पटना: कोरोना वायरस को लेकर शहर को लॉक डाउन कर दिया गया है. सोमवार से पुलिस ने सख्ती बढ़ाई है तो सड़कों पर भीड़ कम दिखाई पड़ती है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि पटना में हजारों की संख्या में फुटपाथ पर दुकानदार चलाकर अपना जीवनयापन करने वाले लोगों का क्या होगा? फुटपाथ पर जितने भी ठेले और चाय की दुकान चलाने वाले लोग हैं. वे अब नजर नहीं आ रहे हैं. प्रशासन ने उनकी दुकान को बंद करवा दिया है. उन लोगों का साफ-साफ कहना है कि वह दाने-दाने के मोहताज हो रहे हैं, क्योंकि वह प्रतिदिन कमाई करके ही खाने वाले लोग थे.
'किस तरह चलाएंगे परिवार'
वैसे फुटपाथ दुकानदार जो किसी अन्य जिले से पटना में आकर फुटपाथ पर चाय की दुकान या ऑटो रिक्शा चलाते थे, उन लोगों का हाल बद से बदतर होता चला जा रहा है. लोगों का साफ-साफ कहना है कि आज दूसरा दिन है और हम लोग एक पैसा कहीं से कमा नहीं पाते हैं. परिवार को किस तरह से यहां पर चलाएंगे. प्रशासन दुकान को बंद करवा रही है तो दूसरी तरफ से सरकार हम लोगों के बारे में कुछ नहीं सोच रही है.
'सरकार की तरफ से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं'
प्रतिदिन कमाने वाले लोगों के लिए सरकार की तरफ से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. फुटपाथ पर रहने वाले लोगों की स्थिति खराब हो गई है. वो कहते हैं कि हम लोग अब दाने-दाने के मोहताज होने वाले हैं और कोई सुध लेने वाला नहीं है. साथ में कई दुकानदारों का यह भी कहना है कि अब हम घर जाना चाहते हैं, लेकिन सवारी ही नहीं मिल रही है.