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Opposition Unity: क्या सिर्फ विपक्षी एकता के लिए ही RJD-JDU ने कर्नाटक चुनाव से बनाई दूरी? बोली BJP- 'ये सब दिखावा'

नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता को लेकर भरसक प्रयास में जुटे हैं. वो कई विपक्षी नेताओं से मिल चुके हैं और कईयों से मिलना अभी बाकी है. इस बीच कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी विपक्षी एकता देखने को मिल रही है, क्योंकि आरजेडी और जेडीयू ने वहां अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. हालांकि बीजेपी इसे विपक्षी एकजुटता के नाम पर दिखावा बता रही है.

कर्नाटक चुनाव का विपक्षी एकजुटता पर पड़ेगा असर
कर्नाटक चुनाव का विपक्षी एकजुटता पर पड़ेगा असर
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Published : May 8, 2023, 12:38 PM IST

कर्नाटक चुनाव के बहाने विपक्षी एकता का संदेश

पटनाः कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर है. 10 मई को चुनाव होना है और 13 मई को रिजल्ट आएगा. बीजेपी के खिलाफ इन दिनों नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता की मुहिम चला रहे हैं और कर्नाटक चुनाव में भी विपक्षी एकजुटता को लेकर बिहार की प्रमुख सत्ताधारी दल आरजेडी और जदयू ने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि विपक्षी वोटों का बिखराव नहीं हो, इसकी कोशिश हम लोगों ने की है. कर्नाटक चुनाव के रिजल्ट का पूरे देश में एक मैसेज जाएगा. वहीं बीजेपी कह रही है कि कर्नाटक में जदयू और आरजेडी का कोई आधार नहीं है, इसलिए विपक्षी एकजुटता के नाम पर यह दिखावा है. उधर, राजनीतिक विशेषज्ञ कह रहे हैं कि कर्नाटक चुनाव में यदि कांग्रेस जीत गई तो विपक्षी एकजुटता पर असर पड़ना तय है. पढ़ें एक रिपोर्ट..

ये भी पढ़ेंः Mission 2024: विपक्षी एकजुटता के लिए JP की भूमिका में नीतीश! क्या महागठबंधन का बिहार मॉडल देश के लिए होगा कारगर?

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में विपक्षी एकजुटताः 2018 में जदयू ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 28 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इस बार जदयू ने विपक्षी एकजुटता के नाम पर एक भी उम्मीदवार नहीं उतारा. इसी तरह आरजेडी के तरफ से भी कर्नाटक में चुनाव नहीं लड़ा जा रहा है इसी साल नागालैंड में जब विधानसभा का चुनाव हुआ था और उसमें जदयू आरजेडी के साथ चिराग पासवान की पार्टी ने भी चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार तीनों दल चुनाव से दूरी बनाकर रखे हुए हैं. जदयू और आरजेडी नेताओं का कहना है कि विपक्षी वोट का बिखराव नहीं हो इसलिए हम लोगों ने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं और कर्नाटक चुनाव के माध्यम से पूरे देश में एक मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं.

"विपक्षी वोट का बिखराव नहीं हो इसलिए हम लोगों ने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. हमलोगों का पूरा समर्थन बीजेपी के खिलाफ है और कर्नाटक चुनाव के माध्यम से पूरे देश में एक मैसेज देने प्रयास है"- राहुल शर्मा, जदयू प्रवक्ता

विपक्ष की एकजुटता के नाम पर सिर्फ दिखावाः वहीं, बीजेपी का कहना है जदयू और आरजेडी का कोई आधार कर्नाटक में नहीं है. कर्नाटक में बीजेपी कांग्रेस और जेडीएस के बीच ही मुकाबला है. इसलिए विपक्ष की एकजुटता के नाम पर इस तरह की बात कहना सिर्फ दिखावा है. राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर अजय झा का भी कहना है कि कहने के लिए विपक्षी एकजुटता के नाम पर भले ही जदयू और आरजेडी चुनाव कर्नाटक में नहीं लड़ी है. लेकिन कर्नाटक चुनाव में इन लोगों की कोई बड़ी भूमिका हो नहीं सकती है क्योंकि वहां बहुत ज्यादा इनका आधार नहीं है.

"विपक्षी एकजुटता के नाम पर एक अच्छी पहल है लेकिन कर्नाटक चुनाव में यदि कांग्रेसी जीत जाती है तो आने वाले समय में विपक्षी एकजुटता पर असर पड़ना तय है, क्योंकि कांग्रेस लीड लेना चाहेगी"- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ

कर्नाटक चुनाव के बाद बिहार में होगी बड़ी बैठकः आपको बता दें कि कर्नाटक चुनाव के रिजल्ट का विपक्षी एकजुटता पर असर पड़ना तय माना जा रहा है क्योंकि बिहार में कर्नाटक चुनाव के बाद विपक्षी एकजुटता को लेकर एक बड़ी बैठक होगी और मुहिम की शुरुआत भी की जाएगी. बैठक को लेकर नीतीश कुमार विपक्षी दलों के नेताओं से एक-एक कर मुलाकात कर रहे हैं और रोडमैप तैयार करें हैं ऐसे में कर्नाटक में यदि बीजेपी जीत जाती है तो यह मुहिम इसी तरह आगे बढ़ती रहेगी लेकिन कांग्रेस जीतती है तब यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी एकजुटता किस दिशा में जाती है, फिलहाल जदयू और आरजेडी के नेता ये जरूर कह रहे हैं कि विपक्षी एकजुटता के नाम पर हम लोग बीजेपी के खिलाफ कर्नाटक में जो भी विपक्ष के दल हैं, उनकी मदद करना चाहते हैं.

कर्नाटक चुनाव के बहाने विपक्षी एकता का संदेश

पटनाः कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर है. 10 मई को चुनाव होना है और 13 मई को रिजल्ट आएगा. बीजेपी के खिलाफ इन दिनों नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता की मुहिम चला रहे हैं और कर्नाटक चुनाव में भी विपक्षी एकजुटता को लेकर बिहार की प्रमुख सत्ताधारी दल आरजेडी और जदयू ने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि विपक्षी वोटों का बिखराव नहीं हो, इसकी कोशिश हम लोगों ने की है. कर्नाटक चुनाव के रिजल्ट का पूरे देश में एक मैसेज जाएगा. वहीं बीजेपी कह रही है कि कर्नाटक में जदयू और आरजेडी का कोई आधार नहीं है, इसलिए विपक्षी एकजुटता के नाम पर यह दिखावा है. उधर, राजनीतिक विशेषज्ञ कह रहे हैं कि कर्नाटक चुनाव में यदि कांग्रेस जीत गई तो विपक्षी एकजुटता पर असर पड़ना तय है. पढ़ें एक रिपोर्ट..

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में विपक्षी एकजुटताः 2018 में जदयू ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 28 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इस बार जदयू ने विपक्षी एकजुटता के नाम पर एक भी उम्मीदवार नहीं उतारा. इसी तरह आरजेडी के तरफ से भी कर्नाटक में चुनाव नहीं लड़ा जा रहा है इसी साल नागालैंड में जब विधानसभा का चुनाव हुआ था और उसमें जदयू आरजेडी के साथ चिराग पासवान की पार्टी ने भी चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार तीनों दल चुनाव से दूरी बनाकर रखे हुए हैं. जदयू और आरजेडी नेताओं का कहना है कि विपक्षी वोट का बिखराव नहीं हो इसलिए हम लोगों ने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं और कर्नाटक चुनाव के माध्यम से पूरे देश में एक मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं.

"विपक्षी वोट का बिखराव नहीं हो इसलिए हम लोगों ने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. हमलोगों का पूरा समर्थन बीजेपी के खिलाफ है और कर्नाटक चुनाव के माध्यम से पूरे देश में एक मैसेज देने प्रयास है"- राहुल शर्मा, जदयू प्रवक्ता

विपक्ष की एकजुटता के नाम पर सिर्फ दिखावाः वहीं, बीजेपी का कहना है जदयू और आरजेडी का कोई आधार कर्नाटक में नहीं है. कर्नाटक में बीजेपी कांग्रेस और जेडीएस के बीच ही मुकाबला है. इसलिए विपक्ष की एकजुटता के नाम पर इस तरह की बात कहना सिर्फ दिखावा है. राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर अजय झा का भी कहना है कि कहने के लिए विपक्षी एकजुटता के नाम पर भले ही जदयू और आरजेडी चुनाव कर्नाटक में नहीं लड़ी है. लेकिन कर्नाटक चुनाव में इन लोगों की कोई बड़ी भूमिका हो नहीं सकती है क्योंकि वहां बहुत ज्यादा इनका आधार नहीं है.

"विपक्षी एकजुटता के नाम पर एक अच्छी पहल है लेकिन कर्नाटक चुनाव में यदि कांग्रेसी जीत जाती है तो आने वाले समय में विपक्षी एकजुटता पर असर पड़ना तय है, क्योंकि कांग्रेस लीड लेना चाहेगी"- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ

कर्नाटक चुनाव के बाद बिहार में होगी बड़ी बैठकः आपको बता दें कि कर्नाटक चुनाव के रिजल्ट का विपक्षी एकजुटता पर असर पड़ना तय माना जा रहा है क्योंकि बिहार में कर्नाटक चुनाव के बाद विपक्षी एकजुटता को लेकर एक बड़ी बैठक होगी और मुहिम की शुरुआत भी की जाएगी. बैठक को लेकर नीतीश कुमार विपक्षी दलों के नेताओं से एक-एक कर मुलाकात कर रहे हैं और रोडमैप तैयार करें हैं ऐसे में कर्नाटक में यदि बीजेपी जीत जाती है तो यह मुहिम इसी तरह आगे बढ़ती रहेगी लेकिन कांग्रेस जीतती है तब यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी एकजुटता किस दिशा में जाती है, फिलहाल जदयू और आरजेडी के नेता ये जरूर कह रहे हैं कि विपक्षी एकजुटता के नाम पर हम लोग बीजेपी के खिलाफ कर्नाटक में जो भी विपक्ष के दल हैं, उनकी मदद करना चाहते हैं.

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