पटनाः राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता, इसकी झलक बिहार में मंगलवार को एक बार फिर से देखने को मिली. पटना के बापू सभागार में मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और मंत्री रामजतन सिंह ने कांग्रेस छोड़ जेडीयू का दामन थाम लिया. रामजतन सिन्हा ने प्रशांत किशोर और वशिष्ठ नारायण सिंह सहित कई मंत्रियों के सामने जदयू की सदस्यता ग्रहण की.
पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद रामरतन ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान रामरतन ने बगावती सुर छेड़ते हुए कहा कि वह नीतीश कुमार के विकास कार्यों से प्रभावित होकर जदयू में आए हैं. बिहार में कुछ लोग जातिवाद की राजनीति करना चाहते हैं. जिसे केवल नीतीश कुमार ही रोक सकते हैं. मैं पार्टी में कोई पद लेने नहीं बल्कि काम करने आया हूं. पार्टी जिस तरह का काम मुझे देगी, मैं वैसा काम करूंगा.
उपयोगिता के आधार पर दिया जाएगा कार्यभार
वहीं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वसिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि जो राजनीतिक कार्यकर्ता होता है और अपनी पार्टी से निराश का वातावरण देखता है तो निश्चित रूप से समानांतर पार्टी को खोजने का काम करता है. वशिष्ठ नारायण ने कहा कि रामरतन सिन्हा के समर्थकों को देखकर इनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है. जदयू में इनकी उपयोगिता और इनकी कार्य कुशलता को देखते हुए इन्हें कार्यभार दिया जाएगा.