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सरकारी तंत्र की मनमानी जारी, निर्वाचन आयोग के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन - voter's list

बिहार सरकार में काम कर रहे तंत्र के कर्मचारी और अधिकारी मनमानी के लिए मशहूर हैं. कई बार तो ये सरकार के निर्देशों का भी पालन समय पर नहीं करते हैं. इस बार मामला चुनाव से जुड़ा हुआ है. राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के बावजूद अब तक मतदाता सूची में तकरीबन 13 लाख नए मतदाताओं का नाम दर्ज नहीं किया गया है

पटना
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Published : Mar 25, 2021, 3:31 PM IST

पटना: विधानसभा चुनाव के पहले राज्य में 15 लाख 70 हजार के करीब नए मतदाता पहचान पत्र बनाए गए थे. इसी मतदाता पहचान पत्र वाले वोटरों को मतदाता सूची में दर्ज कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दे रखा है. ये कार्य 12 मार्च को पूरा हो जाना चाहिए था.

ये भी पढ़ें- पंचायत चुनाव: लोकसभा और विधानसभा की तर्ज पर शिकायतों को निपटा रहा निर्वाचन आयोग

निर्देशों को ताक पर रखा
राज्य निर्वाचन आयोग के इस निर्देश को सरकारी तंत्र में काम करने वाले कर्मचारी ताक पर रख दिए हैं. निर्देश के बावजूद अब तक राजभर में तकरीबन 3 लाख नए मतदाताओं का ही नाम सूची में दर्ज किया गया है. जहां निर्वाचन आयोग लगातार मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहा है. वहीं, दूसरी ओर सरकारी तंत्र के बाबुओं के लापरवाही भरे रवैये के कारण अलग ही नजारा बना हुआ है.

सरकारी तंत्र की मनमानी जारी

राज्य निर्वाचन आयोग की सख्ती
15 जिलों में तो अब तक एक भी लोगों का नाम मतदाता सूची में नहीं डाला गया है. दूसरी तरफ एक दर्जन जिले वैसे हैं जो लक्ष्य के 10% तक भी काम नहीं कर सके हैं. सरकारी तंत्र के इस ढीले रवैए पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सख्ती करते हुए सभी जिलों को जल्द से जल्द सभी नए मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज करने का निर्देश दिया है. साथ ही पंचायती राज विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव को भी इस संबंध में जानकारी दी है.

मतदाता सूची की तैयारी
मतदाता सूची की तैयारी

सूची में नाम दर्ज कराना बड़ी चुनौती
गौरतलब है कि पंचायत चुनाव में प्रखंड विकास पदाधिकारी ही निर्वाचन अधिकारी होते हैं. पंचायत चुनाव के लिए अधिकांश तैयारियां प्रखंड स्तर से ही की जा रही है. मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने को लेकर पंचायत विभाग और प्रखंड विकास पदाधिकारी की प्रमुख जिम्मेवारी है. लेकिन, चुनाव से पूर्व तकरीबन 12 लाख नए लोगों के नामों को मतदाता सूची में दर्ज कराना बड़ी चुनौती बन गया है.

मतदाता सूची
मतदाता सूची

ये भी पढ़ें- पंचायत चुनाव: इस बार प्रत्याशियों की जीत और हार में अहम भूमिका निभाएंगे 15 लाख नए वोटर

इन जिलों में एक भी वोटर का नाम लिस्ट में नहीं जुड़ा

जिलालक्ष्य प्राप्त लक्ष्य
मुजफ्फरपुर82992शून्य
समस्तीपुर71175शून्य
दरभंगा58360 शून्य
प. चंपारण 58820 शून्य
गोपालगंज 53534 शून्य
सिवान44542 शून्य
रोहतास 46661 शून्य
सहरसा 40042 शून्य
बांका 37818शून्य
जमुई 33782 शून्य
कैमूर29428 शून्य
मुंगेर 27747शून्य
लखीसराय 17065 शून्य
शिवहर 6630 शून्य
शेखपुरा 5892 शून्य

इन जिलों का बेहतर प्रदर्शन

जिलालक्ष्यप्राप्त लक्ष्य
सीतामढ़ी7221140006
मधुबनी 57354 32164
भोजपुर 50417 30341
गया 44347 29603
सारण 61889 26243
पूर्वी चंपारण 55637 23712
बेगूसराय 53474 20085

पटना: विधानसभा चुनाव के पहले राज्य में 15 लाख 70 हजार के करीब नए मतदाता पहचान पत्र बनाए गए थे. इसी मतदाता पहचान पत्र वाले वोटरों को मतदाता सूची में दर्ज कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दे रखा है. ये कार्य 12 मार्च को पूरा हो जाना चाहिए था.

ये भी पढ़ें- पंचायत चुनाव: लोकसभा और विधानसभा की तर्ज पर शिकायतों को निपटा रहा निर्वाचन आयोग

निर्देशों को ताक पर रखा
राज्य निर्वाचन आयोग के इस निर्देश को सरकारी तंत्र में काम करने वाले कर्मचारी ताक पर रख दिए हैं. निर्देश के बावजूद अब तक राजभर में तकरीबन 3 लाख नए मतदाताओं का ही नाम सूची में दर्ज किया गया है. जहां निर्वाचन आयोग लगातार मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहा है. वहीं, दूसरी ओर सरकारी तंत्र के बाबुओं के लापरवाही भरे रवैये के कारण अलग ही नजारा बना हुआ है.

सरकारी तंत्र की मनमानी जारी

राज्य निर्वाचन आयोग की सख्ती
15 जिलों में तो अब तक एक भी लोगों का नाम मतदाता सूची में नहीं डाला गया है. दूसरी तरफ एक दर्जन जिले वैसे हैं जो लक्ष्य के 10% तक भी काम नहीं कर सके हैं. सरकारी तंत्र के इस ढीले रवैए पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सख्ती करते हुए सभी जिलों को जल्द से जल्द सभी नए मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज करने का निर्देश दिया है. साथ ही पंचायती राज विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव को भी इस संबंध में जानकारी दी है.

मतदाता सूची की तैयारी
मतदाता सूची की तैयारी

सूची में नाम दर्ज कराना बड़ी चुनौती
गौरतलब है कि पंचायत चुनाव में प्रखंड विकास पदाधिकारी ही निर्वाचन अधिकारी होते हैं. पंचायत चुनाव के लिए अधिकांश तैयारियां प्रखंड स्तर से ही की जा रही है. मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने को लेकर पंचायत विभाग और प्रखंड विकास पदाधिकारी की प्रमुख जिम्मेवारी है. लेकिन, चुनाव से पूर्व तकरीबन 12 लाख नए लोगों के नामों को मतदाता सूची में दर्ज कराना बड़ी चुनौती बन गया है.

मतदाता सूची
मतदाता सूची

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इन जिलों में एक भी वोटर का नाम लिस्ट में नहीं जुड़ा

जिलालक्ष्य प्राप्त लक्ष्य
मुजफ्फरपुर82992शून्य
समस्तीपुर71175शून्य
दरभंगा58360 शून्य
प. चंपारण 58820 शून्य
गोपालगंज 53534 शून्य
सिवान44542 शून्य
रोहतास 46661 शून्य
सहरसा 40042 शून्य
बांका 37818शून्य
जमुई 33782 शून्य
कैमूर29428 शून्य
मुंगेर 27747शून्य
लखीसराय 17065 शून्य
शिवहर 6630 शून्य
शेखपुरा 5892 शून्य

इन जिलों का बेहतर प्रदर्शन

जिलालक्ष्यप्राप्त लक्ष्य
सीतामढ़ी7221140006
मधुबनी 57354 32164
भोजपुर 50417 30341
गया 44347 29603
सारण 61889 26243
पूर्वी चंपारण 55637 23712
बेगूसराय 53474 20085
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