पटना: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर लगातार जिला प्रशासन के अधिकारी गंगा घाटों की तैयारी का जायजा ले रहे हैं. जिला प्रशासन के द्वारा पटना के सभी घाटों पर तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. इस बार गंगा का जलस्तर भी काफी नियंत्रण में है. पिछली बार कई घाट गंगा में समाहित थे, लेकिन इस बार गंगा का जलस्तर भी कम है. घाटों पर ज्यादा दलदल भी नहीं है.
दलदल वाले घाटों पर लाल निशान: हालांकि जिन घाटों पर दलदल है, उन घाटों पर लाल निशान लगाकर जाना वर्जित किया गया है. पटना में लगभग 100 घाट छठ व्रतियों के लिए चिन्हित किए गए हैं, जहां गंगा नदी में पूरी तरीके से बैरिकेडिंग की गई है. जिला प्रशासन के द्वारा घाटों पर पूरी लाइटिंग की व्यवस्था के साथ-साथ वॉच टावर भी बनाए गए हैं. श्रद्धालु और छठ व्रतियों के लिए शौचालय के साथ-साथ चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था की गई है.
100 से अधिक घाट सज-धज कर तैयार: पूजा के बाबत पटना में लगभग 100 से अधिक घाट जिला प्रशासन के द्वारा तैयार किए गए हैं. इसमें मुख्य रूप से कलेक्ट्रेट घाट, महेंद्रु घाट, दीघा घाट यानी जनार्दन घाट, गाय घाट और गांधी घाट पर काफी संख्या में भीड़ देखने को मिलती है. घाटों पर लाइटिंग के साथ-साथ पार्किंग सहित तमाम व्यवस्थाएं की गई है. लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है.
हर साल से बेहतर व्यवस्था: कलेक्ट्रेट घाट पर मौजूद पूजा समिति के व्यवस्थापक बाबा बर्फानी में साफ तौर से बताया कि 1975 के बाद से देखा जाए तो सबसे बेहतर व्यवस्था इस साल की गई है, जिला प्रशासन और समिति के द्वारा हर चीजों का ध्यान रखा गया है. वहीं उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से कलेक्ट्रेट घाट पर पूजा करने की अपील की है.
"इस बार सभी जगह पुलिस फोर्स तैनात रहेंगे, वहीं सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी रखी जाएगी. सभी घाटों पर वॉच टावर के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. सीसीटीवी की मॉनिटरिंग आईसीसीसी के माध्यम से की जाएगी. श्रद्धालु और छठ व्रतियों को किसी तरह की कोई समस्या न हो, इसको लेकर अतिरिक्त बल भी लगाए जाएंगे. गंगा घाटों पर पेयजल की भी व्यवस्था की गई है."- राजीव मिश्रा, एसएसपी
छठ पूजा का कार्यक्रम: बता दें कि चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा 17 नवंबर से प्रारंभ हो रहा है. 17 नवंबर को नहाय-खाय है. 18 नवंबर को खरना, 19 नवंबर को पहला अर्घ्य यानी अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं 20 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर लोकआस्था के महापर्व छठ पूजा का समापन हो जाएगा.
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