पटना: आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट (RRB NTPC Result) को लेकर छात्रों का आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है, ये आंदोलन छात्रों को न्याय मिलने तक अहिंसात्मक तरीके से जिंदा है. ये कहना है बिहार के गुरु रहमान सर का. उन्होंने बताया कि CBT 1 का रिजल्ट 14 जनवरी को जारी किया गया था. रिजल्ट जारी होते ही प्रतियोगी छात्रों का असंतोष उभरकर सामने आया. इस आंदोलन का कोई नेता नहीं था. लिहाजा धीरे धीरे ये आंदोलन उग्र होता गया. आंदोलन की आड़ में असामाजिक तत्वों की एंट्री और पॉलिटिकल समर्थन ने छात्रों के मूवमेंट को झटका दे दिया. हालांकि छात्रों के असंतोष की बात सरकार तक पहुंची. रेल मंत्रालय ने इस मामले में कमेटी का गठन कर जांच शुरू कर दी. इस मामले में गुरु रहमान बता रहे हैं Action, Background, Clarification, Detail यानी प्रदर्शन की ABCD.
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(A) ACTION - कमेटी के गठन से भी छात्र संतुष्ट नहीं (Students are not satisfied on committee) हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान गुरु रहमान (Guru Rahman) ने भी अपनी ओर से असंतुष्टि जाहिर की. उन्होंने बताया कि आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा में 35 हजार पदों के लिए सवा करोड़ छात्र सम्मिलित हुए थे. लंबे इंतजार के बाद परीक्षा हुई. रिजल्ट जारी हुआ तो विवाद पैदा हो गया. छात्रों ने विवाद की ओर रेलवे का ध्यान भी आकृष्ट कराया लेकिन उसे तब ध्यान नहीं दिया गया. जिसके बाद से हंगामा जारी है.
(B) BACKGROUND- दरअसल 2019 में आरआरबी ने नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी यानी कि एनटीपीसी के अलग-अलग ग्रेड पे पर 35000 पदों के लिए वैकेंसी निकली. दिसंबर 2020 से जुलाई 2021 के बीच देशभर में इस भर्ती के लिए पहले चरण की परीक्षा संपन्न हुई. रिजल्ट 14 जनवरी 2022 को आया. रिजल्ट को लेकर कि छात्रों में असंतोष इसलिए हो गया क्योंकि जब रेलवे ने विज्ञापन निकाला था तब पहले चरण की परीक्षा में रिक्त पदों के आलोक में 20 गुना छात्रों को पास करने की बात कही थी. रिजल्ट 20 गुना जारी हुए लेकिन छात्रों की संख्या बीस गुना ना होकर एक ही रोलनंबर को एक से अधिक पदों के लिए जारी कर दिये गये. इसतरह रोलनंबर 20 गुना जारी हुए न कि छात्र संख्या.
ग्रुप डी में CBT 1 परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद मेंस परीक्षा की बात कही गई थी. जिससे छात्रों का आक्रोश और बढ़ गया. छात्रों के बीच रिजल्ट को लेकर बढ़ते आक्रोश ने आंदोलन का रूप ले लिया और छात्र बिना किसी नेतृत्व के प्रदर्शन करने लगे. इसी बीच राजेंद्र नगर टर्मिनल पर छात्रों ने प्रोटेस्ट किया जहां कुछ असामाजिक तत्वों ने छात्रों के प्रदर्शन में घुसकर हिंसक घटनाओं को अंजाम दे दिया. इस दौरान पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा. मामला रेलवे बोर्ड के पास पहुंचा जिसके बाद रेलवे बोर्ड ने कमेटी बनाई और छात्रों से रिजल्ट को लेकर जो कुछ भी समस्याएं हैं उसे कमेटी के सामने रखने को कहा गया.
(C) CLARIFICATION- गुरु रहमान ने छात्रों के आंदोलन को भड़काने का जिम्मेदार हो रही सियासत को माना. उन्होंने कहा कि जब चुनाव आते हैं तो राजनीतिक दल रोजगार की बात करते हैं. बेरोजगारी के मुद्दे को उठाते हैं. लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म होता है सत्ता पक्ष और विपक्ष इसे भूल जाते हैं. छात्रों के लिए जब वैकेंसी नहीं आ रही थी तब किसी राजनीतिक दल ने विरोध नहीं किया ? वैकेंसी आने के बाद एग्जाम नहीं हो रहा था तब किसी ने विरोध नहीं कियाय़ एग्जाम के बाद जब रिजल्ट आया और रिजल्ट में गड़बड़ी हुई तब भी राजनीतिक दलों ने विरोध नहीं किया? वैकेंसी निकालने की मांग हो या फिर एग्जाम कंडक्ट कराने की या फिर रिजल्ट देने की, तमाम मांगों को लेकर छात्र अकेले डटे रहे. छात्रों ने ट्विटर पर लगातार अपनी मांग को ट्रेंड कराकर अपनी मांगों को पूरा कराया.
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(D) DETAIL- रेलवे छात्रों का आंदोलन अभी भी जिंदा (Railway student movement still alive) है. गुरु रहमान ने बताया कि छात्रों ने राजनीतिक दलों के बंद में अपना समर्थन नहीं दिया था. छात्र घर बैठे अपने आंदोलन को जीवित रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि भले ही आरआरबी ने कमेटी का गठन कर दिया हो लेकिन ना हीं उनके जैसे शिक्षक और ना ही छात्र रेलवे बोर्ड के इस निर्णय से संतुष्ट हैं. छात्र अभी भी आंदोलन कर रहे हैं और उन्हें वह अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं. लेकिन, वह छात्रों से अपील करेंगे कि रेलवे बोर्ड जब तक छात्रों की मांग को लेकर फाइनल अधिसूचना जारी नहीं करता है, तब तक आंदोलन करते रहें. आंदोलन अहिंसक रूप से हो, धरने पर बैठें, भूख हड़ताल करें और किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहें.
गुरु रहमान ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने जो कमेटी गठित की है उसमें शिक्षकों को भी छात्रों की समस्याओं को कमेटी के सामने जाकर बताना है. ऐसे में सोमवार का दिन उनके लिए तय हुआ है. वह महेंद्रु स्थित रेलवे बोर्ड के परिसर में अपने छात्रों के साथ जाकर कमेटी के सामने रिजल्ट को लेकर जो कुछ भी खामियां हैं सामने रखेंगे.
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रिजल्ट के इन मुद्दों पर है छात्रों का विरोध, कमेटी के सामने रखे जाएंगे यह मुद्दे-
- डिजिटल वेरीफिकेशन (DV) के समय वर्तमान स्थिति का EWS सर्टिफिकेट एक्सेप्ट किया जाए.
- ग्रुप डी एग्जाम का टेंडर NSEIT के बजाय TCS को दिया जाए.
- नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया से विद्यार्थियों के बीच अंतर काफी ज्यादा बढ़ गया है इसलिए इसके विकल्प की आवश्यकता है.
- वेटिंग लिस्ट का प्रावधान किया जाए ताकि एक भी सीट खाली ना रह जाए.
- आरआरबी एनटीपीसी CBT-1 में 20 गुना यूनिक विद्यार्थियों का रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया जाए.
- रेलवे ग्रुप डी में से CBT-2 को हटाया जाए.
- रेलवे ग्रुप डी में DV के लिए शॉर्टलिस्ट विद्यार्थियों की संख्या को पहले के नियमानुसार 1.5 गुना किया जाए.
- रेलवे द्वारा जारी नए नोटिस के अनुसार मेडिकल स्टैंडर्ड्स को समाप्त किया जाए और पहले के नोटिफिकेशन के अनुसार ही मेडिकल स्टैंडर्ड्स की अनुमति दी जाए.
- विद्यार्थियों पर दर्ज एफआइआर अविलंब वापस हों.
- फाइनेंशियल ईयर के शुरुआत में रेलवे भर्ती बोर्ड का एग्जाम कैलेंडर हर वर्ष जारी हो, जिसमें उस फाइनेंशियल ईयर में आने वाली नई भर्तियों का भी जिक्र हो.
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