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पटना: हाइब्रिड मॉडल से किया जाएगा अनाज का वितरण, कर्मचारियों को दी जा रही ट्रेनिंग - Grain distribution through hybrid model

खाद्य आपूर्ति विभाग राज्य के सभी फेयर प्राइस स्टोर पर पॉस मशीन के माध्यम से अनाज वितरण की तैयारी में जुट गया है. इसके लिए फेयर प्राइस स्टोर के मालिक और संबंधित तमाम कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव पंकज पाल
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Published : Nov 19, 2019, 12:56 PM IST

पटना: राज्य में फेयर प्राइस शॉप पर अब पॉस (प्राइस ऑफ सेल) मशीन के ही माध्यम से अनाज का उठाव होगा. राज्य में कुल 1 करोड़ 67 लाख कार्डधारक हैं. जिसके माध्यम से तकरीबन 8 करोड़ 50 लाख लोगों को राशन उपलब्ध होता है. अब तक 21 हजार दुकानों पर इस मशीन को लगा दिया गया है. इसके साथ ही कुल 50 हजार दुकानों पर पॉस मशीन बहुत जल्द ही लगा दी जाएगी. हालांकि किसी तरह की तकनीकी परेशानी होने पर पुराने तरीके यानी मैनुअल तरीके से अनाज का वितरण किया जाएगा.


कर्मचारियों को दी जा रही ट्रेनिंग
खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव पंकज पाल ने बताया कि पूर्व के अनुभवों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. तकनीकी परेशानी के कारण किसी भी उपभोक्ताओं को अनाज उठाव से वंचित नहीं रखा जाएगा. खाद्य आपूर्ति विभाग राज्य के सभी फेयर प्राइस स्टोर पर पॉस मशीन के माध्यम से अनाज वितरण की तैयारी में जुट गया है. इसके लिए फेयर प्राइस स्टोर के मालिक और संबंधित तमाम कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव पंकज पाल का बयान

हाइब्रिड मॉडल दिया गया नाम
पंकज पाल ने बताया कि कई जगहों पर पॉस मशीन का इस्तेमाल करने में परेशानी आ रही है. इंटरनेट कनेक्टिविटी को लेकर ज्यादा शिकायतें आ रही हैं. जब तक इस तरह की परेशानी को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जाएगा, तब तक ऑफलाइन मोड में अनाज वितरण का कार्य जारी रहेगा. खाद्य आपूर्ति विभाग ने इस प्रक्रिया को हाइब्रिड मॉडल का नाम दिया है. कई राज्यों में भी इस तरह के मॉडल का प्रयोग किया जा रहा है.

राशन कार्ड धारक ही ले सकेंगे अनाज
खाद्य आपूर्ति विभाग सभी प्रखंडों में ब्लॉक कॉर्डिनेटर की नियुक्ति भी कर रहा है. ब्लॉक कोऑर्डिनेटर पॉस मशीन में किसी तरह की गड़बड़ी को दूर करने में सहायता करेगा. अगर किसी उपभोक्ता का नाम डाटा एंट्री से छूट गया हो तो उसे ठीक करना या बदलना ब्लॉक कोऑर्डिनेटर का काम होगा. पंकज पाल ने बताया कि पॉस मशीन के माध्यम से अनाज वितरण में हो रही गड़बड़ी को पूरी तरीके से समाप्त किया जा सकेगा.

बता दें कि हाइब्रिड मॉडल के द्वारा सिर्फ राशन कार्ड धारक ही अनाज ले सकेंगे. अन्य किसी के नाम पर अनाज नहीं मिल सकेगा. इसके लिए सभी राशन कार्ड को आधार से लिंक किया जा रहा है.

पटना: राज्य में फेयर प्राइस शॉप पर अब पॉस (प्राइस ऑफ सेल) मशीन के ही माध्यम से अनाज का उठाव होगा. राज्य में कुल 1 करोड़ 67 लाख कार्डधारक हैं. जिसके माध्यम से तकरीबन 8 करोड़ 50 लाख लोगों को राशन उपलब्ध होता है. अब तक 21 हजार दुकानों पर इस मशीन को लगा दिया गया है. इसके साथ ही कुल 50 हजार दुकानों पर पॉस मशीन बहुत जल्द ही लगा दी जाएगी. हालांकि किसी तरह की तकनीकी परेशानी होने पर पुराने तरीके यानी मैनुअल तरीके से अनाज का वितरण किया जाएगा.


कर्मचारियों को दी जा रही ट्रेनिंग
खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव पंकज पाल ने बताया कि पूर्व के अनुभवों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. तकनीकी परेशानी के कारण किसी भी उपभोक्ताओं को अनाज उठाव से वंचित नहीं रखा जाएगा. खाद्य आपूर्ति विभाग राज्य के सभी फेयर प्राइस स्टोर पर पॉस मशीन के माध्यम से अनाज वितरण की तैयारी में जुट गया है. इसके लिए फेयर प्राइस स्टोर के मालिक और संबंधित तमाम कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव पंकज पाल का बयान

हाइब्रिड मॉडल दिया गया नाम
पंकज पाल ने बताया कि कई जगहों पर पॉस मशीन का इस्तेमाल करने में परेशानी आ रही है. इंटरनेट कनेक्टिविटी को लेकर ज्यादा शिकायतें आ रही हैं. जब तक इस तरह की परेशानी को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जाएगा, तब तक ऑफलाइन मोड में अनाज वितरण का कार्य जारी रहेगा. खाद्य आपूर्ति विभाग ने इस प्रक्रिया को हाइब्रिड मॉडल का नाम दिया है. कई राज्यों में भी इस तरह के मॉडल का प्रयोग किया जा रहा है.

राशन कार्ड धारक ही ले सकेंगे अनाज
खाद्य आपूर्ति विभाग सभी प्रखंडों में ब्लॉक कॉर्डिनेटर की नियुक्ति भी कर रहा है. ब्लॉक कोऑर्डिनेटर पॉस मशीन में किसी तरह की गड़बड़ी को दूर करने में सहायता करेगा. अगर किसी उपभोक्ता का नाम डाटा एंट्री से छूट गया हो तो उसे ठीक करना या बदलना ब्लॉक कोऑर्डिनेटर का काम होगा. पंकज पाल ने बताया कि पॉस मशीन के माध्यम से अनाज वितरण में हो रही गड़बड़ी को पूरी तरीके से समाप्त किया जा सकेगा.

बता दें कि हाइब्रिड मॉडल के द्वारा सिर्फ राशन कार्ड धारक ही अनाज ले सकेंगे. अन्य किसी के नाम पर अनाज नहीं मिल सकेगा. इसके लिए सभी राशन कार्ड को आधार से लिंक किया जा रहा है.

Intro:राज्य में फेयर प्राइस शॉप पर अब पॉस (प्राइस ऑफ सेल) मशीन के ही माध्यम से अनाज का उठाव होगा। राज्य में कुल 1 करोड़ 67 लाख कार्डधारक है। जिसके माध्यम से तकरीबन 8 करोड़ 50 लाख लोगों को राशन उपलब्ध होता है।
अब तक 21 हजार दुकानों पर इस मशीन को लगा दिया गया है। कुल 50 हजार दुकानों पर पोस मशीन बहुत जल्द ही लगा दी जाएगी। हालांकि किसी तरह की तकनीकी परेशानी होने पर पुराने तरीके यानी मैनुअल तरीके से अनाज वितरण की जा सकेगी। खाद आपूर्ति विभाग सचिव पंकज पाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूर्व के अनुभवों को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि जहां पोस मशीन या अन्य तकनीकी परेशानी होगी वहां उपभोक्ताओं को मैनुअल तरीके से ही अनाज उपलब्ध कराया जाएगा। तकनीकी परेशानी के कारण किसी भी उपभोक्ताओं को अनाज उठाव से वंचित नहीं रखा जाएगा।


Body:खाद्य आपूर्ति विभाग ने राज्य के सभी फेयर प्राइस स्टोरो पर पॉस मशीन के माध्यम से ही अनाज वितरण की तैयारी में जुट गया है।
जिसके लिए फेयर प्राइस स्टोर के मालिक और संबंधित तमाम कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
पंकज पाल बताते हैं कि कई जगहों पर पोस मशीन का इस्तेमाल करने में परेशानी आ रही है। इंटरनेट कनेक्टिविटी को लेकर ज्यादा शिकायतें आ रहे हैं। जब तक इस तरह की परेशानी को बुरी तरह से समाप्त नहीं कर दिया जाएगा तब तक ऑफलाइन मोड में अनाज वितरण का कार्य जारी रहेगा।
खाद्य आपूर्ति विभाग ने इस प्रक्रिया को हाइब्रिड मॉडल का नाम दिया है। कई राज्यों में भी इस तरह के मॉडल का प्रयोग किया जा रहा है।



Conclusion:सभी प्रखंडों में ब्लॉक कॉर्डिनेटर की नियुक्ति खाद्य आपूर्ति विभाग कर रहा है। ब्लॉक कोऑर्डिनेटर पोस मशीन में किसी तरह की गड़बड़ी को दूर करने में सहायता करेगा। अगर किसी उपभोक्ता का नाम डाटा एंट्री से छूट गया हो तो उसे जुड़वाना खराब पॉस मशीनों को तुरंत ठीक करना या बदलना ब्लॉक कोऑर्डिनेटर का काम होगा।
खाद आपूर्ति सचिव पंकज पाल का मानना है कि पोस मशीन के माध्यम से अनाज वितरण में हो रही गड़बड़ी को पूरी तरीके से समाप्त कर दिया जा सकेगा।
हाइब्रिड मॉडल के द्वारा सिर्फ राशन कार्ड धारक ही अनाज उठा सकेंगे। अन्य किसी के नाम पर अनाज नहीं मिल सकेगा। सभी राशन कार्ड को आधार से लिंक करा दिया जा रहा है।
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