पटना: बुधवार को बिहार विधानसभा के बजट सत्र का तीसरा दिन रहा. लगातार तीसरे दिन भी विपक्ष ने सदन के बाहर जमकर हंगामा किया. विपक्षी नेताओं ने नियोजित शिक्षकों के मामले को लेकर वेल में पहुंचकर नारेबाजी की. इसके कारण सभापति ने स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया.
विपक्ष के सदस्यों ने नेता विरोधी दल राबड़ी देवी की अध्यक्षता में सदन के बाहर नारेबाजी की. तकरीबन 12 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने नियोजित शिक्षक के मामले पर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया. जिसे सभापति हारून रशीद ने नहीं माना. जिसके बाद कुछ देर के लिए राजद, कांग्रेस और सीपीआई के सदस्यों ने वेल में जाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.
शिक्षकों के मसले पर चर्चा करना चाहते थे विपक्षी नेता
दरअसल, विपक्ष का कहना था कि सदन में सभी कार्यों को स्थगित कर शिक्षक के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए. राजद के सदस्य सुबोध कुमार राय और सीपीआई के संजय कुमार सिंह ने कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया. टोका-टोकी के बीच प्रश्नकाल चला. जानकारी के मुताबिक सत्र के तीसरे दिन कुल 36 सवालों के जवाब सरकार की ओर से दिए गए.
इन विभागों से पूछे गए सवाल :
- नगर विकास एवं आवास विभाग के लिए 13 सवाल
- आपदा प्रबंधन विभाग से 6 सवाल
- राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के लिए 5 सवाल
- सहकारिता विभाग से 4 सवाल
- समान प्रशासन विभाग के लिए 5 सवाल
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पक्ष-विपक्ष रहा आमने-सामने
बता दें कि सवाल करने वाले सदस्यों में विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के भी कई सदस्य शामिल थे. कई सदस्यों ने तो यह भी आरोप लगाया कि सरकार के मंत्रियों ने जो जवाब दिए हैं, वह सही नहीं हैं बल्कि अधिकारियों की ओर से तैयार किए गए जवाब हैं. सदन को गुमराह करने वाले हैं. इसके जवाब में सरकार के मंत्रियों ने कहा कि अगर किसी भी अधिकारी ने गलत जवाब दिए हैं तो उस पर कठोर कार्रवाई होगी.