पटना: बिहार में लगातार हो रहे अपराध और कोरोना महामारी के मद्देनजर पुलिस गश्ती में सावधानी बरती जा रही है. बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarter) ने अपनी कमर भी कस रखी है. मुख्यालय को अक्सर यह सूचना मिलती है कि गश्त के दौरान थाने के दरोगा और जमादार लापरवाही बरत रहे हैं. जिस वजह से पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर थाने की गश्त वाहनों पर जीपीएस (Global Positioning System) लगाया गया है. थाने के सभी वाहनों में लगे जीपीएस सिस्टम के माध्यम से पुलिस मुख्यालय के साथ-साथ जिला पुलिस अधीक्षक भी गश्त वाहन को ट्रैक कर सकेंगे.
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जीपीएस के माध्यम से होगी मॉनिटरिंग
बिहार के सभी थानों के गश्त वाहनों में लगाए गए जीपीएस सिस्टम का कंट्रोल रूम पुलिस मुख्यालय और सभी जिला पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में बनाया गया है. आवश्यकतानुसार अपने कार्यालय में बैठे पुलिस अधिकारी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) के माध्यम से जान सकेंगे कि थाने की कौन सी गाड़ी कहां पर कितनी बार गश्त में निकली है. थाने के दरोगा या जमादार कहीं एक ही जगह गाड़ी लगाकर कितने देर बैठे हैं. इन सभी चीजों की मॉनिटरिंग जीपीएस के माध्यम से की जाएगी.
बिहार में हैं 1064 थानें
बिहार में कुल 1064 थाने हैं. इसके अलावा 225 ओपी हैं. पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार अब तक के विभिन्न थानों में 2380 गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है. बाकी बची गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगाने का काम भी चल रहा है.
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पटना में 105 गाड़ियों में नहीं लगा जीपीएस
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक फिलहाल हर थाने के दो वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाने की तैयारी है. फिलहाल बिहार के विभिन्न थानों के 159 गाड़ियां ऐसी हैं, जिसमें जीपीएस सिस्टम अब तक नहीं लग सका है. इसमें पटना जिला की 105 गाड़ियां भी शामिल हैं. इसके अलावा सीतामढ़ी के 17, नालंदा और बेतिया में 8-8 गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम अब तक नहीं लग पाया है. वहीं भागलपुर में 6 गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगना बचा है.
अपराध में लगाया जा सकेगा अंकुश
पुलिस मुख्यालय द्वारा जीपीएस सिस्टम लगाने वाली कंपनी को जल्द से जल्द अपना कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक अगर मुख्यालय कंट्रोल रूम को किसी तरह की कोई घटना की सूचना मिलती है, तो जीपीएस सिस्टम के माध्यम से यह पता लगाया जा सके कि नजदीक में कौन से थाने की गाड़ी कहां पर गश्त कर रही है. इससे गश्ती दल को तुरंत घटनास्थल पर भेजा जा सकेगा. जिससे अपराध पर अंकुश लगाने में बड़ी सफलता हासिल होगी.
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