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जीतन राम मांझी की मांग- झारखंड की तरह बिहार में बढ़े आरक्षण की सीमा

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग (Demand to increase reservation limit in Bihar) की है. उन्होंने कहा है कि इससे समाज के अंतिम तबके के लोगों को फायदा होगा और वो आगे बढ़ सकेंगे. पढ़ें पूरी खबर.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी
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Published : Nov 14, 2022, 5:58 PM IST

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने कहा है कि बिहार में भी आरक्षण की सीमा बढ़नी चाहिए, जिससे समाज के अंतिम पायदान पर बैठे हुए लोग हैं, उन्हें आगे आने का अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह काम भारत सरकार को ही कर देना चाहिए, लेकिन भारत सरकार इन सब बातों पर ध्यान नहीं दे रही है. इसीलिए बिहार में हम लोगों की सरकार है. हम लोग चाहते हैं कि बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाई जाए.

ये भी पढ़ें- गिरिराज से बोले मांझी- बिहार में कानून का राज नहीं होता तो इस तरह नहीं घूमते, UP का हाल देखिए

जीतन राम मांझी की सरकार से मांग

"जिस तरह आंध्र प्रदेश या झारखंड में आरक्षण की सीमा बढ़ायी गयी है. उसी तरह बिहार में भी आरक्षण की सीमा बढ़ाई जाए. इसको लेकर सदन से विधेयक पास करके राष्ट्रपति तक भेजा जाए. अगर केंद्र सरकार या राष्ट्रपति इस पर विचार नहीं करते हैं तो हम लोग यह मान लेंगे कि केंद्र सरकार पिछड़े समाज का विरोधी है. जनसंख्या के आधार पर आरक्षण भी तय होनी चाहिए. जो हाल बिहार में पिछड़ा, अत्यंत पिछड़ा जाति के लोगों का है. इसको लेकर सोचने की जरूरत है और बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़नी चाहिए. जिससे कि ऐसे लोगों का कल्याण हो सकता है."- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार

शराबबंदी पर जीतन राम मांझी की नसीहत: जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से शराबबंदी कानून को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि 'हम शुरू से ही कह रहे हैं कि बिहार के जिलों में ऐसे लोग बंद हैं, जो थोड़ा-मोड़ा शराब पीते हैं. ज्यादा शराब नहीं पीते हैं, वैसे लोगों को जेल से बाहर करना चाहिए. वैसे मुख्यमंत्री जी ने शराबबंदी के समीक्षा को लेकर जो बातें कही है, वह अच्छी बात है.'

"हम चाहेंगे वैसे लोग जो कम मात्रा में शराब पिए हैं और आज जेल में बंद हैं, उन्हें जेल से बाहर निकल जाए और जो शराब के बड़े तस्कर हैं, उनको पकड़ने का मुहिम तेज किया जाए. हम मानते हैं कि शराबबंदी अच्छी बात है. शराबबंदी होनी चाहिए. लेकिन इसमें ज्यादा से ज्यादा गरीब लोग जेल गए हैं, उस पर भी मुख्यमंत्री जी को ध्यान देने की जरूरत है."- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार

शराबबंदी कानून में संशोधन की जरूरत: पूर्व सीएम ने शराबबंदी कानून में फिर से संशोधन करने की जरूरत बताई है. साथ ही शराब पीकर जो लोग जेल में हैं, उन्हें जेल से बाहर निकालने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कर दी है. आपको बता दें कि इससे पहले ही जीतन राम मांझी ने कहा था कि एक पव्वा तक शराब अगर कोई व्यक्ति पीता है, तो उसे गिरफ्तार नहीं करनी चाहिए. आज फिर से उन्होंने कहा कि शराब पीकर जो लोग जेल में हैं उन्हें बाहर निकाल देना चाहिए. उसमें अधिकांश लोग गरीब हैं, जो अपने पैसे से अपना बेल भी नहीं करा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा की शोक सभा: पूर्व सीएम ने कहा- 'उनके जैसा इमानदार तो हम भी नहीं हैं'

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जीतन राम मांझी की सरकार से मांग

"जिस तरह आंध्र प्रदेश या झारखंड में आरक्षण की सीमा बढ़ायी गयी है. उसी तरह बिहार में भी आरक्षण की सीमा बढ़ाई जाए. इसको लेकर सदन से विधेयक पास करके राष्ट्रपति तक भेजा जाए. अगर केंद्र सरकार या राष्ट्रपति इस पर विचार नहीं करते हैं तो हम लोग यह मान लेंगे कि केंद्र सरकार पिछड़े समाज का विरोधी है. जनसंख्या के आधार पर आरक्षण भी तय होनी चाहिए. जो हाल बिहार में पिछड़ा, अत्यंत पिछड़ा जाति के लोगों का है. इसको लेकर सोचने की जरूरत है और बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़नी चाहिए. जिससे कि ऐसे लोगों का कल्याण हो सकता है."- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार

शराबबंदी पर जीतन राम मांझी की नसीहत: जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से शराबबंदी कानून को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि 'हम शुरू से ही कह रहे हैं कि बिहार के जिलों में ऐसे लोग बंद हैं, जो थोड़ा-मोड़ा शराब पीते हैं. ज्यादा शराब नहीं पीते हैं, वैसे लोगों को जेल से बाहर करना चाहिए. वैसे मुख्यमंत्री जी ने शराबबंदी के समीक्षा को लेकर जो बातें कही है, वह अच्छी बात है.'

"हम चाहेंगे वैसे लोग जो कम मात्रा में शराब पिए हैं और आज जेल में बंद हैं, उन्हें जेल से बाहर निकल जाए और जो शराब के बड़े तस्कर हैं, उनको पकड़ने का मुहिम तेज किया जाए. हम मानते हैं कि शराबबंदी अच्छी बात है. शराबबंदी होनी चाहिए. लेकिन इसमें ज्यादा से ज्यादा गरीब लोग जेल गए हैं, उस पर भी मुख्यमंत्री जी को ध्यान देने की जरूरत है."- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार

शराबबंदी कानून में संशोधन की जरूरत: पूर्व सीएम ने शराबबंदी कानून में फिर से संशोधन करने की जरूरत बताई है. साथ ही शराब पीकर जो लोग जेल में हैं, उन्हें जेल से बाहर निकालने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कर दी है. आपको बता दें कि इससे पहले ही जीतन राम मांझी ने कहा था कि एक पव्वा तक शराब अगर कोई व्यक्ति पीता है, तो उसे गिरफ्तार नहीं करनी चाहिए. आज फिर से उन्होंने कहा कि शराब पीकर जो लोग जेल में हैं उन्हें बाहर निकाल देना चाहिए. उसमें अधिकांश लोग गरीब हैं, जो अपने पैसे से अपना बेल भी नहीं करा सकते हैं.

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