पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में एक बार फिर गंगा नदी के जलस्तर (Water Level Of Ganga River) में बढ़ोतरी देखी जा रही है. बता दें कि पिछले कई दिनों से जलस्तर में स्थिरता बनी हुई थी. लेकिन एक बार फिर गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही हैं.
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बारिश के पहले तक कलेक्ट्रेट घाट, एनआईटी और दीघा घाट का जलस्तर कम हो गया था. इसे देखते हुए दियारा क्षेत्र के लोग अपने-अपने क्षेत्र को लौट गए थे. लेकिन एक बार फिर गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए उन्हें ऊंचे स्थानों पर शरण लेना पड़ेगा. कुछ दिनों पहले पानी कम होने से आवागमन भी शुरू कर दिया गया था. वहीं अब लोगों को चिंता सताने लगी है.
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मिल रही जानकारी के अनुसार गंगा के जलस्तर में 4 से 5 सेंटीमीटर बढ़ोतरी दर्ज की गई है. निचले इलाकों में एकबार फिर से बाढ़ का संकट मंडराने लगा है. सारण, छपरा के तटबंधीय इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है. हालांकि अभी भी गंगा खतरे के निशान से नीचे ही बह रही है, जिससे स्थिति सामान्य है. जो लोग दियारा इलाके से आकर पटना में शरणार्थी बने हुए थे, वे अपने मवेशियों, छोटे-छोटे बच्चों और परिवार के साथ वापस लौट रहे हैं.
'गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई है. लेकिन पहले से बहुत कम है. पहले घाटों के गुंबद तक डूब गए थे. जिसकी वजह से लोग काफी परेशान थे. अभी वैसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है.' -मनोज, गार्ड
बता दें कि बीते कुछ दिनों पहले यानी कि 12 अगस्त को गंगा के जलस्तर में प्रत्येक घंटे तीन इंच वृद्धि दर्ज की जा रही थी. देव नाला (Dev Nala) पर गंगा का जलस्तर 169.80 फीट दर्ज किया गया था. उस दौरान सहायक अभियंता नरोत्तम ठाकुर व कनीय अभियंता अशोक कुमार ने बताया था कि यूपी के इलाहाबाद और बनारस में गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. बक्सर में गंगा नदी और इंद्रपुरी में सोन नदी का जलस्तर स्थिर बताया था.
बिहार में इस तरीके की स्थिति 2016 में देखने को मिली थी. ठीक उसी तरह से इस वर्ष भी देखने को मिल रहा है. जिससे बाढ़ नियंत्रण विभाग की नींद उड़ गई हैं. प्रशासन और सरकार दोनों ही बाढ़ की स्थिति को लेकर अलर्ट मोड में हैं.