पटनाः बिहार के लोग स्वादिष्ट खानों के बेहद शौकीन है. कहा जाता है कि यहां के लोग जितने चाव से खाते हैं, उतने ही प्रेम से दूसरों को खिलाते भी हैं. वैसे तो बिहारी भोजन के रूप में लिट्टी-चोखा को वैश्विक पहचान मिली हुई है. मगर इसके अलावे भी कई अन्य पकवान हैं, जो बेहद पसंद किए जाते हैं.
एक से बढ़कर एक व्यंजन, एक बार खाएंगे तो बार-बार खाने का मन करेगा. जी हां बिहारी थाली में ढेरों स्वादिष्ट पकवान हैं, जो न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपनी खास पहचान बना ली है. शुरुआत प्रसिद्ध लिट्टी चोखा से ही करते हैं, जिसके दीवाने सात समुंदर पार के लोग भी हैं.
लिट्टी-चोखा को वैश्विक पहचान
दरअसल, लिट्टी चोखा बिहार का पारम्परिक खाना हैं. लिट्टी देखने में तो बाटी जैसी लगती है, लेकिन थोड़ा सा अन्तर है. इसके अन्दर भरी जाने वाली पिठ्ठी सत्तू से बनाई जाती है और लिट्टी बैगन के चोखा (भुर्ता) या आलू के चोखा के साथ खाई जाती है. बिहार के लिट्टी चोखा का स्वाद अब देश के साथ ही विदेशों में धूम मचा रहा है. देश में किसी भी बड़े आयोजन के मेनू कार्ड में लिट्टी चोखा का नाम जरूर शामिल होता है. स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद और अपने चटपटे स्वाद के लिए मशहूर
बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड सेलिब्रिटी तक को पसंद
लिट्टी चोखा के दीवानों की लिस्ट लगातार बढ़ती जा रही है. आमिर खान हो या अभिषेक बच्चन, लिट्टी चोखा के दीवाने हैं तो वहीं हॉलीवुड अभिनेत्री मैंडी मूर को भी लिट्टी पसंद है. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर तो अपने सरकारी आवास पर लिट्टी बनवाते थे और उसे खाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी. पूर्व सीएम लालू यादव तो खुद से लिट्टी चोखा बनाते थे, खुद भी खाते थे और मेहमानों को भी खिलाते थे.
मीठे व्यंजन में ढेरों वैरायटी
बिहार के लोग मीठा व्यंजन काफी पसंद करते हैं. यही वजह है कि हर जिले का कोई न कोई मीठा पकवान खासा प्रसिद्ध है. लक्तो, खुरमा, बालुशाही, अनारसा, खाजा, मोतीचूर का लड्डू, काला जामुन, केसरिया पेड़ा, परवल की मिठाई, खोआ का लाई, बेल्जरामी, तिलकूट, ठेकुआ, गुझिा और चेना मुर्की काफी फेमस है. वहीं, सिआला (नालंदा) से खाजा, मनेर से लाड़ू, विक्रम से काला जामुन, खोबी का लाई, गया से तिलकुट और केसरिया पेड़ा, हरनाम से बालाशही और आरा के कोइलवर से चेना मुर्की खास पकवानों में शामिल है.
चूड़ा-दही भी खूब पसंद
बिहार में चूड़ा-दही भी खूब पसंद किया जाता है. दही तो हर छोटे-बड़े समारोह में एक प्रकार से अनिवार्य है. और अगर दही का असल मज़ा लेना हो तो चले जाईये उत्तर बिहार के किसी जिले में.
पान, मखान और मछली
मिथिला में पान, मखान और मछली बहुत ही प्रसिद्ध हैं. पान, मखान और मछली यहां हर रीति-रिवाज में शामिल हैं. यहां मछली को मांसाहार नहीं बल्कि शाकाहार में माना जाता है.
कलाम के संस्मरणों में भी उल्लेख
मछली के अवाला चिकेन और मटन भी खूब पसंद किए जाते हैं. गैर-शाकाहारी खाना पकाने का विशिष्ट बिहारी स्वाद मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के संस्मरणों में उल्लेख मिलता है, जो इसे बहुत ही सुस्वादित पाया.
दाल, भात, खिचड़ी
वैसे सामान्य रुप से एक आम बिहारी रोजाना के भोजन में दाल, भात, रोटी, सब्जी, अचार, पापड़, खिचड़ी पसंद करते हैं.