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पटना के इन निचले इलाकों में बाढ़ ने फिर मचाही तबाही, मुश्किल में लोगों की जिंदगी

पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते पटना में गंगा नदी (Ganga River) कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिसके कारण लोगों के ऊपर बाढ़ (Flood) का खतरा मंडरा रहा है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

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Published : Aug 7, 2021, 11:01 AM IST

पटना: बिहार में बाढ़ (Flood In Bihar) का प्रकोप एक बार फिर से देखने को मिल रहा है. गंगा नदी फिर उफान पर है. गंगा नदी (Ganga River) के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से राजधानी पटना (Patna) के निचले इलाकों में तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. बाढ़ के पानी में कई घर डूब चुके हैं. जिसके कारण लोगों के अंदर दहशत का माहौल हो गया है.

इस भी पढ़ें: चमचमाती राजधानी से दूर एक पटना यह भी..एक पुलिया की चाहत, एक नाव पर जिंदगी

जिले के दीदारगंज, फतुहा, खुशरूपुर समेत कई गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. बाढ़ का पानी गांव में घुस जाने से स्थिति भयावह हो गई है. सबसे ज्यादा परेशानी मवेशियों को हो रही है. सूखा स्थान नहीं मिलने से मवेशी पानी में रहने को मजबूर हैं. गंगा का जलस्तर बढ़ने से कई गांव के सम्पर्क पथ टूट गये हैं.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: गंगा में उफान: पटना में बाढ़ का खतरा, कई जगहों पर जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

ग्रामीण दाने-दाने को मोहताज हैं. घरों में पानी घुसने से खाने-पीने का सामान बर्बाद हो गया है. लोग ऊंचे टीले पर दिन-रात दहशत भरी जिंदगी जी रहे हैं. लोगों में हमेशा सांप-बिच्छू का डर बना रहता है. ग्रामीण इलाकों में तो बिजली भी गुल हो गई है.

गंगा के बढ़ते जलस्तर से लोगों के घरों के साथ-साथ हजारों एकड़ खेत में लगी फसल और सब्जियां भी बर्बाद हो गई हैं. खेती पर आश्रित लोगों में निराशा का माहौल है. इलाके में बाढ़ के कारण लोगों के बीच खाने पीने की समस्या हो रही है. लोगों के बीच जरूरी सामान भी नहीं पहुंच पा रहा है.

'बारिश के कारण सभी नदियों का जलस्तर अचानक से बढ़ गया है. कुछ गांव में बाढ़ का पानी भी प्रवेश कर गया है. हालांकि स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जायाजा लिया जा रहा है. हमलोग भी बाढ़ प्रभावित वाले क्षेत्र में जाकर स्थितियों का जायजा लिए हैं. मुख्य मार्ग टूटने के संबंध में एक सूची तैयार की जा रही है. जल्द से जल्द कार्य शुरू कर दिया जाएगा. आपदा राहत प्रवाधान के तहत बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत राशि या सामाग्री दी जाएगी.' -मुकेश रंजन, एसडीओ

पटना: बिहार में बाढ़ (Flood In Bihar) का प्रकोप एक बार फिर से देखने को मिल रहा है. गंगा नदी फिर उफान पर है. गंगा नदी (Ganga River) के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से राजधानी पटना (Patna) के निचले इलाकों में तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. बाढ़ के पानी में कई घर डूब चुके हैं. जिसके कारण लोगों के अंदर दहशत का माहौल हो गया है.

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जिले के दीदारगंज, फतुहा, खुशरूपुर समेत कई गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. बाढ़ का पानी गांव में घुस जाने से स्थिति भयावह हो गई है. सबसे ज्यादा परेशानी मवेशियों को हो रही है. सूखा स्थान नहीं मिलने से मवेशी पानी में रहने को मजबूर हैं. गंगा का जलस्तर बढ़ने से कई गांव के सम्पर्क पथ टूट गये हैं.

देखें रिपोर्ट.

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ग्रामीण दाने-दाने को मोहताज हैं. घरों में पानी घुसने से खाने-पीने का सामान बर्बाद हो गया है. लोग ऊंचे टीले पर दिन-रात दहशत भरी जिंदगी जी रहे हैं. लोगों में हमेशा सांप-बिच्छू का डर बना रहता है. ग्रामीण इलाकों में तो बिजली भी गुल हो गई है.

गंगा के बढ़ते जलस्तर से लोगों के घरों के साथ-साथ हजारों एकड़ खेत में लगी फसल और सब्जियां भी बर्बाद हो गई हैं. खेती पर आश्रित लोगों में निराशा का माहौल है. इलाके में बाढ़ के कारण लोगों के बीच खाने पीने की समस्या हो रही है. लोगों के बीच जरूरी सामान भी नहीं पहुंच पा रहा है.

'बारिश के कारण सभी नदियों का जलस्तर अचानक से बढ़ गया है. कुछ गांव में बाढ़ का पानी भी प्रवेश कर गया है. हालांकि स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जायाजा लिया जा रहा है. हमलोग भी बाढ़ प्रभावित वाले क्षेत्र में जाकर स्थितियों का जायजा लिए हैं. मुख्य मार्ग टूटने के संबंध में एक सूची तैयार की जा रही है. जल्द से जल्द कार्य शुरू कर दिया जाएगा. आपदा राहत प्रवाधान के तहत बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत राशि या सामाग्री दी जाएगी.' -मुकेश रंजन, एसडीओ

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