पटना: राज्य में कोरोना महामारी के बीच सरकार ने योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. इसके पीछे सरकार का मकसद राज्य की जनता को बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ मजदूर और कामगार वर्ग के लिए रोजगार मुहैया कराना है.
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ठेकेदारों पर कार्रवाई
इसी बीच ग्रामीण सड़कों के निर्माण में जुटे ठेकेदारों पर सरकार सख्त हो गई है. वैसे ठेकेदार जो सड़क निर्माण नहीं कर रहे हैं या कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं. उस पर कार्रवाई की गई है.
ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने जानकारी देते हुए बताया कि 3 दर्जन ठेकेदार को डिबार कर दिया गया है. इसका मतलब है कि अब यह ठेकेदार विभाग के अगले किसी टेंडर में शामिल नहीं हो सकेंगे.
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केंद्र सरकार ने दिया अल्टीमेटम
पिछले दिनों विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में पाया गया कि ग्रामीण सड़कों का निर्माण समय पर नहीं हो पा रहा है. कहीं इंजीनियरों तो अधिकतर जगहों पर एजेंसी की लापरवाही के कारण सड़कों का निर्माण नहीं हो पा रहा है. ग्रामीण सड़कों के निर्माण की देरी के कारण ही केंद्र सरकार ने बिहार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर मार्च 2022 तक प्रधानमंत्री सड़क योजना की लंबित सड़कों और पुलों का निर्माण नहीं होता है तो, राज्य को अपने स्तर पर पैसे खर्च कर करने होंगे.