बोकारोः बिहार के पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के संस्थापक पप्पू यादव शनिवार को पुरुलिया के पुंदाग में आयोजित होने वाले आनंदमार्ग के वार्षिक धर्म महासम्मेलन में भाग लेने बोकारो पहुंचे. इस क्रम में उन्होंने अपने बेबाक अंदाज में उन्होंने 1932 खतियान के सवाल पर सरकार से ही कई सवाल खड़े कर दिए. पूर्व सांसद 1932 खतियान पर कहा कि इसकी आवश्यकता नहीं है, 1932 द्वेष और तनाव पैदा करता है, यह राजनीतिक मुद्दे और स्टंट हैं
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पप्पू यादव की सीएम को सलाहः बातों में बातों में उन्होंने वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सलाह भी दे डाली. झारखंड में पूरा का पूरा पहाड़ और बालू माफियाओं के हाथों से वापस लेने को कह दिया. उन्होंने कहा कि झारखंड का निर्माण आदिवासी के सामाजिक रोजगार और आर्थिक सुधार को लेकर हुए था. उनके पिता गुरुजी झारखंड के सबसे बड़े आंदोलनकारी रहे हैं. जिस उद्देश और सपने से झारखंड राज्य बना, उस पर अभी तक सही रूप से काम नहीं कर पाए हैं.
प्रदेश के संसाधनों को नेता, माफिया के हाथों में ना देने की अपीलः आगे उन्होंने कहा कि यहां के इंडस्ट्रीज और इकोनॉमी को बढ़ाने का काम हम नहीं कर रहे हैं. झारखंड में इतने बड़े मिनिरल्स के बावजूद झारखंड लगातार आर्थिक रूप से कमजोर होता जा रहा है. हर झारखंडवासी के ऊपर लगभग 10 हजार से ऊपर का कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है. यहां के जो संसाधन हैं, उसे नेता, माफिया या पूंजीपतियों के हाथों ना बेच जाएं क्योंकि इसकी जो इक्नॉमी है जो रॉयल्टी है उस पर बात करनी चाहिए और राज्य का विकास करना चाहिए.
झारखंड में भ्रष्टाचार के मामलों पर पप्पू के कटाक्षः उन्होंने कहा कि खनिज संसाधनों से समृद्ध झारखंड में इतना रोजगार डिवेलप हो जाएगा कि पूरी दुनिया के लोग भी झारखंड में आ जाएंगे, जिससे यहां से बेहतर बनकर और बनाकर जाएंगे. उन्होंने झारखंड के राजनीतिक और आर्थिक हालात के ऊपर कटाक्ष करते हुए कहा कि यहां जितनी चोरी झारखंड से होती है, उतना पैसा यहां के नेताओं और पूंजीपतियों के घर में है और वहां से बाहर भेजा जाता है. उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई वहां होनी चाहिए, हमारी लड़ाई बदलाव के लिए होनी चाहिए. उन्होंने झारखंड के आगामी चुनाव को मद्देनजर कहा कि नेताओं की चिंता ना करें हम सब पर भारी हैं वक्त आने दीजिए.