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BSSC Paper Leak Issue: गुरु रहमान ने आवाज की बुलंद..बोले-'तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द होनी चाहिए' - शिक्षाविद गुरु रहमान

बीएसएससी के तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द करने की अभ्यर्थियों ने मांग (Demand to cancel BSSC exam ) की है. अगर ऐसा 29 तक नहीं होता है तो 30 जनवरी को आयोग कार्यालय का घेराव किया जाएगा. छात्रों के इस मांग का शिक्षाविद् गुरु रहमान ने भी समर्थन किया है और कहा कि छात्रों की मांग जायज है और तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द होनी चाहिए. पढ़ें पूरी खबर..

शिक्षाविद गुरु रहमान
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Published : Jan 26, 2023, 8:35 PM IST

बीएसएससी पेपर लीक पर बोले गुरु रहमान

पटना: बिहार में बीएसएससी सीजीएल तीन के तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों ने चेतावनी दे ही है कि 29 तक तीनों परीक्षा रद्द की जाए, नहीं तो 30 जनवरी को आयोग कार्यालय का घेराव किया जाएगा. ऐसे में छात्रों के इस मांग पर प्रख्यात शिक्षाविद् गुरु रहमान (Guru Rahman on BSSC Paper Leak Case) ने आवाज बुलंद की है और छात्रों के समर्थन में उन्होंने सरकार से मांग किया है कि छात्रों की मांग जायज है और तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द होनी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः BSSC Paper Leak issue: तीनों शिफ्ट की परीक्षा करें रद्द, नहीं तो 2025 में अंजाम भुगतेंगे तेजस्वी

एक परीक्षा रद्द होना बाकी के साथ अन्यायः छात्रों का कहना है कि तीनों शिफ्ट की परीक्षा के दौरान क्वेश्चन पेपर लीक हुए हैं और सिर्फ पहली शिफ्ट की परीक्षा को रद्द कर आयोग छह लाख से अधिक अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी कर रहा है. इस पर गुरु रहमान ने कहा कि वह बिल्कुल स्पष्ट बोलते हैं. भले ही सच बोलने के कारण उन पर कभी-कभी गाज गिर जाती है. उन्होंने कहा कि आयोग को यदि परीक्षा कैंसिल नहीं करनी थी तो तीनों शिफ्ट की परीक्षा को कैंसिल नहीं करते, लेकिन एक शिफ्ट की परीक्षा कैंसिल कर बाकी दो शिफ्ट में बैठे अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया जा रहा है.

नैतिकता के तौर पर तीनों परीक्षा रद्द करे आयोगः गुरु रहमान ने कहा कि जिन बच्चों की परीक्षा कैंसिल हुई है, उनके बारे में दूसरे बच्चे सोच रहे हैं कि ऐसे बच्चों को 45 दिनों का अलग से बेहतर तरीके से तैयारी कर कर कदाचार मुक्त माहौल में परीक्षा देने का मौका मिला है. उन लोगों ने पेपर लीक वाले माहौल में परीक्षा दी है. इसमें सेटिंग बाज अभ्यर्थी बाजी मार जाएंगे. बीएसएससी के तीनों शिफ्ट की परीक्षा को रद्द करना आयोग के लिए नैतिकता के तौर पर जरूरी है.

बड़ा सवाल-प्रश्नपत्र हाॅल से बाहर कैसे आया? इसके अलावा राज्य के नैतिकता के तहत भी तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द होना बनता है. ताकि 915000 अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो. गुरु रहमान ने कहा कि आयोग भी मान रहा है कि परीक्षा के दौरान 1 घंटे बाद तो 1 मिनट पहले पेपर सोशल मीडिया पर आया. ऐसे में सवाल यही है कि यह सोशल मीडिया पर आया कैसे. जब अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बाहर निकलवा लिए गए, बच्चों के जूता मोजा तक उतरवा लिए गए, क्वेश्चन पेपर बाहर आने नहीं दिया गया और सेंटर पर जैमर की व्यवस्था थी तो आयोग बताएं कि ऐसी घटना हुई कैसे.

आयोग की तैयारी में चूक का खामियाजा अभ्यर्थी क्यों भुगतेः गुरु रहमान ने कहा कि आयोग की निष्पक्ष परीक्षा की तैयारी में हुई चूक का खामियाजा अभ्यर्थी क्यों उठाएं. उन्होंने कहा कि 2187 पदों पर परीक्षा हुई और इसमें यदि 2-4 सेंटर पर ही परीक्षा का पेपर लीक हो जाए तो मेधावी छात्र रेस से बाहर हो जाएंगे. आयोग अब तक कह रहा था कि सिर्फ मोतिहारी से पेपर लीक हुआ है और अब नया मामला आया कि बेगूसराय से भी पेपर लीक हुआ है और अभ्यर्थी भी जानते हैं सभी जानते हैं कि प्रदेश में बहुत सारे सेंटरों पर पेपर लीक हुआ है लेकिन बावजूद इसके तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द नहीं हो रही है और अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी हो रहा है.

सीएम से लगाएंगे गुहार: गुरु रहमान ने कहा कि बीएसएससी के अध्यक्ष किसी की सुनते नहीं है. ऐसे में वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाएंगे कि बच्चों के हित में फैसला लें और तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द कराएं. आयोग का रवैया ऐसा है कि जिसके घर में चोरी हुई है उसी से कहा जाए कि चोर को ढूंढो. क्वेश्चन पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और उसके बाद बच्चों से ही एविडेंस मांगा जा रहा है और उनका नाम पता सब कुछ लिया जा रहा है.

निष्पक्ष माहौल में दोबारा परीक्षा होः उन्होंने कहा कि भले ही अंग्रेजी राज खत्म हो गई हो लेकिन अभी भी वह डर का माहौल है कि लोग अपना पूरा पहचान उजागर कर दोषियों के खिलाफ सबूत दें. यह आयोग का दायित्व बनता है कि यदि सोशल मीडिया पर क्वेश्चन पेपर नजर आ रहे हैं तो इसकी जांच कराए की यह चूक कैसे हुई है और अभ्यर्थियों को निष्पक्ष माहौल में दोबारा परीक्षा संपन्न कराए. गुरु रहमान ने कहा कि 915000 अभ्यर्थी हैं और 2187 पद है. ऐसे में स्वाभाविक है कि फेल होने वालों की संख्या अधिक रहेगी और यदि तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द नहीं हुई तो जो अभ्यर्थी फेल होंगे. वह यही कहेंगे कि उनकी तैयारी पूरी थी लेकिन क्वेश्चन वायरल होने की वजह से उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया और सेटिंग बाज क्वालीफाई कर गए.

"तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द कर दोबारा पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से परीक्षा को आयोजित कराने की आवश्यकता है और इसके लिए वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीएसएससी से छात्र हित में आग्रह करते हैं. आयोग भी मान रहा है कि परीक्षा के दौरान 1 घंटे बाद तो 1 मिनट पहले पेपर सोशल मीडिया पर आया. ऐसे में सवाल यही है कि यह सोशल मीडिया पर आया कैसे" - गुरु रहमान

बीएसएससी पेपर लीक पर बोले गुरु रहमान

पटना: बिहार में बीएसएससी सीजीएल तीन के तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों ने चेतावनी दे ही है कि 29 तक तीनों परीक्षा रद्द की जाए, नहीं तो 30 जनवरी को आयोग कार्यालय का घेराव किया जाएगा. ऐसे में छात्रों के इस मांग पर प्रख्यात शिक्षाविद् गुरु रहमान (Guru Rahman on BSSC Paper Leak Case) ने आवाज बुलंद की है और छात्रों के समर्थन में उन्होंने सरकार से मांग किया है कि छात्रों की मांग जायज है और तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द होनी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः BSSC Paper Leak issue: तीनों शिफ्ट की परीक्षा करें रद्द, नहीं तो 2025 में अंजाम भुगतेंगे तेजस्वी

एक परीक्षा रद्द होना बाकी के साथ अन्यायः छात्रों का कहना है कि तीनों शिफ्ट की परीक्षा के दौरान क्वेश्चन पेपर लीक हुए हैं और सिर्फ पहली शिफ्ट की परीक्षा को रद्द कर आयोग छह लाख से अधिक अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी कर रहा है. इस पर गुरु रहमान ने कहा कि वह बिल्कुल स्पष्ट बोलते हैं. भले ही सच बोलने के कारण उन पर कभी-कभी गाज गिर जाती है. उन्होंने कहा कि आयोग को यदि परीक्षा कैंसिल नहीं करनी थी तो तीनों शिफ्ट की परीक्षा को कैंसिल नहीं करते, लेकिन एक शिफ्ट की परीक्षा कैंसिल कर बाकी दो शिफ्ट में बैठे अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया जा रहा है.

नैतिकता के तौर पर तीनों परीक्षा रद्द करे आयोगः गुरु रहमान ने कहा कि जिन बच्चों की परीक्षा कैंसिल हुई है, उनके बारे में दूसरे बच्चे सोच रहे हैं कि ऐसे बच्चों को 45 दिनों का अलग से बेहतर तरीके से तैयारी कर कर कदाचार मुक्त माहौल में परीक्षा देने का मौका मिला है. उन लोगों ने पेपर लीक वाले माहौल में परीक्षा दी है. इसमें सेटिंग बाज अभ्यर्थी बाजी मार जाएंगे. बीएसएससी के तीनों शिफ्ट की परीक्षा को रद्द करना आयोग के लिए नैतिकता के तौर पर जरूरी है.

बड़ा सवाल-प्रश्नपत्र हाॅल से बाहर कैसे आया? इसके अलावा राज्य के नैतिकता के तहत भी तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द होना बनता है. ताकि 915000 अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो. गुरु रहमान ने कहा कि आयोग भी मान रहा है कि परीक्षा के दौरान 1 घंटे बाद तो 1 मिनट पहले पेपर सोशल मीडिया पर आया. ऐसे में सवाल यही है कि यह सोशल मीडिया पर आया कैसे. जब अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बाहर निकलवा लिए गए, बच्चों के जूता मोजा तक उतरवा लिए गए, क्वेश्चन पेपर बाहर आने नहीं दिया गया और सेंटर पर जैमर की व्यवस्था थी तो आयोग बताएं कि ऐसी घटना हुई कैसे.

आयोग की तैयारी में चूक का खामियाजा अभ्यर्थी क्यों भुगतेः गुरु रहमान ने कहा कि आयोग की निष्पक्ष परीक्षा की तैयारी में हुई चूक का खामियाजा अभ्यर्थी क्यों उठाएं. उन्होंने कहा कि 2187 पदों पर परीक्षा हुई और इसमें यदि 2-4 सेंटर पर ही परीक्षा का पेपर लीक हो जाए तो मेधावी छात्र रेस से बाहर हो जाएंगे. आयोग अब तक कह रहा था कि सिर्फ मोतिहारी से पेपर लीक हुआ है और अब नया मामला आया कि बेगूसराय से भी पेपर लीक हुआ है और अभ्यर्थी भी जानते हैं सभी जानते हैं कि प्रदेश में बहुत सारे सेंटरों पर पेपर लीक हुआ है लेकिन बावजूद इसके तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द नहीं हो रही है और अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी हो रहा है.

सीएम से लगाएंगे गुहार: गुरु रहमान ने कहा कि बीएसएससी के अध्यक्ष किसी की सुनते नहीं है. ऐसे में वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाएंगे कि बच्चों के हित में फैसला लें और तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द कराएं. आयोग का रवैया ऐसा है कि जिसके घर में चोरी हुई है उसी से कहा जाए कि चोर को ढूंढो. क्वेश्चन पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और उसके बाद बच्चों से ही एविडेंस मांगा जा रहा है और उनका नाम पता सब कुछ लिया जा रहा है.

निष्पक्ष माहौल में दोबारा परीक्षा होः उन्होंने कहा कि भले ही अंग्रेजी राज खत्म हो गई हो लेकिन अभी भी वह डर का माहौल है कि लोग अपना पूरा पहचान उजागर कर दोषियों के खिलाफ सबूत दें. यह आयोग का दायित्व बनता है कि यदि सोशल मीडिया पर क्वेश्चन पेपर नजर आ रहे हैं तो इसकी जांच कराए की यह चूक कैसे हुई है और अभ्यर्थियों को निष्पक्ष माहौल में दोबारा परीक्षा संपन्न कराए. गुरु रहमान ने कहा कि 915000 अभ्यर्थी हैं और 2187 पद है. ऐसे में स्वाभाविक है कि फेल होने वालों की संख्या अधिक रहेगी और यदि तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द नहीं हुई तो जो अभ्यर्थी फेल होंगे. वह यही कहेंगे कि उनकी तैयारी पूरी थी लेकिन क्वेश्चन वायरल होने की वजह से उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया और सेटिंग बाज क्वालीफाई कर गए.

"तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द कर दोबारा पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से परीक्षा को आयोजित कराने की आवश्यकता है और इसके लिए वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीएसएससी से छात्र हित में आग्रह करते हैं. आयोग भी मान रहा है कि परीक्षा के दौरान 1 घंटे बाद तो 1 मिनट पहले पेपर सोशल मीडिया पर आया. ऐसे में सवाल यही है कि यह सोशल मीडिया पर आया कैसे" - गुरु रहमान

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