ETV Bharat / state

राज्यपाल फागू चौहान ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को बुद्ध प्रतिमा भेंट कर विदा किया

राज्यपाल फागू चौहान ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे को स्मृति चिन्ह के रूप में बुद्ध प्रतिमा और मधुबनी पेंटिंग का अंगवस्त्रम भेंट कर विदा किया.

Justice Sharad Arvind Bobde
न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे
author img

By

Published : Feb 27, 2021, 10:39 PM IST

पटना: राज्यपाल फागू चौहान ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे को स्मृति चिन्ह के रूप में बुद्ध प्रतिमा और मधुबनी पेंटिंग का अंगवस्त्रम भेंट कर विदा किया. भारत के मुख्य न्यायाधीश 26 फरवरी को पटना पहुंचे थे और राजभवन में ही रात्रि विश्राम किया था. शनिवार को पटना हाईकोर्ट के नए भवन का उद्घाटन करने के बाद वह पटना साहिब भी गए थे. वह पटना से रवाना हो गए.

यह भी पढ़ें- पटना साहिब गुरुद्वारा में चीफ जस्टिस एस.ए बोबडे ने किए दर्शन, बोले- गौरवशाली महसूस कर रहा हूं

गौरतलब है कि न्यायाधीश एस ए बोबडे ने पटना उच्च न्यायालय के नए शताब्दी भवन का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने 'वाद-पूर्व मध्यस्थता' के विकल्प के प्रति पक्षकारों को प्रोत्साहित कर अदालतों पर मुकदमों का बोझ घटाने की अपील की. उन्होंने कहा कि वाद-पूर्व मध्यस्थता, दीवानी और फौजदारी, दोनों ही मामलों में विवादों का समाधान करने का एक जरिया है.

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'वाद अच्छी चीज है और वाद के लिए प्रावधान करना भी ठीक है. लेकिन वक्त आ गया है कि हम वाद-पूर्व मध्यस्थता का सहारा लें.' उन्होंने कहा कि वाद-पूर्व मध्यस्थता के जरिए विवादों का समाधान होने से पक्षकारों को कुछ अलग तरह का अनुभव होता है और इसके अलावा अदालतों पर मुकदमों का बोझ भी कम होता है.

पटना: राज्यपाल फागू चौहान ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे को स्मृति चिन्ह के रूप में बुद्ध प्रतिमा और मधुबनी पेंटिंग का अंगवस्त्रम भेंट कर विदा किया. भारत के मुख्य न्यायाधीश 26 फरवरी को पटना पहुंचे थे और राजभवन में ही रात्रि विश्राम किया था. शनिवार को पटना हाईकोर्ट के नए भवन का उद्घाटन करने के बाद वह पटना साहिब भी गए थे. वह पटना से रवाना हो गए.

यह भी पढ़ें- पटना साहिब गुरुद्वारा में चीफ जस्टिस एस.ए बोबडे ने किए दर्शन, बोले- गौरवशाली महसूस कर रहा हूं

गौरतलब है कि न्यायाधीश एस ए बोबडे ने पटना उच्च न्यायालय के नए शताब्दी भवन का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने 'वाद-पूर्व मध्यस्थता' के विकल्प के प्रति पक्षकारों को प्रोत्साहित कर अदालतों पर मुकदमों का बोझ घटाने की अपील की. उन्होंने कहा कि वाद-पूर्व मध्यस्थता, दीवानी और फौजदारी, दोनों ही मामलों में विवादों का समाधान करने का एक जरिया है.

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'वाद अच्छी चीज है और वाद के लिए प्रावधान करना भी ठीक है. लेकिन वक्त आ गया है कि हम वाद-पूर्व मध्यस्थता का सहारा लें.' उन्होंने कहा कि वाद-पूर्व मध्यस्थता के जरिए विवादों का समाधान होने से पक्षकारों को कुछ अलग तरह का अनुभव होता है और इसके अलावा अदालतों पर मुकदमों का बोझ भी कम होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.