पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने आज जनता दरबार (Janta Darbar) में फरियादियों की शिकायतें सुनी. सीएम स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण सहित कई विभागों की शिकायत सुनी. जनता दरबार में बिहार (Bihar) के अलग-अलग जिलों से लोग शिकायत लेकर पहुंचे. इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) से आंगनबाड़ी में नियुक्ति नहीं किए जाने की शिकायत लेकर पहुंची एक दिव्यांग महिला मुख्यमंत्री के रवैया से नाराज दिखी.
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दिव्यांग महिला राम पुकारी देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुनते कहां है, सीधे सचिव के पास भेज देते हैं. महिला ने कहा कि पैसा का मेरिट देखा जा रहा है इसिलिए दिव्यांग की नियुक्ति नहीं हो रही है. राम पुकारी देवी का कहना था कि मुख्यमंत्री जनता दरबार में शिकायत लेकर जरूर आए थे लेकिन जो उनकी समस्या थी उसका समाधान नहीं हुआ.
वहीं मुजफ्फरपुर से ही आई एक अन्य महिला विमला कुमारी ने बताया कि नियक्ति के लिए सीडीपीओ पहले 50 हजार रुपये की मांग कर रहे थे. फिर एक लाख से अधिक की मांग की. मेरे पास पैसा नहीं था तो हम कहां से देंगे. विमला कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी बात को सुना नहीं सीधे सचिव के पास भेज दिया. समाज कल्याण विभाग के सचिव को हमने पूरी बात बताई है और सचिव ने पूरे मामले में जांच कराने की बात कही है.
बता दें कि अक्टूबर महीने के द्वितीय सोमवार के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार आज मुख्यमंत्री स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभाग जुड़े मामले सुने रहे हैं. इसके लिए पहले से ही आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है.
दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते हैं. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.
जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.
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