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ये है बिहार का हाल: ठेले पर ढोए जाते हैं मरीज और एंबुलेंस में सामान

बिहार में आप अक्सर ही ऐसी तस्वीरों से रूबरू होते होंगे जब मरीजों को ठेले पर ले जाया जाता है. शव को बाइक पर ढोना पड़ता है. लोग त्राहिमाम करते हैं. उसी बिहार की राजधानी से स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के अधिकारियों की घोर लापरवाही (Negligence) सामने आई है. इन दिनों गर्दनीबाग अस्पताल के एंबुलेंस से दवाइयां ढोने का काम किया जा रहा है. आप भी पढ़े स्वास्थ्य व्यवस्था का ऐसा हाल और देखें वीडियो...

एंबुलेंस
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Published : Jul 15, 2021, 7:48 AM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में इन दिनों एंबुलेंस से मरीज नहीं बल्कि सामान ढोए जा रहे हैं. सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है. इसके साथ ही बोला जा रहा है कि एंबुलेंस की भी पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था कर ली गई है. लेकिन तीसरी लहर से पहले ही एंबुलेंस को कबाड़ किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें: मरीजों के बेड पर खिले फूल... 'बिहार की दशा, दिशा और दुर्दशा इससे समझिए'

बता दें कि बीते कुछ दिनों पहले ही गर्दनीबाग अस्पताल (Gardanibagh Hospital) का वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें एंबुलेंस से सामान ढोया जा रहा था. जिसके बाद जिला सिविल सर्जन ने संज्ञान लिया और पता चला कि एंबुलेंस पीएचसी का है. सिविल सर्जन ने पीएचसी के प्रभारी को कड़ी फटकार लगाई और दोबारा ऐसा न होने का शपथ पत्र मांगा. इसके बावजूद भी गर्दनीबाग अस्पताल से एंबुलेंस से दवाइयां ढोने का काम बंद नहीं हो रहा है. एंबुलेंस से सामान ढोकर कबाड़ा किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट.

गर्दनीबाग अस्पताल में एंबुलेंस में दवाइयों और अन्य मेडिकल उपकरण के कार्टन लादे जा रहे थे. इस मसले पर जब ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम ने डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम ऑफिसर विवेक कुमार से बात की तो उन्होंने इसका पता लगाया. जिसके बाद पता चला कि दुल्हिन बाजार हेल्थ केयर सेंटर का यह एंबुलेंस है. जहां दवाइयां ले जाई जा रही हैं. ऐसे में उन्होंने वहां के प्रभारी को फटकार लगाई. बताते दें कि सभी स्वास्थ्य केंद्र को दवाइयां मंगाने के लिए सरकार अलग से पिकअप वैन का किराया देती है. लेकिन उस पैसे की बचत के लिए वहां के कर्मचारी अस्पताल के एंबुलेंस से ही सामान मंगा लेते हैं.

ये भी पढ़ें: Viral Video: देख लीजिए स्वास्थ्य मंत्री जी... आपके नाक के नीचे एम्बुलेंस से ढोया जा रहा चूना

गर्दनीबाग अस्पताल में जिला औषधि भंडार है, जहां से जिले के सभी अस्पतालों के लिए दवाइयां, ब्लीचिंग पाउडर और चूना पाउडर समेत अन्य सामान उपलब्ध कराए जाते हैं. इसी परिसर में जिला स्वास्थ समिति का कार्यालय भी है. ऐसे में जिस प्रकार से स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के नाक के नीचे से स्वास्थ्य विभाग के आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है, कहीं न कहीं यह विभाग की लचर रवैया को दर्शाता है. स्वास्थ विभाग का सख्त आदेश है कि एंबुलेंस से किसी भी कीमत में कोई भी सामान नहीं ढोया जाए. अब देखना है कि इस मसले पर स्वास्थ्य विभाग आगे क्या कार्रवाई करता है.

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था नई बात नहीं रह गई है. आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं. स्वास्थ्य विभाग के आदेश को ठेंगा दिखाने का काम किया जाता है. इसका उदाहरण बिहार के शेखपुरा जिले में देखने को मिला है. पीएचसी के पीछे कूड़े और कबाड़खाने में लाखों रुपये का नया बेड रखा हुआ है. जिसे देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह अधिकारियों की घोर लापरवाही है. फिलहाल, कबाड़खाने में तब्दील बेड में फूल और जंगली झाड़ उग गए हैं.

पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में इन दिनों एंबुलेंस से मरीज नहीं बल्कि सामान ढोए जा रहे हैं. सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है. इसके साथ ही बोला जा रहा है कि एंबुलेंस की भी पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था कर ली गई है. लेकिन तीसरी लहर से पहले ही एंबुलेंस को कबाड़ किया जा रहा है.

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बता दें कि बीते कुछ दिनों पहले ही गर्दनीबाग अस्पताल (Gardanibagh Hospital) का वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें एंबुलेंस से सामान ढोया जा रहा था. जिसके बाद जिला सिविल सर्जन ने संज्ञान लिया और पता चला कि एंबुलेंस पीएचसी का है. सिविल सर्जन ने पीएचसी के प्रभारी को कड़ी फटकार लगाई और दोबारा ऐसा न होने का शपथ पत्र मांगा. इसके बावजूद भी गर्दनीबाग अस्पताल से एंबुलेंस से दवाइयां ढोने का काम बंद नहीं हो रहा है. एंबुलेंस से सामान ढोकर कबाड़ा किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट.

गर्दनीबाग अस्पताल में एंबुलेंस में दवाइयों और अन्य मेडिकल उपकरण के कार्टन लादे जा रहे थे. इस मसले पर जब ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम ने डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम ऑफिसर विवेक कुमार से बात की तो उन्होंने इसका पता लगाया. जिसके बाद पता चला कि दुल्हिन बाजार हेल्थ केयर सेंटर का यह एंबुलेंस है. जहां दवाइयां ले जाई जा रही हैं. ऐसे में उन्होंने वहां के प्रभारी को फटकार लगाई. बताते दें कि सभी स्वास्थ्य केंद्र को दवाइयां मंगाने के लिए सरकार अलग से पिकअप वैन का किराया देती है. लेकिन उस पैसे की बचत के लिए वहां के कर्मचारी अस्पताल के एंबुलेंस से ही सामान मंगा लेते हैं.

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गर्दनीबाग अस्पताल में जिला औषधि भंडार है, जहां से जिले के सभी अस्पतालों के लिए दवाइयां, ब्लीचिंग पाउडर और चूना पाउडर समेत अन्य सामान उपलब्ध कराए जाते हैं. इसी परिसर में जिला स्वास्थ समिति का कार्यालय भी है. ऐसे में जिस प्रकार से स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के नाक के नीचे से स्वास्थ्य विभाग के आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है, कहीं न कहीं यह विभाग की लचर रवैया को दर्शाता है. स्वास्थ विभाग का सख्त आदेश है कि एंबुलेंस से किसी भी कीमत में कोई भी सामान नहीं ढोया जाए. अब देखना है कि इस मसले पर स्वास्थ्य विभाग आगे क्या कार्रवाई करता है.

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था नई बात नहीं रह गई है. आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं. स्वास्थ्य विभाग के आदेश को ठेंगा दिखाने का काम किया जाता है. इसका उदाहरण बिहार के शेखपुरा जिले में देखने को मिला है. पीएचसी के पीछे कूड़े और कबाड़खाने में लाखों रुपये का नया बेड रखा हुआ है. जिसे देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह अधिकारियों की घोर लापरवाही है. फिलहाल, कबाड़खाने में तब्दील बेड में फूल और जंगली झाड़ उग गए हैं.

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