पटना: राजधानी पटना से सटे धनरुआ प्रखंड में करीब सभी पंचायत के सैकड़ों में (Flood Affected Area In Patna ) बाढ़ से प्रभावित है. बाढ़ के पानी से हजारों एकड़ में लगे हुए सभी फसल बर्बाद हो चुकी है. वहीं प्रखंड क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित घोषित नहीं किये जाने से नाराज ग्रामीणों ने गुरुवार को धनरुआ प्रखंड मुख्यालय में (Protest In Patna) जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
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दरअसल गुरुवार को एक तरफ जहां पटना जिलाधिकारी बाढ़ ग्रस्त इलाकों का जायजा ले रहे थे. वहीं प्रखंड मुख्यालय पर सभी गांव के सैकड़ों बाढ़ पीड़ित लोग अंचल कार्यालय पर पहुंचकर घंटों विरोध प्रदर्शन करते नजर आए. सभी आक्रोशितओं ने प्रदर्शन स्थल पर जिलाधिकारी को बुलाने की मांग करते रहे.
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि बाढ़ से दर्जनों घर गिर चुके है. गांव जलमग्न हो चुके हैं. हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो चुकी है. किसान भूखमरी की कगार पर हैं. ऐसे में सभी किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से उचित मुआवजा दिया जाए. गरीबों को खाने पीने के अलावा उन्हें बाढ़ पीड़ित का मुआवजा दिया जाए. साथ ही इसके अलावा धनरूआ प्रखंड को बाढ़ क्षेत्र घोषित किया जाए नहीं तो चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा.
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बता दें कि पुनपुन, दरधा, कररूआ, भुतही और महतमाईन नदी में उफान आने से पटना के सैकड़ों गांव में पानी घुस गया है. हजारों एकड़ में फसल बर्बाद हो गई है. अब तक 6 तटबंध टूट चुके हैं, जिससे 100 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं और 1500 एकड़ में लगी धान की खेती चौपट हो गई है. टूटे हुए तटबंध को लेकर ग्रामीणों में दहशत है.
पटना इन दिनों चारों तरफ से पानी से घिर गया है. कई बरसाती नदियों में अत्यधिक पानी आने के चलते यह स्थिति बनी है. गंगा नदी पटना के घाटों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. दो दिनों से लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. गंगा पाथवे पर गंगा का पानी आ चुका है. इससे गंगा के आसपास रहने वाले लोग भयभीत हैं. कई बार लोगों को यह पता नहीं चल पा रहा है कि कहां सड़क है और कहां गंगा.