पटनाः बिहार में छठे चरण में करीब 94 हजार पदों के लिए शिक्षक नियोजन प्रक्रिया जल्द शुरू होने को लेकर बिहार सरकार ने पटना हाई कोर्ट में जवाब के साथ अपना आवेदन दाखिल कर दिया है. अब अगर दूसरा पक्ष भी जल्द सुनवाई के लिए हाई कोर्ट का रुख करता है, तो इस मामले में हाई कोर्ट का फैसला जल्द आ सकता है. जिसके बाद नियोजन की प्रक्रिया जल्द पूरी होने की संभावना बन जाएगी.
छठे चरण का जल्द नियोजन चाहती है सरकार
ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में बिहार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि सरकार छठे चरण का नियोजन जल्द से जल्द पूरा कराना चाहती है, लेकिन दो मामलों को लेकर कोर्ट के आदेश का इंतजार है. हालांकि कक्षा 6 से 8 तक के नियोजन की प्रक्रिया में मेघा सूची बनाने का काम चल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि जिन जगहों पर मेघा सूची बनाने में ढिलाई बरती जा रही है. उसके लिए वे जल्द ही कड़ाई से अनुपालन कराएंगे.
जल्द सुनवाई की अपील
बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने जिन दो मामलों को लेकर 4 सितंबर और 7 सितंबर को अगली सुनवाई होनी है. उन दोनों मामलों में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने अपना जवाब हाई कोर्ट में दाखिल कर दिया है और साथ ही जल्द सुनवाई की अपील भी की है. सूत्रों के मुताबिक, अब अगर इन दोनों मामलों में दूसरा पक्ष भी हाई कोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए आता है, तो हाई कोर्ट इस मामले में जल्द सुनवाई कर सकता है. ऐसे में समय से नियोजन की प्रक्रिया पूरी होने की संभावना बन सकती है.
किन दो मामलों में फंसा है पेंच-
- एक मामला डीएलएड और बीएड में प्राथमिकता को लेकर है. बीएड अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अपील की है कि सरकार ने नियोजन की प्रक्रिया के बीच में ही प्राथमिकता शब्द जोड़कर गलत किया है.
- दूसरा मामला एनआईओएस डीएलएड करने वाले ऐसे अभ्यर्थियों का है, जिन्होंने दिसंबर 2019 में सीटेट परीक्षा पास की है. उनकी मांग है कि उन्हें भी इस नियोजन प्रक्रिया में शामिल होने दिया जाए.
कक्षा एक से 5वीं तक का नियोजन प्रभावित
इन दोनों मामलों में कक्षा 1 से 5वीं तक का नियोजन प्रभावित हुआ है. जिसकी वजह से आवेदन लेने के बाद यह मामला अधर में लटक गया है. हालांकि प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने बताया कि शिक्षा विभाग अपनी ओर से अभ्यर्थियों की पूरी सूची एक्सेल शीट में तैयार करवा रहा है, ताकि फैसला आने के बाद नियोजन की प्रक्रिया में ज्यादा विलंब ना हो.