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'अगर विधायक के बच्चे दूसरे राज्यों से बिहार आ सकते हैं तो मजदूर क्यों नहीं?' - ham leader statement

हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि नीतीश सरकार के मंत्री, विधायक और नौकरशाह अपने बच्चों को बाहर से ले आ रहे हैं, लेकिन गरीबों और मजदूरों की चिंता करने वाला कोई नहीं है.

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Published : Apr 20, 2020, 4:22 PM IST

पटना: बीजेपी विधायक अनिल कुमार के कोटा से बेटी को वापस लाए जाने के वाकये के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. विपक्षी दलों का कहना है कि बिहार के अंदर लॉकडाउन के मायने आम और खास के लिए अलग-अलग हैं. एक ओर नीतीश कुमार ये कहते हैं कि कोटा से बच्चों को नहीं लाया जाना चाहिए, लेकिन बीजेपी विधायक अपनी बेटी को कोटा से ले आते हैं.

'मजदूरों को भी लाया जाना चाहिए वापस'
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने नीतीश कुमार पर चौतरफा हमला बोला है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी ट्वीट कर कहा कि सरकार बिहार के बाहर फंसे मजदूरों के लिए भी चिंता करें.

देखें रिपोर्ट

मांझी ने ट्वीट कर लिखा कि 'ये देखिये बिहार के सीएम नीतीश कुमार जी को, जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कोटा में फंसे अपने प्रदेश के सभी छात्रों को निकलवा रहे हैं. वहीं, ये महाशय अपने विधायक के परिजन को लाने को आतुर हैं. कभी उस गरीबों के बारे में भी सोच लिया करिए जो आथिर्क तंगी और भुखमरी की मार झेल रहे हैं.'

  • ये देखिये बिहार के CM @NitishKumar जी को जहाँ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कोटा में फंसे अपने प्रदेश के सभी छात्रों को निकलवा रहे हैं | वही ये महाशय अपने विधायक के परिजन को लाने को आतुर है| कभी उस गरीबो के बारे में भी सोच लिया करीये जो आथिर्क तंगी और भुखमरी कि मार झेल रहा है. pic.twitter.com/1gqzZNk03t

    — Jitan Ram Manjhi (@JitanramMajhi) April 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'सरकार में बैठे लोग ही कर रहे हैं नियमों का उल्लंघन'
वहीं, पार्टी प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि नीतीश सरकार के मंत्री, विधायक और नौकरशाह अपने बच्चों को बाहर से ले आ रहे हैं, लेकिन गरीबों और मजदूरों की चिंता करने वाला कोई नहीं है. अगर वीआईपी और वीवीआईपी के बच्चे आ सकते हैं तो मजदूरों को बिहार क्यों नहीं लाया जा सकता है.

पटना: बीजेपी विधायक अनिल कुमार के कोटा से बेटी को वापस लाए जाने के वाकये के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. विपक्षी दलों का कहना है कि बिहार के अंदर लॉकडाउन के मायने आम और खास के लिए अलग-अलग हैं. एक ओर नीतीश कुमार ये कहते हैं कि कोटा से बच्चों को नहीं लाया जाना चाहिए, लेकिन बीजेपी विधायक अपनी बेटी को कोटा से ले आते हैं.

'मजदूरों को भी लाया जाना चाहिए वापस'
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने नीतीश कुमार पर चौतरफा हमला बोला है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी ट्वीट कर कहा कि सरकार बिहार के बाहर फंसे मजदूरों के लिए भी चिंता करें.

देखें रिपोर्ट

मांझी ने ट्वीट कर लिखा कि 'ये देखिये बिहार के सीएम नीतीश कुमार जी को, जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कोटा में फंसे अपने प्रदेश के सभी छात्रों को निकलवा रहे हैं. वहीं, ये महाशय अपने विधायक के परिजन को लाने को आतुर हैं. कभी उस गरीबों के बारे में भी सोच लिया करिए जो आथिर्क तंगी और भुखमरी की मार झेल रहे हैं.'

  • ये देखिये बिहार के CM @NitishKumar जी को जहाँ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कोटा में फंसे अपने प्रदेश के सभी छात्रों को निकलवा रहे हैं | वही ये महाशय अपने विधायक के परिजन को लाने को आतुर है| कभी उस गरीबो के बारे में भी सोच लिया करीये जो आथिर्क तंगी और भुखमरी कि मार झेल रहा है. pic.twitter.com/1gqzZNk03t

    — Jitan Ram Manjhi (@JitanramMajhi) April 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'सरकार में बैठे लोग ही कर रहे हैं नियमों का उल्लंघन'
वहीं, पार्टी प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि नीतीश सरकार के मंत्री, विधायक और नौकरशाह अपने बच्चों को बाहर से ले आ रहे हैं, लेकिन गरीबों और मजदूरों की चिंता करने वाला कोई नहीं है. अगर वीआईपी और वीवीआईपी के बच्चे आ सकते हैं तो मजदूरों को बिहार क्यों नहीं लाया जा सकता है.

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