पटना: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े राज्य के स्वास्थ्य संविदा कर्मी मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. इस बाबत सोमवार को पटना जिला स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ ने गर्दनीबाग स्थित सिविल सर्जन कार्यालय में पहुंच कर सिविल सर्जन को हड़ताल का ज्ञापन सौंपा. इस दौरान पटना जिला स्वास्थ्य संविदा कर्मियों ने सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
'कई गुना ज्यादा लिया जाता है काम'
पटना जिला स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ की अध्यक्ष शिप्रा चौहान ने कहा कि 2007 में जब से हमलोगों ने जॉइनिंग की है, तब से वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे है. लेकिन आज तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि हमलोग काफी कम वेतन में काम करते हैं. जबकि काम कई गुना ज्यादा लिया जाता है. वहीं, उन्होंने कहा कि जॉइनिंग के समय यह कहा गया था कि समान काम के बदले समान वेतन मिलेगा. लेकिन यह नहीं हुआ.
'मानदेय में 15% की जाए वार्षिक वृद्धि'
पटना जिला स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के महासचिव रणधीर कुमार ने बताया कि आज एनएचएम से जुड़े सभी स्वास्थ्य संविदा कर्मी सांकेतिक हड़ताल पर थे और अपनी मांगों को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. जिसका ज्ञापन सिविल सर्जन को देने वे लोग सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि उनकी प्रमुख मांगे हैं कि उन लोगों के साथ एचआर पॉलिसी लागू किया जाए और उनके मानदेय में 15% की वार्षिक वृद्धि की जाए.
'अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे संविदा कर्मी'
महासचिव रणधीर कुमार ने कहा कि कोरोना काल में उन लोगों ने जिस प्रकार से काम किया है. इसके बदले सरकार की ओर से जो 1 महीने का समतुल्य वेतन देने का बात कहा गया था, उसका भुगतान किया जाए. उन्होंने बताया कि हड़ताल पर जाने से पूर्व 10 जुलाई को मुख्यमंत्री कार्यालय, स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय समेत सभी जुड़े हुए विभागों को इसका ज्ञापन दिया गया था. लेकिन ज्ञापन के आलोक में कोई संज्ञान नहीं लिया गया. जिसके बाद मजबूरन वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जब तक उनकी मांगे नहीं मान लेती है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े पटना जिला स्वास्थ्य संविदा कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.