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Anganbadi Worker Protest: पटना में आंगनबाड़ी कर्मियों का प्रदर्शन, सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग

मसौढ़ी में आंगनबाड़ी सेविका की टीम ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है . इन महिलाओं की मांग है कि हमलोगों को भी सरकारी सेवक घोषित किया जाए. अगर सरकार हमलोगों की बात नहीं मानती तब आने वाले चुनाव में अंजाम भुगतने को तैयार रहे. इसके साथ ही उन आंगनबाड़ी महिलाओं ने समेत 21 सूत्री मांग को लेकर विरोध- प्रदर्शन किया है.

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Published : Feb 10, 2023, 2:15 PM IST

Updated : Feb 10, 2023, 2:22 PM IST

पटना: बिहार राज्य के पटना से नजदीक मसौढ़ी में आंगनबाड़ी सेविकाओं का विरोध प्रदर्शन हुआ. इनलोगों ने अपनी 21 सुत्री मांग को लेकर सरकारी कार्यालय के सामने नारेबाजी की है. इन आंगनबाड़ी कार्यरत कर्मियों का कहना है कि सरकार हमलोगों के साथ सौतेला व्यवहार करने में जुटी है. हमलोगों के लगातार मांग करने के बावजूद सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. इन महिलाओं का कहना था कि अगर हमलोगों की मांगे नहीं मानी गई. तब हमलोग आगामी चुनाव में ताकत दिखाएंगे. उस समय सरकार को बुरी तरह से अंजाम भुगतना पड़ेगा.

ये भी पढ़ेंः रोहतास में पोषाहार के लिए सड़ा चावल देने पर बिफरीं आंगनबाड़ी सेविकाएं, जमकर किया हंगामा


सरकारी कर्मी बनाने की मांग: पूरे बिहार में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिकाओं ने सरकारी कर्मचारी के दर्जा के साथ ही मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है. उक्त महिलाओं का कहना है कि एक साथ सभी आक्रोशित आंगनवाड़ी सेविकाएं, सहायिकाएं पूरे प्रखंड मुख्यालय में 21 सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. उन लोगों ने राज्य की सरकार को चेताया है कि अगर हमारी 21 सूत्री मांगों पर विचार नहीं किया गया तब हमलोग भी आने वाले चुनाव के समय का इंतजार करेंगे. उस समय हमलोग भी चुनाव को प्रभावित करने का काम करेंगे.

चुनाव प्रभावित करने की धमकी: उन महिलाओं का कहना है कि जिस तरह यह सरकार महिला सशक्तिकरण के नाम पर आगे बढ़ रही है. उसी प्रकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार हम सभी महिलाओं के कारण आगे बढ़ रही है. अगर हमलोगों की सूत्री मांगों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. तब पार्टी को भी आने वाले चुनाव में इसका परिणाम भुगतना होगा. आक्रोशित आंगनबाड़ी सेविकाओं ने कहा कि प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना का लाभ भी सेविका और सहायिका को देना सुनिश्चित करें.

सारी सुविधाएं दिए जाने की मांग: आंगनबाड़ी कर्मियों की मांग थी कि इनलोगों के मानदेय को बढ़ाकर 18 हजार रुपए की जाए. बिहार में भी आंगनबाड़ी को दस लाख आर्थिक सहायता एवं स्वास्थ्य बीमा दिया जाए. मसौढ़ी स्थित समेकित बाल विकास परियोजना के पास आक्रोशित आंगनवाडी सेविकाओं ने प्रदर्शन किया और कहा कि आगामी 28 फरवरी को जिला मुख्यालय में और 20 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे. इन महिलाओं का कहना है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं की जाती. तब तक सरकार के समक्ष विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे.

"आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए ग्रेड सी और ग्रेड सी,डी में समायोजित किया जाए. जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं हो जाता है तब तक सेविकाओं को 25हजार एवं सहायिका को 18हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय राशि दिया जाए. 16 मई 2017 के समझौते के आलोक में 54 दिन हड़ताल के बाद शेष लंबित मांगों का निष्पादन किया जाए. प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा का लाभ दिया जाए. इसके साथ ही सेवानिवृत्ति के पश्चात 10,000 प्रतिमाह पेंशन दिया जाए. दस लाख रुपए आर्थिक सहायता एवं स्वास्थ्य बीमा दिया जाए". सुजाता कुमारी अध्यक्ष आंगनबाड़ी सेविका संघ,मसौढी

ये भी पढ़ेंः लखीसरायः आंगनबाड़ी में पढ़ रहे बच्चों की कविता सुन ताली बजाने लगे डीएम

पटना: बिहार राज्य के पटना से नजदीक मसौढ़ी में आंगनबाड़ी सेविकाओं का विरोध प्रदर्शन हुआ. इनलोगों ने अपनी 21 सुत्री मांग को लेकर सरकारी कार्यालय के सामने नारेबाजी की है. इन आंगनबाड़ी कार्यरत कर्मियों का कहना है कि सरकार हमलोगों के साथ सौतेला व्यवहार करने में जुटी है. हमलोगों के लगातार मांग करने के बावजूद सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. इन महिलाओं का कहना था कि अगर हमलोगों की मांगे नहीं मानी गई. तब हमलोग आगामी चुनाव में ताकत दिखाएंगे. उस समय सरकार को बुरी तरह से अंजाम भुगतना पड़ेगा.

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सरकारी कर्मी बनाने की मांग: पूरे बिहार में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिकाओं ने सरकारी कर्मचारी के दर्जा के साथ ही मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है. उक्त महिलाओं का कहना है कि एक साथ सभी आक्रोशित आंगनवाड़ी सेविकाएं, सहायिकाएं पूरे प्रखंड मुख्यालय में 21 सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. उन लोगों ने राज्य की सरकार को चेताया है कि अगर हमारी 21 सूत्री मांगों पर विचार नहीं किया गया तब हमलोग भी आने वाले चुनाव के समय का इंतजार करेंगे. उस समय हमलोग भी चुनाव को प्रभावित करने का काम करेंगे.

चुनाव प्रभावित करने की धमकी: उन महिलाओं का कहना है कि जिस तरह यह सरकार महिला सशक्तिकरण के नाम पर आगे बढ़ रही है. उसी प्रकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार हम सभी महिलाओं के कारण आगे बढ़ रही है. अगर हमलोगों की सूत्री मांगों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. तब पार्टी को भी आने वाले चुनाव में इसका परिणाम भुगतना होगा. आक्रोशित आंगनबाड़ी सेविकाओं ने कहा कि प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना का लाभ भी सेविका और सहायिका को देना सुनिश्चित करें.

सारी सुविधाएं दिए जाने की मांग: आंगनबाड़ी कर्मियों की मांग थी कि इनलोगों के मानदेय को बढ़ाकर 18 हजार रुपए की जाए. बिहार में भी आंगनबाड़ी को दस लाख आर्थिक सहायता एवं स्वास्थ्य बीमा दिया जाए. मसौढ़ी स्थित समेकित बाल विकास परियोजना के पास आक्रोशित आंगनवाडी सेविकाओं ने प्रदर्शन किया और कहा कि आगामी 28 फरवरी को जिला मुख्यालय में और 20 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे. इन महिलाओं का कहना है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं की जाती. तब तक सरकार के समक्ष विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे.

"आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए ग्रेड सी और ग्रेड सी,डी में समायोजित किया जाए. जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं हो जाता है तब तक सेविकाओं को 25हजार एवं सहायिका को 18हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय राशि दिया जाए. 16 मई 2017 के समझौते के आलोक में 54 दिन हड़ताल के बाद शेष लंबित मांगों का निष्पादन किया जाए. प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा का लाभ दिया जाए. इसके साथ ही सेवानिवृत्ति के पश्चात 10,000 प्रतिमाह पेंशन दिया जाए. दस लाख रुपए आर्थिक सहायता एवं स्वास्थ्य बीमा दिया जाए". सुजाता कुमारी अध्यक्ष आंगनबाड़ी सेविका संघ,मसौढी

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Last Updated : Feb 10, 2023, 2:22 PM IST
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