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उगते सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हुई छठ पूजा, घाट से घरों की ओर लौटे श्रद्धालु

चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था का महापर्व छठपूजा (Chhath Puja 2021) के अंतिम दिन भगवान भास्कर की पूजा अर्चना की गई. छठव्रतियों ने सुबह घण्टों गंगा में तप कर भगवान भास्कर की आराधना की. सुबह 6 बजकर 5 मिनट पर जैसे ही भगवान सूर्य की लाली देखी छठव्रतियों को खुशी का ठिकाना न रहा. श्रद्धालुओं ने फलों और दूध से भगवान भास्कर और छठी मैया को अर्घ्य देकर अपना निर्जला व्रत पूरा किया.

छठ पूजा
छठ पूजा
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Published : Nov 11, 2021, 7:38 AM IST

Updated : Nov 11, 2021, 1:27 PM IST

पटनाः लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2021) उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. इस दौरान पूरे बिहार में लाखों की संख्या में छठ व्रतियों (Chhath Vratis) ने बुधवार को संध्या में डूबते सूर्य और गुरुवार की सुबह उगते सूर्य की अराधना की. छठ व्रतियों ने देश, समाज और परिवार के सुख-शांति और समृधि की कामना की. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व को कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद छठ व्रतियों ने काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया. इस दौरान छठ के गीतों से पूरा बिहार छठमय हो गया. काफी संख्या में लोगों ने अपने घरों पर ही भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया.

यह भी पढ़ें- Chhath Geet: छठी मईया के गीतों से गूंजा पटना का गंगा घाट

उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले ही लोग अपने-अपने घरों से घाटों के लिए निकल पड़ते थे. उसके बाद छठव्रती और परिवारजन नदी और जलाशय में कमर भर पानी में खड़े रहकर भगवान भास्कर के उदित होने का इंतजार किया. जैसे ही सूर्य की किरणें उदित हुईं , साड़ी और धोती पहने स्त्री–पुरुष भगवान सूर्य की अराधना में मंत्रोच्चार के साथ लीन हो गए. पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत कई नेताओं ने भी गंगा घाट पहुंच कर भगावन सूर्य को अर्घ्य दिया. वहीं सीएम नीतीश कुमार ने भी अपने आवास पर छठ पूजा की.

छठव्रतियों की भीड़

इस दौरान विभिन्न गंगा घाटों पर छठ व्रतियों की सुरक्षा के लिए काफी संख्या में पुलिस बल तैनात थे. घाटों और तलाबों पर पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मुस्तैद थीं. सभी घाटों पर जिला प्रशासन और बिहार पुलिस के जवानों को लगया गया गया था. छठव्रतियों के बीच सादे वेश में महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. जिससे कि शांतिपूर्ण तरीके इस व्रत को सम्पन्न कराया जा सके. गौरतलब है कि उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए लाखों की संख्या में छठव्रती गंगा घाटों पर मौजूद होते हैं.

यह भी पढ़ें- Chhath Puja 2021:छठ में चढ़ने वाले इन प्रसादों का है खास महत्व, मईया होती हैं प्रसन्न

शास्त्रों के अनुसार छठ देवी भगवान ब्रह्माजी की मानस पुत्री और सूर्य देव की बहन हैं, उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए इस पर्व को मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि ब्रह्माजी ने सृष्टि रचने के लिए स्वयं को दो भागों में बांट दिया, जिसमें दाहिने भाग में पुरुष और बाएं भाग में प्रकृति का रूप सामने आया.

सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी ने अपने आप को छह भागों में विभाजित किया. इनके छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ मातृ देवी या देवसेना के रूप में जाना जाता है. प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इनका एक नाम षष्ठी है, जिसे छठी मईया के नाम से सभी जानते हैं. शिशु के जन्म के छठे दिन भी इन्हीं की पूजा की जाती है. इनकी उपासना करने से बच्चे को स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है. पुराणों में इन्हीं देवी का नाम कात्यायनी बताया गया है, जिनकी नवरात्रि की षष्ठी तिथि को पूजा की जाती है.

यह भी पढ़ें- Chhath Puja 2021:छठ में चढ़ने वाले इन प्रसादों का है खास महत्व, मईया होती हैं प्रसन्न

यह भी पढ़ें- जानिए क्यों मनाया जाता है छठ महापर्व, क्या है इसका पौराणिक महत्व

पटनाः लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2021) उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. इस दौरान पूरे बिहार में लाखों की संख्या में छठ व्रतियों (Chhath Vratis) ने बुधवार को संध्या में डूबते सूर्य और गुरुवार की सुबह उगते सूर्य की अराधना की. छठ व्रतियों ने देश, समाज और परिवार के सुख-शांति और समृधि की कामना की. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व को कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद छठ व्रतियों ने काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया. इस दौरान छठ के गीतों से पूरा बिहार छठमय हो गया. काफी संख्या में लोगों ने अपने घरों पर ही भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया.

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उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले ही लोग अपने-अपने घरों से घाटों के लिए निकल पड़ते थे. उसके बाद छठव्रती और परिवारजन नदी और जलाशय में कमर भर पानी में खड़े रहकर भगवान भास्कर के उदित होने का इंतजार किया. जैसे ही सूर्य की किरणें उदित हुईं , साड़ी और धोती पहने स्त्री–पुरुष भगवान सूर्य की अराधना में मंत्रोच्चार के साथ लीन हो गए. पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत कई नेताओं ने भी गंगा घाट पहुंच कर भगावन सूर्य को अर्घ्य दिया. वहीं सीएम नीतीश कुमार ने भी अपने आवास पर छठ पूजा की.

छठव्रतियों की भीड़

इस दौरान विभिन्न गंगा घाटों पर छठ व्रतियों की सुरक्षा के लिए काफी संख्या में पुलिस बल तैनात थे. घाटों और तलाबों पर पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मुस्तैद थीं. सभी घाटों पर जिला प्रशासन और बिहार पुलिस के जवानों को लगया गया गया था. छठव्रतियों के बीच सादे वेश में महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. जिससे कि शांतिपूर्ण तरीके इस व्रत को सम्पन्न कराया जा सके. गौरतलब है कि उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए लाखों की संख्या में छठव्रती गंगा घाटों पर मौजूद होते हैं.

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शास्त्रों के अनुसार छठ देवी भगवान ब्रह्माजी की मानस पुत्री और सूर्य देव की बहन हैं, उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए इस पर्व को मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि ब्रह्माजी ने सृष्टि रचने के लिए स्वयं को दो भागों में बांट दिया, जिसमें दाहिने भाग में पुरुष और बाएं भाग में प्रकृति का रूप सामने आया.

सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी ने अपने आप को छह भागों में विभाजित किया. इनके छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ मातृ देवी या देवसेना के रूप में जाना जाता है. प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इनका एक नाम षष्ठी है, जिसे छठी मईया के नाम से सभी जानते हैं. शिशु के जन्म के छठे दिन भी इन्हीं की पूजा की जाती है. इनकी उपासना करने से बच्चे को स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है. पुराणों में इन्हीं देवी का नाम कात्यायनी बताया गया है, जिनकी नवरात्रि की षष्ठी तिथि को पूजा की जाती है.

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Last Updated : Nov 11, 2021, 1:27 PM IST
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