पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर मतदान हुआ. कोरोना काल में हो रहे इस चुनाव में वोटरों में काफी उत्साह देखने को मिला. सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लंबी-लंबी लाइनें दिखी. पहले चरण की तरह ही इस बार भी मतदाताओं ने लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया.
मतदान हर नागरिक का अधिकार है, लेकिन शारीरिक रूप से अक्षम मतदाता सुविधा न मिल पाने से लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी नहीं कर पाते हैं. हर दिव्यांग को मताधिकार का महत्व बताने के साथ इन्हें मतदान घर से बूथ तक सुविधाएं प्रदान की जानी चाहि्ए थी. दिव्यांगता के आधार पर इन्हें घर से बूथ तक मतदान कराने की सुविधाएं भी मुहैया करायी जानी चाहिए थी. लेकिन इस बार मतदान केंद्र पर ट्राई साइकिल की सुविधा नहीं मिली .
दिव्यांग मतदाताओं में खास नाराजगी
फुलवारी विधानसभा में इस बार कई मतदान केंद्रों पर दिव्यांग वोटरों को बूथ तक जाने के लिए कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई. जबकि चुनाव आयोग के गाइडलाइन के अनुसार दिव्यांग वोटर एवं सीनियर सिटीजन वोटरों के लिए खास व्यवस्था एवं सुविधा देने की बात कही गई थी. दिव्यांग वोटरों के लिए ट्राई साइकिल की व्यवस्था की जानी थी.
'ट्राई साइकिल की उम्मीद में डाला वोट'
पुनपुन प्रखंड के लछुबिगहा गांव के लक्ष्मण यादव जो दोनों पैरों से दिव्यांग हैं, उन्होंने कहा कि कई बार हमने यह सोचकर वोट किया है. कोई नेता आएगा तो हमें ट्राई साइकिल दिलाएगा लेकिन अभी तक यह सुविधा में नहीं मिल पाई है. अगर इस बार हमें ट्राई साइकिल नहीं मिलेगा तो अगली बार से हम वोट नहीं डालेंगे.
मतदान केंद्र पर ट्राई साइकिल की भी सुविधा नहीं
लक्ष्मण यादव के साथ जो पुनपुन प्रखंड के लछुबिगहा के रहने वाले हैं, जो दोनों पैर से विकलांग हैं. हर बार चुनाव में यह सोचकर वोट डालने जाते हैं कि हमें कोई ऐसा नेता आएगा, जो मुझे ट्राई साइकिल दिलवाएगा. लेकिन आज तक किसी नेता ने चुनाव जीतने के बाद हमारी सुधि नहीं ली है. उम्मीद लेकर इस बार नेता को वोट डालने पहुंचे हैं हालांकि मतदान केंद्र पर ट्राई साइकिल की भी सुविधा नहीं मिली है.