पटना: आम बजट पर पूरे देश की निगाह है. बिहार और केंद्र में एनडीए की सरकार है. बिहार में हाल ही में विधानसभा चुनाव हुआ है. सात निश्चय पार्ट टू के साथ 19 लाख लोगों को रोजगार देने का एनडीए ने वादा किया है. अब इस वादे पर काम करना है. ऐसे में बड़ी राशि इस क्षेत्र में खर्च होगी.
विशेष राज्य का दर्जा से लेकर विशेष छूट तक बिहार की पहले से कई मांगें हैं. ऐसे में विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना के कारण केंद्र की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है. बिहार में चुनाव भी अभी नहीं होना है. ऐसे में बजट से बिहार को बहुत कुछ मिलेगा यह उम्मीद करना सही नहीं होगा.
देश के विकास दर को पटरी पर लाने पर फोकस
ऐसे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा है कि केंद्रीय बजट प्रधानमंत्री और उनके कैबिनेट के लोगों का मामला है. इसके संबंध में पहले कोई जानकारी नहीं दी जाती है. उम्मीद है कि देश के विकास को लेकर ही बजट आएगा.
"बिहार में डबल इंजन की सरकार है. ऐसे में उम्मीद तो रखना ही चाहिए, लेकिन बिहार में कोई चुनाव होने वाला नहीं है. ऐसे में कोई लोकलुभावन घोषणा बिहार के लिए केंद्र सरकार करेगी ऐसा सोचना भी उचित नहीं होगा. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भी काम करना है. ज्यादा उम्मीद करने से पहले भी निराशा हुई है, लेकिन उम्मीद छोड़ना भी नहीं है."- एनके चौधरी, अर्थशास्त्री
"केंद्र सरकार का पूरा ध्यान अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने पर होगा. इसलिए इस बजट में क्षेत्रीय संतुलन पर विचार होगा यह दिख नहीं रहा है."- केपीएस केसरी, पूर्व अध्यक्ष, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
"कोरोना के चलते केंद्र सरकार की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है. ऐसे में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना ही बड़ी चुनौती होगी. बिहार में चुनाव भी नहीं है. केंद्र सरकार के लिए प्राथमिकता अभी बंगाल और असम होगा. बिहार में डबल इंजन की सरकार है. पहले भी इसका लाभ मिला है इस बार भी कुछ मिल जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी."- प्रोफेसर डीएम दिवाकर, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट
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विकास दर पटरी पर लाने पर रहेगा फोकस
अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञ अपने-अपने तरीके से देश के आम बजट को लेकर विश्लेषण कर रहे हैं. कोरोना के समय विकास दर प्रभावित हुआ. सबको लगता है कि केंद्र सरकार का पूरा फोकस विकास दर को पटरी पर लाने पर होगा. बिहार उन राज्यों में है जहां के प्रवासी मजदूर सबसे अधिक दूसरे राज्यों में जाते हैं. लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक परेशानी इन मजदूरों को हुई थी. इस पर ध्यान रखते हुए केंद्र सरकार बजट में कोई बड़ा कदम भी उठा सकती है.