पटना: जदयू के पूर्व सांसद मोनाजिर हसन, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में शामिल होंगे. 18 सितंबर को मोनाजिर हसन राष्ट्रीय लोक जनता दल के मिलन समारोह में उपेंद्र कुशवाहा का हाथ थामेंगे. पटना में जगह-जगह मिलन समारोह का पोस्टर लगाया गया है. हाल ही में मोनाजिर हसन ने जदयू छोड़ने का ऐलान किया था. उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर कई तरह के आरोप लगाए थे. जदयू ने इसका खंडन भी किया है.
इसे भी पढ़ेंः Bihar Politics: 'अभी और नेता छोड़ेंगे JDU, वहां खत्म हो गया है आंतरिक लोकतंत्र'.. मोनाजिर हसन
जदयू में मुस्लिम नेताओं को अपमानित करने का आरोपः मोनाजिर हसन ने कहा था कि जदयू में 90 फीसद कार्यकर्ता घुटन महसूस कर रहे हैं जदयू में हमारे जैसा निष्ठावान नेता की जरूरत नहीं है जदयू में मुस्लिम नेताओं को अपमानित किया जा रहा है और इन्हीं सब कारणों से पार्टी छोड़ने का फैसला लेने की बात कही थी. मोनाजिर हसन, नीतीश कुमार के भरोसेमंद नेता के रूप में जाने जाते रहे हैं. 2009 से 2014 तक बेगूसराय के सांसद रहे हैं. मोनाजिर हसन नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में भवन निर्माण मंत्री रह चुके हैं. जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने मोनाजिर हसन पर तंज कसा है.
"मोनाजिर हसन जदयू में बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं थे. अब वहां गए हैं तो उनको बताना चाहिए की मां सीता का कैसे अपमान किया जाता है और बीजेपी दंगा करने वाली पार्टी है. आरएसएस का गणवेश भी धारण कर लें."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू
बढ़ा सकते हैं ललन सिंह की मुश्किलेंः मोनाजिर हसन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र मुंगेर से आते हैं. ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव में न केवल ललन सिंह के लिए बल्कि जदयू के लिए मोनाजिर हसन मुश्किल बढ़ा सकते हैं. अब उपेंद्र कुशवाहा के साथ उनकी पार्टी में शामिल हो रहे हैं, ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के लिए बिहार में मुश्किलें बढ़ा सकते हैं, क्योंकि मुसलमानों के बड़े नेता के रूप में उनकी पहचान होती है.