पटनाः बिहार का सियासी पारा सातवें आसमान पर है. मिशन 2024 को साधने के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. दोनों गठबंधन की ओर से लोकसभा चुनाव में जीत के दावे भी किए जा रहे हैं. इसकी तैयारी में भी जुट गए हैं. लेकिन दो राष्ट्रीय दलों ने अभी तक प्रदेश कमेटी का गठन नहीं किया है. माना जा रहा है कि प्रदेश कमेटी नहीं होने से तैयारी की धार कुंद पड़ सकती है. इसलिए शीघ्र ही कमेटी गठित करने की तैयारी चल रही है.
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निगाहें दिल्ली की ओर: बिहार में भाजपा और कांग्रेस पार्टी ने महीनों पहले प्रदेश अध्यक्ष का चयन तो कर लिया है लेकिन अब तक दोनों दलों की प्रदेश कमेटी के गठन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का चयन दिसंबर 2022 में हुआ था. अखिलेश प्रसाद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था. लेकिन, बिहार प्रदेश कमेटी का गठन नहीं हो पाया. नेताओं की निगाहें दिल्ली की ओर है.
सबको जगह देना है: कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष के अलावा उपाध्यक्ष महासचिव सचिव और संगठन सचिव का चयन होना है. संख्या कितनी होगी यह प्रदेश अध्यक्ष के विवेक पर निर्भर है. आपको बता दें कि 2017 के बाद कांग्रेस कमेटी का गठन नहीं हुआ है. कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और विधान पार्षद समीर सिंह ने कहा है कि जल्द ही कमेटी के गठन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दी जाएगी. प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश सिंह इस काम में लगे हैं. सबको जगह देना है इस वजह से विलंब हो रही है.
भाजपा की कमेटी शीघ्र होगी गठित: भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सम्राट चौधरी का चयन किया है. मार्च महीने में सम्राट चौधरी प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे. 4 महीने का वक्त बीत चुका है लेकिन प्रदेश कमेटी का गठन नहीं हो सका है. जानकारी के मुताबिक 2 या 3 दिनों में प्रदेश समिति के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. आपको बता दें कि भाजपा में चार महामंत्री, 12 उपाध्यक्ष, 12 प्रदेश मंत्री और एक कोषाध्यक्ष का चयन होना है.
"संगठन से जरूरी कार्यक्रम है और पार्टी के कार्यक्रम लगातार चल रहे हैं. प्रदेश कमेटी का गठन में थोड़ा विलंब हो रहा है. कारण तो प्रदेश अध्यक्ष ही बता सकते हैं. जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष कमेटी के गठन की प्रक्रिया को पूरी कर लेंगे."- अरविंद कुमार, भाजपा प्रवक्ता