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बिहार के स्कूलों में शुक्रवार की छुट्‌टी : बोले गुलाम रसूल बलियावी- 'इसमें गलत क्या?'

मुस्लिम बहुल इलाकों में जुम्मे पर साप्ताहिक अवकाश होने पर बिहार की राजनीति गरम है. ऐसे में जेडीयू के एक और लीडर ने इसका समर्थन कर दिया है. पूर्व विधानसभा पार्षद गुलाम रसूल बलियावी (Gulam Rasool Balyavi) ने कहा कि ये परंपरा रही है. इसका पालन सदन की कार्यवाही में भी किया जाता है. अगर मुस्लिम बहुल इलाके के स्कूलों को शुक्रवार को बंद रखा जा रहा है तो गलत क्या है?

गुलाम रसूल बलियावी
गुलाम रसूल बलियावी
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Published : Jul 28, 2022, 1:22 PM IST

Updated : Jul 28, 2022, 2:08 PM IST

पटना : सीमांचल में जुम्मे पर स्कूल बंद (Weekly holiday on friday in Seemanchal School) किये जाने को लेकर बिहार में सियासत (Bihar Politics) चरम पर पहुंच गई है. जहां बीजेपी इस मुद्दे को लेकर उड़ चुकी है, वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू को इसपर ऐसा कुछ भी नजर नहीं आता जो गलत हो. इस मामले में पूर्व विधानपार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि जब जुम्मे की नमाज के कारण विधान परिषद, विधानसभा, लोकसभा यहां तक कि राज्यसभा की कार्यवाही में भी समय परिवर्तन किया जाता है, तो फिर सीमांचल में शुक्रवार के दिन जुम्मे की नमाज के लिए स्कूल बंद किया जाता है तो इसमें कोई गलत नहीं है.

ये भी पढ़ें - किशनगंज के स्कूलों में जुमे को छुट्टी क्यों?.. शिक्षा मंत्री बोले- DEO से मागी है रिपोर्ट

''इस मसले पर जो लोग हाय तौबा मचा रहे हैं वह गलत कर रहे हैं. वैसे शिक्षा मंत्री ने भी इसके रिपोर्ट जिला के अधिकारी से मांगा है. निश्चित तौर पर पहले से यह परंपरा चली आ रही है कि जहां अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे ज्यादा हैं, वहां सरकारी विद्यालय को शुक्रवार को बन्द किया जाता रहा है. हम समझते हैं कि ऐसा करने में कोई दिक्क्क्त नहीं है, क्योंकि रविवार को विद्यालय खोलकर उस पढ़ाई को पूरा करवाया जा रहा है''.- गुलास रसूल बलियावी, पूर्व विधानसभा पार्षद जेडीयू

बोले गुलाम रसूल बलियावी-'ये परंपरा है': गुलाम रसूल बलियावी ने आगे कहा कि यह परंपरा शुरू से चली आ रही है. अगर इस परंपरा का निर्वहन सीमांचल में जो विद्यालय समितियां कर रही हैं तो इसमें कहीं कोई गलती नजर नहीं आती. क्योंकि उन जिलों में जो सरकारी विद्यालय हैं उसमें ज्यादा तक पढ़ने वाले छात्र छात्राएं अल्पसंख्यक समुदाय के हैं. यही नहीं जिन विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा से ज्यादा अल्पसंख्यक समुदाय की है तो वहां शुक्रवार के दिन विद्यालय बंद कर रविवार को खोला जाता है तो भी इसमें किसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए.

एक ही जिले में साप्ताहिक अवकाश के दो नियम?- बिहार के सीमांचल जिलों के कई स्कूलों में शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी पर बखेड़ा खड़ा हो (weekly holiday on friday in many schools) गया है. किशनगंज के 37 और कटिहार के 100 स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश रहता है. यहां यह बताना भी जरूरी है कि मुस्लिम बहुल आबादी वाले सरकारी स्कूलों में शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी रहती है. जबकि उसी जिले में गैर मुस्लिम आबादी वाले स्कूलों में रविवार को छुट्टी रहती है. इस पूरे मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है.

जुमे को स्कूल की छुट्टी?: ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिहार में स्कूल मदरसे के रास्ते पर चल रहे हैं? जिस प्रकार से मदरसों में शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी होती है, उसी प्रकार से मुस्लिम आबादी वाले स्कूलों में भी शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी की परंपरा कई सालों से चल रही है, जिसके कारण सरकार के सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं. वैसे यहां यह परंपरा दशकों से चली आ रही है.

शिक्षा मंत्री दे चुके हैं जांच का आश्वासन: हालांकि इस विवाद के बाद बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जांच की बात कही है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि वो इस मामले की जांच DTO से करवाएंगे. वहीं बीजेपी अड़ी हुई है कि ये किसके आदेश पर साप्ताहिक अवकाश के नियम में बदलाव किया. बीजेपी का कहना है कि भारत कोई इस्लामिक कंट्री नहीं बल्कि एक धर्मनिरपेक्ष देश है.

"प्रतिवेदन आने के बाद उस हिसाब से लेकिन जो नियम संगत होगा, वैधानिक होगा वही किया जाएगा. हम मुख्यालय में चर्चा करेंगे कि किस स्थिति में क्या हो रहा है. अगर शुक्रवार को स्कूल बंद है तो रविवार को स्कूल चलता है कि नहीं या कोई गफलत का फायदा उठाकर दोनों दिन स्कूल बंद कर दे रहा है. किस दिन क्या हो रहा है सब रिपोर्ट आने के बाद नियम कायदे के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी."- विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री, बिहार

पटना : सीमांचल में जुम्मे पर स्कूल बंद (Weekly holiday on friday in Seemanchal School) किये जाने को लेकर बिहार में सियासत (Bihar Politics) चरम पर पहुंच गई है. जहां बीजेपी इस मुद्दे को लेकर उड़ चुकी है, वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू को इसपर ऐसा कुछ भी नजर नहीं आता जो गलत हो. इस मामले में पूर्व विधानपार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि जब जुम्मे की नमाज के कारण विधान परिषद, विधानसभा, लोकसभा यहां तक कि राज्यसभा की कार्यवाही में भी समय परिवर्तन किया जाता है, तो फिर सीमांचल में शुक्रवार के दिन जुम्मे की नमाज के लिए स्कूल बंद किया जाता है तो इसमें कोई गलत नहीं है.

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''इस मसले पर जो लोग हाय तौबा मचा रहे हैं वह गलत कर रहे हैं. वैसे शिक्षा मंत्री ने भी इसके रिपोर्ट जिला के अधिकारी से मांगा है. निश्चित तौर पर पहले से यह परंपरा चली आ रही है कि जहां अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे ज्यादा हैं, वहां सरकारी विद्यालय को शुक्रवार को बन्द किया जाता रहा है. हम समझते हैं कि ऐसा करने में कोई दिक्क्क्त नहीं है, क्योंकि रविवार को विद्यालय खोलकर उस पढ़ाई को पूरा करवाया जा रहा है''.- गुलास रसूल बलियावी, पूर्व विधानसभा पार्षद जेडीयू

बोले गुलाम रसूल बलियावी-'ये परंपरा है': गुलाम रसूल बलियावी ने आगे कहा कि यह परंपरा शुरू से चली आ रही है. अगर इस परंपरा का निर्वहन सीमांचल में जो विद्यालय समितियां कर रही हैं तो इसमें कहीं कोई गलती नजर नहीं आती. क्योंकि उन जिलों में जो सरकारी विद्यालय हैं उसमें ज्यादा तक पढ़ने वाले छात्र छात्राएं अल्पसंख्यक समुदाय के हैं. यही नहीं जिन विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या ज्यादा से ज्यादा अल्पसंख्यक समुदाय की है तो वहां शुक्रवार के दिन विद्यालय बंद कर रविवार को खोला जाता है तो भी इसमें किसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए.

एक ही जिले में साप्ताहिक अवकाश के दो नियम?- बिहार के सीमांचल जिलों के कई स्कूलों में शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी पर बखेड़ा खड़ा हो (weekly holiday on friday in many schools) गया है. किशनगंज के 37 और कटिहार के 100 स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश रहता है. यहां यह बताना भी जरूरी है कि मुस्लिम बहुल आबादी वाले सरकारी स्कूलों में शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी रहती है. जबकि उसी जिले में गैर मुस्लिम आबादी वाले स्कूलों में रविवार को छुट्टी रहती है. इस पूरे मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है.

जुमे को स्कूल की छुट्टी?: ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिहार में स्कूल मदरसे के रास्ते पर चल रहे हैं? जिस प्रकार से मदरसों में शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी होती है, उसी प्रकार से मुस्लिम आबादी वाले स्कूलों में भी शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी की परंपरा कई सालों से चल रही है, जिसके कारण सरकार के सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं. वैसे यहां यह परंपरा दशकों से चली आ रही है.

शिक्षा मंत्री दे चुके हैं जांच का आश्वासन: हालांकि इस विवाद के बाद बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जांच की बात कही है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि वो इस मामले की जांच DTO से करवाएंगे. वहीं बीजेपी अड़ी हुई है कि ये किसके आदेश पर साप्ताहिक अवकाश के नियम में बदलाव किया. बीजेपी का कहना है कि भारत कोई इस्लामिक कंट्री नहीं बल्कि एक धर्मनिरपेक्ष देश है.

"प्रतिवेदन आने के बाद उस हिसाब से लेकिन जो नियम संगत होगा, वैधानिक होगा वही किया जाएगा. हम मुख्यालय में चर्चा करेंगे कि किस स्थिति में क्या हो रहा है. अगर शुक्रवार को स्कूल बंद है तो रविवार को स्कूल चलता है कि नहीं या कोई गफलत का फायदा उठाकर दोनों दिन स्कूल बंद कर दे रहा है. किस दिन क्या हो रहा है सब रिपोर्ट आने के बाद नियम कायदे के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी."- विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री, बिहार

Last Updated : Jul 28, 2022, 2:08 PM IST
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