पटना: बिहार में अब तक कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) का एक भी मामला सामने नहीं आया है. मगर इसके बावजूद जिस प्रकार से यह वेरिएंट पूर्व के वेरिएंट से अधिक खतरनाक नजर आ रहा है, इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) द्वारा प्रदेश में अभी से ही एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं.
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7 राज्यों से आने वाले यात्रियों पर विशेष नजर
देश में 7 राज्य (Seven State) ऐसे हैं, जहां डेल्टा प्लस के मामले काफी सामने आए हैं और इसको देखते हुए इन राज्यों से आने वाले लोगों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष निगरानी के आदेश जारी हुए हैं. रेलवे स्टेशन (Railway Station), बस स्टैंड (Bus Stand) और एयरपोर्ट (Airport) जैसे स्थानों पर इन राज्यों से आने वाले लोगों की सघन कोरोना जांच (Corona Test) करने का निर्देश जारी किया गया है.
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डेल्टा वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता
पटना जिला सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट देशभर के चिकित्सा जगत के लिए नई चुनौती बनकर उभरा है. जहां इसके मामले सामने आ रहे हैं वहां यह देखने को मिला है कि यह वेरिएंट मरीज के फेफड़े को बहुत तेजी से नुकसान पहुंचा रहा है. और फेफड़े की कोशिकाएं बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो रही हैं.
'अभी प्रदेश में इसका मामला अब तक नहीं मिला है मगर समय रहते अभी से ही इसकी रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाना जरूरी हो गया है और इसी के तहत 7 राज्य जिसमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से पटना आने वाले यात्रियों का कोविड-19 के लिए जिला निगरानी इकाइयों के द्वारा कोरोना जांचें अनिवार्य रूप से किया जाएगा.' : डॉ विभा कुमारी, सिविल सर्जन
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कोरोना जांच टीम को किया गया अलर्ट
सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि अगर इनमे से किसी का रिपोर्ट पॉजिटिव आता है तो उनके सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएंगे. इसके अलावा अगर पटना में कहीं भी कोरोना के पॉजिटिव रिपोर्ट ऐसे मिलते हैं जिनका हिस्ट्री इन 7 राज्यों से जुड़ा रहा है उनका भी सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा. कोरोना के इस नए वेरिएंट के खतरे को रोकने के लिए शहर के एयरपोर्ट, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और हाईवे इत्यादि जगह पर लगी कोरोना जांच टीमों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है.
जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कोरोना के डेल्टा प्लस स्ट्रेन के बारे में बताते हुए पटना एम्स (Patna AIIMS) के डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि वायरस की अपनी प्रॉपर्टी होती है. वह अपने सर्वाइवल के लिए अपना म्यूटेशन करते रहता है और आकार बदलते रहता है. इस म्यूटेशन के बाद डेल्टा प्लस स्ट्रेन को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' कहा जा रहा है.
''अगर ये वैक्सीन को चकमा दे सकता है. लंग्स से इसे चिपकने की बात कही जाती है. यह लंग्स के रिसेप्टर्स से मजबूती से जुड़ जाता है. बाकी वेरीएंट के मुकाबले में इसके अगेंस्ट में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी भी काम नहीं करता है और इसकी ट्रांसमिसिबिलिटी यानी फैलने की दर काफी तेज होती है. अगर यह सब सही है, तो इसे वैरीअंट ऑफ कंसर्न कहा जाएगा. मगर अभी इन सारे बात को पुष्टि करने के लिए हमें और डाटा चाहिए और मरीज चाहिए, जिसमें डेल्टा प्लस वेरिएंट पाया गया.'' - डॉक्टर अनिल कुमार, पटना एम्स
ये लक्षण हो तो कराएं जांच:
यह हमारे इम्यूनिटी को कमजोर भी कर सकता है और उसे चकमा भी दे सकता है. लोगों में सिरदर्द, नाक से पानी आना और गले में खराश जैसे आम लक्षण संभव हैं. ऐसे इसमें मरीज जल्दी गंभीर रूप से बीमार हो जा रहे हैं और दवाई का भी अधिक असर नहीं हो रहा है.
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ऐसे करें बचाव:
- घर से बाहर जाएं तो डबल मास्क लगाएं.
- सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
- बाहर से घर आएं तो हाथों को करीब 20 सेकेंड तक धोएं.
- बाहर से लाए हुए सामान को डिसइंफेक्ट करें.
डॉक्टर की सलाह
डॉक्टर अनिल कुमार ने कहा कि जहां भी वायरस का यह स्ट्रेन मिलता है, तो सरकार उस एरिया को पूरी तरह लॉक करें और तेजी से अनलॉक ना करें. टेस्टिंग एंड ट्रैकिंग बढ़ाएं. वैक्सीनेशन अवश्य करवाएं और मास्क पहनें. मास्क पहनने से हम किसी भी वेरिएंट के ट्रांसमिशन को रोक सकते हैं. जेनेटिक सीक्वेंसिंग उन सभी मरीजों में बढ़ाई जाए, जिनमें कोरोना के लक्षण पाए जा रहे हैं.
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