पटना: आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. यह दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. गरीबों को इलाज पर कम पैसे खर्च करने पड़े इसके लिए भारत सरकार ने 2018 में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत की थी.
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बिहार में आयुष्मान योजना के तहत जितने लाभार्थियों को चिह्नित किया गया उनका अब तक आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाया है. चयनित लाभार्थियों और आयुष्मान कार्ड का लाभ ले रहे लाभार्थियों की संख्या में बहुत बड़ा अंतर है. ऐसे में पटना जिले में अधिक से अधिक आयुष्मान लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड से जोड़ने के लिए पटना जंक्शन (Patna Junction) के प्लेटफार्म नंबर एक पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है.
पटना जंक्शन पर यात्रियों को आयुष्मान योजना के लाभ के बारे में जानकारी दी जा रही है. उन्हें बताया जा रहा है कि कैसे योजना से जुड़ सकते हैं. कार्ड बनवाने के लिए कौन-कौन से आईडी प्रूफ चाहिए. पटना जिला की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने कहा, 'आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए बहुत ही बेहतरीन स्वास्थ्य बीमा है. राजधानी पटना में 160 से अधिक प्राइवेट और सरकारी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना से सूचीबद्ध है. यहां गरीब मरीजों का निशुल्क कैशलेस गुणवत्तापूर्ण इलाज संभव है. इस योजना से लाभार्थी को प्रतिवर्ष 5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कवर मिलता है.'
सिविल सर्जन ने कहा, 'पटना में अब तक 311814 लोगों को आयुष्मान कार्ड दिया गया है. 135345 परिवारों को चिह्नित किया गया है जो आयुष्मान कार्ड का लाभ ले रहे हैं. पटना जिला का टारगेट 2990294 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाने का है. 555543 लाभार्थी परिवार पटना जिले में हैं. छठ को लेकर काफी संख्या में प्रवासी लोग बाहर से आ रहे हैं. छठ समाप्त होते ही काफी लोग वापस दूसरे प्रदेशों में काम करने के लिए लौटने लगेंगे. पटना जंक्शन पर लोगों के आवागमन की संख्या काफी अधिक है. इसको देखते हुए पटना जंक्शन पर आयुष्मान भारत योजना को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
"जागरूकता अभियान का उद्देश्य है कि जितने भी लोग बाहर से आ रहे हैं वे आयुष्मान भारत योजना के बारे में जान सकें. वे अपने गांव जाएं तो अपना और अपने परिवार का आयुष्मान कार्ड बनवा लें ताकि उनकी अनुपस्थिति में अगर घर पर किसी सदस्य को चिकित्सीय सहायता की जरूरत पड़ती है तो उस समय पैसे की किल्लत समस्या ना बने. इसके साथ ही बाहर अगर अकेले रह रहे हैं और कुछ चिकित्सीय समस्या आ जाती है तो इलाज के लिए पैसे की किल्लत का सामना नहीं करना पड़े. अगर कोई आधार कार्ड और राशन कार्ड लेकर आता है तो हाथों हाथ उसका आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा."- डॉ विभा कुमारी, सिविल सर्जन, पटना
"जागरूकता कार्यक्रम 1 महीने तक चलेगा. कार्यक्रम बाहर से आने वाले लोगों को ध्यान में रखकर चलाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग आयुष्मान भारत योजना के प्रति जागरूक हों और इससे लाभान्वित हों. विशेष परिस्थिति में अगर किसी का राशन कार्ड में नाम है और उसके पास राशन कार्ड है तो अस्पताल में इलाज की आवश्यकता महसूस होने पर वहां राशन कार्ड और आधार कार्ड दिखाने पर आयुष्मान कार्ड बनाकर दिया जाता है."- डॉ मनोज कुमार, कार्यक्रम पदाधिकारी, आयुष्मान भारत योजना, पटना
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