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बिहार की नदियां उफान पर, कई गावों में घुसा बाढ़ का पानी

लगातार हो रही बारिश के चलते बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. राज्य में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. भय से लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों से पलायन कर रहे हैं.

बाढ़ बिहार
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Published : Jul 3, 2021, 10:40 PM IST

पटना: बिहार में हो रही बारिश (Rain in Bihar) और प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि (Rise in Water Level of Major Rivers) से राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. नदियों के उफान से डरे लोग बाढ़ की आशंका से ऊंचे स्थानों पर पलायन कर रहे हैं. जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि सुबह आठ बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 2.21 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था. जो अपराह्न् 2 बजे 1.97 लाख क्यूसेक हो गया.

ये भी पढ़ें: अररिया और बंगाल को जोड़ने वाले NH-327 पर बह रहा पानी, बड़े वाहनों का परिचालन बंद

दो नदियों ने पार किया खतरे का निशान
इधर, गंडक (Gandak River) के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. सुबह 10 बजे गंडक का जलस्राव 2.21 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था, जबकि अपराह्न् दो बजे यहां का जलस्राव 2.76 लाख क्यूसेक हो गया. बताया जा रहा है कि गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने की आशंका है.

जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बागमती (Bagmati River) नदी डूबाधार, सोनाखान, ढेंग, कटौंझा हायाघाट और बेनीबाद में जबकि बूढ़ी गंडक (Budhi Gandak River) समस्तीपुर में रोसड़ा रेल पुल के पास खतरे के निशान को पार कर गई है. इधर, कमला बलान जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास लाल निशान के पार है.

देखें वीडियो

पश्चिम चंपारण और गोपालगंज में घुसा बाढ़ का पानी
ललबकैया नदी में उफान के कारण चंपारण क्षेत्र की स्थिति गंभीर होती जा रही है. राहत की बात है कि गंगा, पुनपुन और सोन नदी अभी अपनी सीमा में हैं. राज्य के पश्चिम चंपारण और गोपालगंज के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं.

बताया जा रहा है कि कई गांवों का सड़क संपर्क टूट गया हैं. शिवहर में भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. मुजफ्फरपुर के दो प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुस गया है. गंडक में पानी बढ़ने के बाद गोपालगंज में निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है. बताया जा रहा है कि इस जिले के 40 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.

ये भी पढ़ें: Muzaffarpur Flood: बाढ़ से लड़ने को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैद, कटाव निरोधी कार्य का लिया जायजा

अररिया में एनएच NH-327 E के डायवर्सन पर 2 फीट पानी
नेपाल (Nepal) के तराई क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से अररिया (Araria) के कई इलाकों में बाढ़ (Flood) जैसे हालात हो गए हैं. बकरा नदी के उफान से अररिया और बंगाल को जोड़ने वाले एनएच 327 ई (NH-327 E) के डायवर्सन पर दो फीट पानी बह रहा है. इसके कारण बड़े वाहनों का परिचालन बंद कर दिया गया है.

मुजफ्फरपुर के कटौझा में बागमती खतरे के निशान ऊपर
भारी बारिश (Rain in Bihar) के बाद नदियां उफान पर हैं. मुजफ्फरपुर के कटौझा में भी बागमती नदी (Bagmati River) खतरे के निशान से करीब 1 मीटर ऊपर बह रही है. वहीं, बूढ़ी गंडक नदी (Gandak River) के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होने से जिले के कई जगहों पर नदी के सुरक्षा बांध के ऊपर पानी का काफी दबाव बना हुआ है.

मुजफ्फरपुर में बाढ़ (Flood) से निपटने के लिए जिला प्रशासन की ओर से जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. इसी कड़ी में डीएम ने मीनापुर के डुमरिया में बूढ़ी गंडक नदी के कटाव निरोधी कार्य का निरीक्षण किया.

पटना: बिहार में हो रही बारिश (Rain in Bihar) और प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि (Rise in Water Level of Major Rivers) से राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. नदियों के उफान से डरे लोग बाढ़ की आशंका से ऊंचे स्थानों पर पलायन कर रहे हैं. जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि सुबह आठ बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 2.21 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था. जो अपराह्न् 2 बजे 1.97 लाख क्यूसेक हो गया.

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दो नदियों ने पार किया खतरे का निशान
इधर, गंडक (Gandak River) के जलस्तर में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. सुबह 10 बजे गंडक का जलस्राव 2.21 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था, जबकि अपराह्न् दो बजे यहां का जलस्राव 2.76 लाख क्यूसेक हो गया. बताया जा रहा है कि गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने की आशंका है.

जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बागमती (Bagmati River) नदी डूबाधार, सोनाखान, ढेंग, कटौंझा हायाघाट और बेनीबाद में जबकि बूढ़ी गंडक (Budhi Gandak River) समस्तीपुर में रोसड़ा रेल पुल के पास खतरे के निशान को पार कर गई है. इधर, कमला बलान जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास लाल निशान के पार है.

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पश्चिम चंपारण और गोपालगंज में घुसा बाढ़ का पानी
ललबकैया नदी में उफान के कारण चंपारण क्षेत्र की स्थिति गंभीर होती जा रही है. राहत की बात है कि गंगा, पुनपुन और सोन नदी अभी अपनी सीमा में हैं. राज्य के पश्चिम चंपारण और गोपालगंज के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं. लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं.

बताया जा रहा है कि कई गांवों का सड़क संपर्क टूट गया हैं. शिवहर में भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. मुजफ्फरपुर के दो प्रखंडों में बाढ़ का पानी घुस गया है. गंडक में पानी बढ़ने के बाद गोपालगंज में निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट किया गया है. बताया जा रहा है कि इस जिले के 40 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.

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अररिया में एनएच NH-327 E के डायवर्सन पर 2 फीट पानी
नेपाल (Nepal) के तराई क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से अररिया (Araria) के कई इलाकों में बाढ़ (Flood) जैसे हालात हो गए हैं. बकरा नदी के उफान से अररिया और बंगाल को जोड़ने वाले एनएच 327 ई (NH-327 E) के डायवर्सन पर दो फीट पानी बह रहा है. इसके कारण बड़े वाहनों का परिचालन बंद कर दिया गया है.

मुजफ्फरपुर के कटौझा में बागमती खतरे के निशान ऊपर
भारी बारिश (Rain in Bihar) के बाद नदियां उफान पर हैं. मुजफ्फरपुर के कटौझा में भी बागमती नदी (Bagmati River) खतरे के निशान से करीब 1 मीटर ऊपर बह रही है. वहीं, बूढ़ी गंडक नदी (Gandak River) के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होने से जिले के कई जगहों पर नदी के सुरक्षा बांध के ऊपर पानी का काफी दबाव बना हुआ है.

मुजफ्फरपुर में बाढ़ (Flood) से निपटने के लिए जिला प्रशासन की ओर से जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. इसी कड़ी में डीएम ने मीनापुर के डुमरिया में बूढ़ी गंडक नदी के कटाव निरोधी कार्य का निरीक्षण किया.

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