पटना: बिहार के किसानों को बढ़ावा देने के लिए और उनकी आमदनी को बढ़ाने के लिए उद्योग विभाग लगातार कार्य कर रहा है. बिहार को अब इथेनॉल का हब (Ethanol Hub)बनाया गया है. इथेनॉल से अब बिहार में चाय और खाना भी बन सकेगा. बिहार में पहली बार इथेनॉल का चूल्हे में इस्तेमाल कर चाय बनाने का डेमो प्रस्तुत किया गया.
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घरेलू गैस से भी सस्ता
बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) के उद्योग भवन स्थित कार्यालय में दिल्ली की कंपनी द्वारा डेमो दिखाया गया. शाहनवाज हुसैन ने इस दौरान कहा कि बिहार अब इथेनॉल का हब बन गया है और इथेनॉल कुकिंग स्टोव का डेमो देखा. यह काफी सुरक्षित है और घरेलू गैस से भी सस्ता है.
इथेनॉल से बनाया गया चाय
लापीस फ्लेम (Lapis Flame) कंपनी द्वारा इथेनॉल का चूल्हे में इस्तेमाल कर चाय बना कर दिखाया गया और बताया गया कि इससे खाना भी बन सकता है. कंपनी के सीईओ अनूप आनंद ने बताया कि एक लीटर इथेनॉल का इस्तेमाल कर लगभग 8 घंटे तक चूल्हा जल सकता है. इस दौरान लोग कुछ भी खाने का सामान बना सकते हैं.
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"इसमें आग की जो लपटें निकलेंगे, वह ब्लू होंगी. जो सेहत के लिए बिल्कुल ही खतरनाक नहीं है. इसमें महक भी ना के बराबर आएगी और आपको पता भी नहीं चलेगा कि चूल्हा जल भी रहा है. अमूमन गैस पर खाना बनाने के दौरान हमें काफी सावधानी बरतनी होती है, उस लिहाज से भी यह बिल्कुल सुरक्षित है. इसमें किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. लोग आसानी से इसमें खाना बना सकते हैं और यह चूल्हा भी काफी सस्ता होगा. सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे पॉल्यूशन जरा भी नहीं होगा. लोग सुरक्षित रूप से शुद्ध खाना बना सकेंगे"- अनूप आनंद, सीईओ, लापीस फ्लेम
अलग-अलग तरह के प्रयोग
सभी मानकों में देखा जाए तो यह काफी बेहतर है और इसको इस्तेमाल करना भी काफी आसान है. कोई भी इस्तेमाल कर सकता है. वहीं उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इथेनॉल को लेकर अलग-अलग तरह के प्रयोग हो रहे हैं. परिणाम सभी के सामने काफी जल्द आ जाएंगे.
"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की एनडीए सरकार का मकसद है कि बिहार को उद्योग के मामले में आगे बढ़ाना है. बिहार के किसानों को लाभ पहुंचाना है. बहुत जल्द ही देश में इथेनॉल से गाड़ियां भी चलेंगी. जिसका ट्रायल हो रहा है. एक बड़ी कंपनी ने बताया है कि वह जल्द ही भारत में उसे लांच करेंगी"- शाहनवाज हुसैन, उद्योग मंत्री
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करीब 10 हजार करोड़ का निवेश
बिहार में कई बड़े निवेशक लगातार इथेनॉल में निवेश करने के लिए आ रहे हैं. अब तक करीब 10 हजार करोड़ का निवेश आ चुका है. बिहार के विभिन्न जिलों में एथेनॉल उत्पादन यूनिट लगाने के लिए आवेदन भी उद्योग विभाग को मिले हैं. जिसमें से कई को स्टेज-1 क्लीयरेंस भी दे दिया गया है.
38 जिलों में प्लांट लगाए जाने की योजना
बता दें कि 19 मार्च 2021 को बिहार में इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021 लॉन्च की गई थी. इस नीति के तहत बिहार में गन्ना, मक्का, टूटे चावल और सड़े हुए अनाज से इथेनॉल का उत्पादन किया जा सकेगा. वहीं, बिहार के 38 जिलों में प्लांट लगाए जाने की योजना है.
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एक इथेनॉल की इकाई लगाने के लिए विभाग की तरफ से कोई बाध्यता नहीं है. हालांकि, जानकारी के लिए न्यूनतम 10 से 15 एकड़ जमीन की आवश्यकता है. जिसमें करीब 100 से 120 करोड़ रुपये की लागत में इकाई शुरू होगी. किसी भी उद्यमियों या निवेशक को विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़े, इसकी तैयारी भी विभाग ने कर रखी है.