पटनाः बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा है कि 'मैं रामायण को मानता हूं, यह मेरे लिए भी पूज्य महाकाव्य है. रामायण से ही रामचरितमानस का सृजन हुआ है और रामायण को वाल्मीकि जी ने लिखा है. लेकिन, इसकी कुछ पंक्तियों पर मुझे आपत्ति है. दरअसल पूरे देश में रामचरितमानस को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर बवाल मचा था. जिसके बाद अब जीतन राम मांझी ने भी इस पर अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा कि वो रामचरितमानस पूज्य महाकाव्य मानते हैं. हालांकि उन्हें भी इस महाकाव्य में अंकित कुछ पंक्तियों पर आपत्ति है.
ये भी पढ़ेंः बोले मांझी- रामायण में नायक और नायिका बनाकर कही गयी है बात, अपने बयान पर 200% हूं कायम
रामचरितमानस पर कही ये बातः पूर्व सीएम मांझी ने कहा कि रामायण में जो लाइन लिखी गई है, उसमें एक लाइन ये भी है कि नारी नीर नीच कटी धावा, ढोल गवार शुद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी, पूज्य विप्र शील गुण हीना" रामायण के इस चौपाइयों पर मुझे आपत्ति है. उन्होंने आगे कहा कि इसमें नारी नीर नीच कटी धावा क्यों बोला गया है उसमें कुछ अच्छी बातें भी तो हैं, मांझी ने कहा कि या तो इसे मिटा देना चाहिए या जो रामायण के मर्मज्ञ हैं, उन्हें वह काट देना चाहिए.
"हम रामचरितमानस को लगत नहीं कह सकते, इसमें बहुत सारी अच्छी बातें भी लिखी हैं. इससे अच्छा महाग्रंथ कोई हो ही नहीं सकता. इसें राजनीति के लिए भी कई अच्छी बातें बताईं गईं है. इसमें कहा गया है कि दूसरों की भलाई करने से पुण्य होता है. हमें हंस की तरह होना चाहिए. जैसे हंस पानी से दूध निकालकर पी लेता है वैसे ही हमें रामचरितमानस से दूध और पानी को अलग कर लेना चाहिए"- जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम बिहार
प्रभु राम के अस्तित्व उठाए थे सवालः आपको बताएं कि हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने पिछले साल ही प्रभु राम के अस्तित्व को काल्पनिक बताया था. उन्होंने कहा था कि श्री राम कोई जीवित और महापुरुष थे, ऐसा मैं नहीं मानता हूं. हालांकि रामायण कहानी में जो बातें बताई गई है, वो सीखने लायक है. महिलाओं की बात हो या फिर अपने से बड़ों के आदर और सम्मान की बात हो, रामायण हमें शिक्षा देती है. जिसे लेकर काफी बवाल हुआ था. विवाद के बावजूद मांझी अपने उस बयान पर कायम रहे. अब मांझी के एक बार फिर रामचरितमानस पर बयान दिया है और उसमे मौजूद कुछ चिजों को गलत ठहराया है.