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बोले नागमणि- 'UP में हो रहे 'खेला' में मेरा हाथ, वहां JDU की सभी सीटों पर होगी जमानत जब्त' - स्वामी प्रसाद मौर्या ने बीजेपी से दिया इस्तीफा

यूपी में भाजपा से गठबंधन नहीं होने के कारण जेडीयू (Janta Dal United) अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गई है. इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि (former union minister nagmani on jdu) ने चुटकी लेते हुए कहा कि, जो हाल झारखंड, बंगाल और दिल्ली में जेडीयू का हुआ था, वहीं यूपी में भी होगा. पढ़ें पूरी खबर..

former union minister nagmani on up election 2022
former union minister nagmani on up election 2022
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Published : Jan 19, 2022, 7:20 PM IST

पटना: देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (up election 2022) को लेकर सरगर्मी जोरों पर है. सभी प्रदेश में उत्तर प्रदेश की राजनीति का जिक्र आम हो गया है. इसी बीच अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय शोषित समाज दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागमणि ने दावा किया है कि, यूपी में जो खेला चल रहा है उसके पीछे उनका बहुत बड़ा हाथ है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने कहा कि, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर वह बीते दिनों समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी डॉक्टर रामगोपाल यादव से मुलाकात किए थे और उनके संदेश को लेकर के वह तत्कालीन भाजपा के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या से मिले थे. रामगोपाल यादव और स्वामी प्रसाद मौर्या (swami prasad joined samajwadi party) को बताया कि, देश में भाजपा को सत्ता से दूर करना बेहद जरूरी हो गया है क्योंकि सभी सरकारी उपक्रम औने पौने दाम पर सरकार बेचने का काम कर रही है. इससे उनके चंद करीबियों को ही फायदा हो रहा है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि का जेडीयू पर निशाना

यह भी पढ़ें- यूपी में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी JDU, कल जारी होगी प्रत्याशियों की सूची

नागमणि ने कहा कि,भाजपा की नीतियों से आम जनता का बड़ा नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में जो कुछ खेल हो रहा है उससे डंके की चोट पर कह सकते हैं कि, इस बार विधानसभा चुनाव में यूपी में भाजपा का बुरी तरह हारना तय है और समाजवादी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही है. वहीं जदयू पर अक्सर हमलावर दिखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने यूपी में जदयू के चुनाव लड़ने की घोषणा पर कहा कि, जदयू का यूपी में चुनाव लड़ने की बात सिर्फ हंसी की बात है.

ये भी पढ़ें: नहीं बनी बीजेपी से बात, यूपी में चुनाव लड़ेगा जनता दल यूनाइटेड

साथ ही उन्होंने कहा कि, बीते दिनों जदयू झारखंड और बंगाल में भी चुनाव लड़ी थी, जहां सभी सीट पर जमानत जब्त हो गई थी. इसके बाद दिल्ली में भी चुनाव में जदयू के सभी सीट पर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई. एक बार फिर जदयू के तरफ से घोषणा की जा रही है कि, यूपी में वह चुनाव लड़ने जा रहे हैं, यह हंसने वाली बात है. उन्होंने कहा कि राजनीति में उनके बयान को लोग काला जुबान कहते हैं. लेकिन वह उत्तर प्रदेश चुनाव की भविष्यवाणी पूर्व से कर दे रहे हैं कि, अगर जदयू यूपी में चुनाव लड़ती है तो उसके उम्मीदवारों की सभी सीटों पर जमानत जब्त हो जाएगी.

ये भी पढ़ें: ...तो क्या NDA से एग्जिट का बहाना ढूंढ रहे हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार?

गौरतलब है कि, राजनीतिक जानकारों के अनुसार स्वामी प्रसाद मौर्य की सपा में शामिल होने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह थी कि बेटी संघमित्रा मौर्य के सांसद होने के बाद खुद के लिए पडरौना तो बेटे उत्कृष्ट मौर्य के लिए ऊंचाहार से भारतीय जनता पार्टी की टिकट की मांग कर रहे थे. जबकि भाजपा संगठन इस बार संघमित्रा गौतम के सांसद होने की वजह से स्वामी प्रसाद का भी टिकट काटने की तैयारी कर रही थी. इसके साथ ही 2016 में बसपा से जो टीम स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ आई थी, वह भी अब उनके पीछे-पीछे भाजपा से जाने की तैयारी कर रही है.

यह भी पढ़ें - UP Assembly Election 2022: उपेंद्र कुशवाहा को BJP से गठबंधन होने की उम्मीद, कहा- बातचीत जारी

यूपी में भाजपा से गठबंधन के सहारे बैठी जनता दल यूनाइटेड को भाजपा ने आखिरी समय जोरदार झटका दिया है. जेडीयू और भाजपा का गठबंधन नहीं हो पाया. ऐसे में अब जेडीयू अकेले दम ही चुनाव मैदान में उतर रही है.बिहार में भारतीय जनता पार्टी के साथ जनता दल यूनाइटेड की साझा सरकार चल रही है. ऐसे में 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी जेडीयू का पूरा मन था कि भाजपा के साथ मैदान में उतरे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ कई बार मुलाकात और सीटों को लेकर बातचीत के बावजूद दोनों पार्टियां एक नहीं हो पाईं. आखिरकार अब जनता दल यूनाइटेड अलग अपने प्रत्याशी उतारेगी.

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पटना: देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (up election 2022) को लेकर सरगर्मी जोरों पर है. सभी प्रदेश में उत्तर प्रदेश की राजनीति का जिक्र आम हो गया है. इसी बीच अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय शोषित समाज दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागमणि ने दावा किया है कि, यूपी में जो खेला चल रहा है उसके पीछे उनका बहुत बड़ा हाथ है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने कहा कि, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर वह बीते दिनों समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी डॉक्टर रामगोपाल यादव से मुलाकात किए थे और उनके संदेश को लेकर के वह तत्कालीन भाजपा के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या से मिले थे. रामगोपाल यादव और स्वामी प्रसाद मौर्या (swami prasad joined samajwadi party) को बताया कि, देश में भाजपा को सत्ता से दूर करना बेहद जरूरी हो गया है क्योंकि सभी सरकारी उपक्रम औने पौने दाम पर सरकार बेचने का काम कर रही है. इससे उनके चंद करीबियों को ही फायदा हो रहा है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि का जेडीयू पर निशाना

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नागमणि ने कहा कि,भाजपा की नीतियों से आम जनता का बड़ा नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में जो कुछ खेल हो रहा है उससे डंके की चोट पर कह सकते हैं कि, इस बार विधानसभा चुनाव में यूपी में भाजपा का बुरी तरह हारना तय है और समाजवादी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही है. वहीं जदयू पर अक्सर हमलावर दिखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने यूपी में जदयू के चुनाव लड़ने की घोषणा पर कहा कि, जदयू का यूपी में चुनाव लड़ने की बात सिर्फ हंसी की बात है.

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साथ ही उन्होंने कहा कि, बीते दिनों जदयू झारखंड और बंगाल में भी चुनाव लड़ी थी, जहां सभी सीट पर जमानत जब्त हो गई थी. इसके बाद दिल्ली में भी चुनाव में जदयू के सभी सीट पर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई. एक बार फिर जदयू के तरफ से घोषणा की जा रही है कि, यूपी में वह चुनाव लड़ने जा रहे हैं, यह हंसने वाली बात है. उन्होंने कहा कि राजनीति में उनके बयान को लोग काला जुबान कहते हैं. लेकिन वह उत्तर प्रदेश चुनाव की भविष्यवाणी पूर्व से कर दे रहे हैं कि, अगर जदयू यूपी में चुनाव लड़ती है तो उसके उम्मीदवारों की सभी सीटों पर जमानत जब्त हो जाएगी.

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गौरतलब है कि, राजनीतिक जानकारों के अनुसार स्वामी प्रसाद मौर्य की सपा में शामिल होने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह थी कि बेटी संघमित्रा मौर्य के सांसद होने के बाद खुद के लिए पडरौना तो बेटे उत्कृष्ट मौर्य के लिए ऊंचाहार से भारतीय जनता पार्टी की टिकट की मांग कर रहे थे. जबकि भाजपा संगठन इस बार संघमित्रा गौतम के सांसद होने की वजह से स्वामी प्रसाद का भी टिकट काटने की तैयारी कर रही थी. इसके साथ ही 2016 में बसपा से जो टीम स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ आई थी, वह भी अब उनके पीछे-पीछे भाजपा से जाने की तैयारी कर रही है.

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यूपी में भाजपा से गठबंधन के सहारे बैठी जनता दल यूनाइटेड को भाजपा ने आखिरी समय जोरदार झटका दिया है. जेडीयू और भाजपा का गठबंधन नहीं हो पाया. ऐसे में अब जेडीयू अकेले दम ही चुनाव मैदान में उतर रही है.बिहार में भारतीय जनता पार्टी के साथ जनता दल यूनाइटेड की साझा सरकार चल रही है. ऐसे में 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी जेडीयू का पूरा मन था कि भाजपा के साथ मैदान में उतरे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ कई बार मुलाकात और सीटों को लेकर बातचीत के बावजूद दोनों पार्टियां एक नहीं हो पाईं. आखिरकार अब जनता दल यूनाइटेड अलग अपने प्रत्याशी उतारेगी.

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