पटना: कोरोना के खिलाफ निर्णायक जंग जीतना है, तो सभी का वैक्सीनेशन होना जरूरी है . ऐसे में टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन हकीकत ये है कि प्रदेश में आए दिन वैक्सीनेशन सेंटर कम होते जा रहे हैं. बिहार में पटना कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है और यहां सर्वाधिक एक्टिव केस हैं. इसी बीच यहां वैक्सीनेशन सेंटर कम हो गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने नए निर्देश के तहत पटना के 44 प्राइवेट अस्पतालों में चल रहे वैक्सीनेशन सेंटर को बंद कर दिया है.
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44 प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर बंद
पटना के डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉ. एसपी विनायक ने बताया कि वर्तमान समय में पटना जिले में 145 वैक्सीनेशन सेंटर कार्यरत हैं. ये सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में बने वैक्सीनेशन सेंटर हैं. उन्होंने बताया कि 101 वैक्सीनेशन सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, जबकि 44 वैक्सीनेशन पटना के सदर प्रखंड में हैं.
''स्वास्थ्य विभाग के नए आदेश के तहत जिले में चल रहे 44 प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर बंद कर दिए गए हैं. प्राइवेट अस्पतालों को लेकर जो अगला आदेश आएगा उसके अनुरूप आगे की कार्यवाही करेंगे''- डॉ. एसपी विनायक, डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर, पटना
प्राइवेट अस्पतालों के लिए दिशा निर्देश
डॉ. एसपी विनायक ने बताया कि अब प्राइवेट अस्पतालों को वैक्सीन मुहैया कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग का जो कुछ दिशा निर्देश होगा, उसका पालन किया जाएगा. फिलहाल, नए आदेश के तहत प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर को अपने लिए वैक्सीन की व्यवस्था खुद से करनी है और इसके लिए उन्हें डायरेक्ट वैक्सीन निर्माता कंपनी से संपर्क करना होगा.
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डॉ. एसपी विनायक ने कहा कि जो लोग प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन का पहला डोज नि:शुल्क ले चुके हैं, वो दूसरे डोज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जा सकते हैं. वहां उन्हें आसानी से नि:शुल्क वैक्सीन का दूसरा डोज दिया जाएगा.
क्यों हुए प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर बंद?
प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर बंद होने के कई कारण हो सकते हैं. पहला कारण सरकार को सीमित मात्रा में ही वैक्सीन मिल रही है और केवल सरकारी अस्पतालों में ही वैक्सीन की सप्लाई हो रही है. दूसरा कारण ये हो सकता है कि एक वैक्सीनेशन पर स्वास्थ्य विभाग ने 50 रुपये का सेवा शुल्क तय किया है, जिसका प्राइवेट अस्पतालों ने अब तक भुगतान नहीं किया है.
प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर बंद होने का तीसरा कारण ये हो सकता है कि अब निजी अस्पतालों को निर्माता कंपनियों से टीका खरीदना होगा, क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर बिहार सरकार ने वैक्सीन देना बंद कर दिया है. वहीं, चौथा कारण ये हो सकता है कि बिहार सरकार मुफ्त में टीकाकरण कर रही है और लोगों का रूझान सरकार के वैक्सीनेशन पर ज्यादा है.
प्राइवेट सेंटर पर चुकानी होगी राशि
बता दें कि बिहार में स्वास्थ्य विभाग ने जो नए दिशा निर्देश जारी किए हैं, उसके अनुसार प्राइवेट अस्पतालों को अपने यहां चल रहे वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन की व्यवस्था खुद ही करनी होगी और वैक्सीनेशन के लिए प्राइवेट सेंटर पर लोगों को निर्धारित राशि भी चुकानी होगी. सिर्फ सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर चलने वाले वैक्सीनेशन ही नि:शुल्क होंगे.
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बता देंं कि बिहार में कोरोना की रफ्तार थोड़ी कम हुई है. राहत की बात यह है कि स्वास्थ्य कर्मियों की कड़ी मेहनत की बदौलत लोग स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं. पिछले 24 घंटों के आंकड़े पर नजर डालें तो 13,466 नए मरीज मिले हैं. वहीं, इस दौरान 13,489 लोगों ने कोरोना को मात दी है. राज्य में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 1,15,066 हो गई है. वहीं, पिछले 24 घंटे में 62 संक्रमितों की मौत हो गई है.