासनिक दृष्टि से सभी अवकाश रद्द कर दिया था. ऐसे हालात में भी कई चिकित्सा अधिकारी सेवा से बिना बताए गायब है. इस वजह से विभाग ने ऐसे 76 अफसरों को पिछले तीन दिन के अंदर जवाब-तलब किया है. कई अधिकारियों को ड्यूटी से गायब रहने और अन्य लापरवाही के आरोप में कारण बताओ नोटिस दी गई है. वहीं, 122 अधिकारियों पर कार्रावाई की गई है. बताया जा रहा है कि सेवा से गायब 76 अफसरों पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 और अपेडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत सख्त कार्रवाई हो सकती है.
अपेडेमिक डिजीज एक्ट के तहत कार्रवाई संभव
स्वास्थ्य विभाग ने अब तक राज्य के कुल 198 चिकित्सा पदाधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना महामारी के खतरों के बीच सेवा में लापरवाही करने के आरोप में नोटिस दिया है. सभी कर्मी बिना बताए सेवा से गायब थे. बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के जांच में पहले 60, इसके बाद 62 और अंत मे 76 चिकित्सा पदाधिकारी सेवा से गायब मिले थे. सरकार ने इसे घोर लापरवाही माना है. जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग ने 76 चिकित्सा अधिकारियों को नोटिस दी है. विभाग अपने नोटिस में अधिकारियों से कहा है कि ऐसे अफसरों पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 और अपेडेमिक डिजीज एक्ट 1897 की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है. सभी अधिकारियों से सेवा से बिना बताए गायब रहने को लेकर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.