पटना: बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण (Corona Virus Infection) को देखते हुए सरकार ने 5 मई से ही लॉकडाउन (Lockdown) लगाया था, जो अब तक जारी है. लॉकडाउन के कारण स्वर्ण व्यवसायियों की हालत काफी खस्ता हो गई है. राजस्थानी पटना की बात करें तो पटना में करीब 10 हजार छोटे और बड़े स्वर्ण व्यवसाई हैं. लॉकडाउन के कारण राजधानी पटना के स्वर्ण व्यवसायियों को करीब डेढ़ सौ करोड़ का नुकसान हुआ है.
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नुकसान की भरपाई करना मुश्किल
ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के बिहार कन्वेनर अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि स्वर्ण व्यवसायियों की हालत काफी दयनीय हो गई है. लंबे समय से दुकानें बंद हैं, सभी प्रमुख त्यौहार जैसे अक्षय तृतीया, ईद, लगन का सीजन सब निकल गया और सभी में दुकानें बंद रही हैं. जिस कारण से राजधानी पटना के व्यवसायियों को डेढ़ सौ करोड़ का नुकसान हुआ है. इतने बड़े रकम की भरपाई करना काफी मुश्किल है. आगे सरकार क्या कुछ गाइडलाइंस जारी करेगी, कह पाना मुश्किल है. हालांकि गुरुवार से सप्ताह में 3 दिन दुकानें खोलने की इजाजत दी गई है.
व्यापारियों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा दे सरकार
सरकार से मांग है कि व्यापारियों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा दे. क्योंकि जब भी राज्य या देश में कोई आपदा आती है तो व्यापारी सरकार के साथ खड़े रहते हैं. इस बार भी सभी जरूरी सेवाओं को चालू रखने में व्यापारियों ने सरकार का साथ दिया है. सरकार को हमारे बारे में भी कुछ सोचना चाहिए और हमें भी फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा देना चाहिए.