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कोरोना के कारण सरकार का कामकाज प्रभावित, राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों पर भी ब्रेक

कोरोना के कारण सरकार का कामकाज प्रभावित (Government Work Affected Due to Corona) हो रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) खुद संक्रमित हैं, ऐसे में विकास योजनाओं की समीक्षा भी नहीं हो पा रही है. वहीं, राजनीतिक दलों के कार्यक्रम भी थम गए हैं.

कोरोना के कारण सरकार का कामकाज प्रभावित
कोरोना के कारण सरकार का कामकाज प्रभावित
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Published : Jan 16, 2022, 6:32 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection in Bihar) लगातार तेजी से फैल रहा है. बिहार में कोरोना के कारण सरकार का कामकाज प्रभावित (Government Work Affected Due to Corona) हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से विकास योजनाओं की समीक्षा से लेकर सरकार के कई बड़े कार्यक्रम पर असर पड़ा है. समाज सुधार अभियान स्थगित हो चुका है. वहीं, राजनीतिक रूप से भी पार्टियों में कामकाज ठप है. बिहार में 15 दिनों में कोरोना संक्रमण 22 गुना बढ़ा है.

ये भी पढ़ें: खरमास तो बीत गया, क्या बिहार में खेला होगा या फिर फेल होगा RJD का दावा!

दूसरी लहर से भी ज्यादा तीसरी लहर में सरकार के कामकाज पर असर दिख रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से डॉक्टरों की सलाह पर आइसोलेशन में हैं और मुख्यमंत्री आवास स्थिति अपने कार्यालय में भी पिछले 11 दिनों से नहीं गए हैं. 5 जनवरी को उन्होंने अंतिम कैबिनेट बैठक की थी. उसके बाद से ही अपने आवास में बंद हैं.

दूसरी लहर में मुख्यमंत्री कोरोना को लेकर हर दिन मुख्य सचिव और आला अधिकारियों के साथ समीक्षा करते रहे लेकिन तीसरी लहर में खुद संक्रमित होने के बाद से समीक्षा बैठक भी नहीं हो रही हैं. इस वजह से अधिकारी भी कोई बड़ा फैसला नहीं ले पा रहे हैं. मुख्यमंत्री आवास में कई लोग कोरोना पॉजिटिव हुए थे. सीएम के सचिव अनुपम कुमार और पीआरओ भी पॉजिटिव थे. कई सुरक्षाकर्मी भी पॉजिटिव हुए थे. इसी तरह कई मंत्री कोरोना पॉजिटिव हुए और उसका असर सरकार के पूरे कामकाज पर पड़ रहा है.

हालांकि कुछ लोग अब निगेटिव भी हो गए हैं लेकिन अभी तक पूरी तरह स्वस्थ नहीं हुए हैं. पूरी तरह स्वास्थ होने में अभी काफी समय लग सकता है. ऐसे में आने वाले दिनों में समीक्षा बैठक से लेकर कैबिनेट बैठक भी वर्चुअल माध्यम से ही होगी. कब से यह शुरू होगी, इसको लेकर कुछ तस्वीर साफ नहीं है.

बिहार में कोरोना संक्रमण का अब तक जो असर रहा है, वह इस प्रकार से है...

  • कैबिनेट की बैठक नहीं हुई है. विकास योजनाओं की समीक्षा रुक गई है.
  • मुख्यमंत्री का समाज सुधार अभियान स्थगित हो गया है. अभी कई जिलों की विकास योजनाओं की समीक्षा नहीं हुई है.
  • मुख्यमंत्री का जनता दरबार भी स्थगित हो गया है.
  • विधानसभा और विधान परिषद दोनों बंद हैं.
  • जेडीयू, आरजेडी और बीजेपी सहित अन्य पार्टी कार्यालय में ताला लटक गया है.
  • बजट सत्र में अब बहुत ज्यादा समय नहीं है. ऐसे में उस पर भी असर पड़ रहा है.
  • विभिन्न दलों की सदस्यता वर्चुअल माध्यम से दिलाई जा रही है.

ये भी पढ़ें: Corona Effect: बक्सर में मुरझाए किसानों के चेहरे, कहा- 'अगर लॉकडाउन लगा तो भुखमरी की कगार पर आ जाएगा परिवार'

दरअसल, बिहार में इस साल जनवरी में तेजी से कोरोना संक्रमण का मामला बढ़ा है. एक जनवरी को जहां 281 केस मिले थे, वहीं 5 जनवरी को 1659 और 10 जनवरी को 4737 मामले सामने आए थे. जबकि 15 जनवरी को 6325 कोरोना पॉजिटिव की पहचान हुई है.

वहीं, बिहार में तीसरी लहर में सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए 21 जनवरी तक कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन इसके बावजूद संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. राहत की बात इतनी है कि कोरोना संक्रमण से इस बार मौत की संख्या काफी कम है और हॉस्पिटलाइज भी लोग काफी कम हो रहे हैं. राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों के साथ-साथ कोरोना के कारण सरकार का कामकाज भी प्रभावित हुआ है.

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पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection in Bihar) लगातार तेजी से फैल रहा है. बिहार में कोरोना के कारण सरकार का कामकाज प्रभावित (Government Work Affected Due to Corona) हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से विकास योजनाओं की समीक्षा से लेकर सरकार के कई बड़े कार्यक्रम पर असर पड़ा है. समाज सुधार अभियान स्थगित हो चुका है. वहीं, राजनीतिक रूप से भी पार्टियों में कामकाज ठप है. बिहार में 15 दिनों में कोरोना संक्रमण 22 गुना बढ़ा है.

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दूसरी लहर से भी ज्यादा तीसरी लहर में सरकार के कामकाज पर असर दिख रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से डॉक्टरों की सलाह पर आइसोलेशन में हैं और मुख्यमंत्री आवास स्थिति अपने कार्यालय में भी पिछले 11 दिनों से नहीं गए हैं. 5 जनवरी को उन्होंने अंतिम कैबिनेट बैठक की थी. उसके बाद से ही अपने आवास में बंद हैं.

दूसरी लहर में मुख्यमंत्री कोरोना को लेकर हर दिन मुख्य सचिव और आला अधिकारियों के साथ समीक्षा करते रहे लेकिन तीसरी लहर में खुद संक्रमित होने के बाद से समीक्षा बैठक भी नहीं हो रही हैं. इस वजह से अधिकारी भी कोई बड़ा फैसला नहीं ले पा रहे हैं. मुख्यमंत्री आवास में कई लोग कोरोना पॉजिटिव हुए थे. सीएम के सचिव अनुपम कुमार और पीआरओ भी पॉजिटिव थे. कई सुरक्षाकर्मी भी पॉजिटिव हुए थे. इसी तरह कई मंत्री कोरोना पॉजिटिव हुए और उसका असर सरकार के पूरे कामकाज पर पड़ रहा है.

हालांकि कुछ लोग अब निगेटिव भी हो गए हैं लेकिन अभी तक पूरी तरह स्वस्थ नहीं हुए हैं. पूरी तरह स्वास्थ होने में अभी काफी समय लग सकता है. ऐसे में आने वाले दिनों में समीक्षा बैठक से लेकर कैबिनेट बैठक भी वर्चुअल माध्यम से ही होगी. कब से यह शुरू होगी, इसको लेकर कुछ तस्वीर साफ नहीं है.

बिहार में कोरोना संक्रमण का अब तक जो असर रहा है, वह इस प्रकार से है...

  • कैबिनेट की बैठक नहीं हुई है. विकास योजनाओं की समीक्षा रुक गई है.
  • मुख्यमंत्री का समाज सुधार अभियान स्थगित हो गया है. अभी कई जिलों की विकास योजनाओं की समीक्षा नहीं हुई है.
  • मुख्यमंत्री का जनता दरबार भी स्थगित हो गया है.
  • विधानसभा और विधान परिषद दोनों बंद हैं.
  • जेडीयू, आरजेडी और बीजेपी सहित अन्य पार्टी कार्यालय में ताला लटक गया है.
  • बजट सत्र में अब बहुत ज्यादा समय नहीं है. ऐसे में उस पर भी असर पड़ रहा है.
  • विभिन्न दलों की सदस्यता वर्चुअल माध्यम से दिलाई जा रही है.

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दरअसल, बिहार में इस साल जनवरी में तेजी से कोरोना संक्रमण का मामला बढ़ा है. एक जनवरी को जहां 281 केस मिले थे, वहीं 5 जनवरी को 1659 और 10 जनवरी को 4737 मामले सामने आए थे. जबकि 15 जनवरी को 6325 कोरोना पॉजिटिव की पहचान हुई है.

वहीं, बिहार में तीसरी लहर में सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए 21 जनवरी तक कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन इसके बावजूद संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. राहत की बात इतनी है कि कोरोना संक्रमण से इस बार मौत की संख्या काफी कम है और हॉस्पिटलाइज भी लोग काफी कम हो रहे हैं. राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों के साथ-साथ कोरोना के कारण सरकार का कामकाज भी प्रभावित हुआ है.

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