पटना: पूर्व राजदूत और राज्यसभा के पूर्व सांसद पवन वर्मा (Former MP Pawan Verma ) ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात (Pawan Verma Met CM Nitish ) की. मुलाकात के बाद पवन वर्मा ने कहा कि सीएम नीतीश से मेरा मिलना अचानक या अचरज की बात नहीं है. नीतीश जी को मैंने अपना नेता चुना था. हमारे रिश्ते में स्नेह और सम्मान है. एक सिद्धांत के आधार पर जब मैं पार्टी से निष्कासित हुआ उसके बाद बाद भी हमारी बातचीत होती रही है मुलाकात होती रही है.
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'हमारे रिश्ते में स्नेह और सम्मान': चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और सीएम नीतीश को एक साथ लाने की बात पर पवन वर्मा ने कहा कि यह निष्कर्ष आप लोग कहां से लेकर आ रहे हैं. यह मुझे समझ नहीं आ रहा. नीतीश कुमार से मेरी मुलाकात या बातचीत कोई अचानक या आश्चर्य वाली बात नहीं है. नीतीश कुमार मेरे पसंदीदा नेता रहे हैं और मैंने भारतीय विदेश सेवा से इस्तीफा उनसे जुड़ने के लिए ही दिया था.
"इस मुलाकात का कोई बहुत बड़ा निष्कर्ष निकालना उचित नहीं है. प्रशांत किशोर अपना काम कर रहे हैं. मैं अपना काम कर रहा हूं. 2024 की जहां तक बात है खुद सीएम नीतीश कह चुके हैं कि वो पीएम उम्मीदवार नहीं हैं. नीतीश कोशिश कर रहे हैं कि विपक्ष एकजुट हो, अच्छी बात है. नीतीश इस लक्ष्य को बखूबी निभा भी सकते हैं. मैंने नीतीश को इस बात के लिए शुभकामनाएं दी हैं. प्रशांत किशोर और नीतीश साथ में आते हैं या नहीं इसपर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा."- पवन वर्मा,पूर्व सांसद
PK और पवन वर्मा पर एक साथ नीतीश ने की थी कार्रवाई: जनवरी 2020 में नीतीश ने पवन वर्मा और प्रशांत किशोर पर कार्रवाई की थी. उस समय पवन वर्मा जदयू के महासचिव और पीके जदयू उपाध्यक्ष थे. पवन वर्मा ने CAA पर जदयू और नीतीश कुमार के स्टैंड पर आपत्ति जताई थी.. पवन वर्मा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में जदयू के भाजपा से समझौते पर भी आपत्ति जतायी थी. उन्होंने नीतीश कुमार को इन मसलों पर एक पत्र भी लिखा था, जो सार्वजनिक हो गया था. उसी दौरान प्रशांत किशोर भी CAA समेत दूसरे मुद्दों पर नीतीश कुमार का विरोध कर रहे थे. जदयू ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई की थी.
प्रशांत के लौटने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म: सियासत में कभी भी कुछ भी हो सकता है. ऐसे में चर्चा हो रही है कि पवन वर्मा के बाद प्रशांत किशोर भी नीतीश खेमे में लौट सकते हैं. लेकिन इसकी उम्मीद कम ही नजर आ रही है क्योंकि नीतीश और पीके के बीच की जुबानी जंग की कड़वाहट बढ़ती जा रही है. नीतीश पीके पर निशाना साधते हैं तो उसका जवाब पीके भी तल्खी के साथ देते हैं. जिस तरह से उन्होंने महागठबंधन की सरकार को लेकर बयानबाजी की है और प्रदेश भर में यात्रा कर रहे हैं ऐसे में नीतीश से नजदीकी के आसार कम हैं.