पटना: राज्य में डेढ़ दर्जन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं. बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) से 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ पीड़ितों के लिए राज्य सरकार 17 सौ से अधिक नाव उपलब्ध कराने का दावा कर रही है. सरकार द्वारा चलाई जा रही नाव की स्थिति की बानगी पटना के पुनपुन (Punpun) में देखी जा सकती है. यहां लोग जान जोखिम में डालकर छेद वाली नाव से सफर करने को मजबूर हैं.
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पुनपुन प्रखंड के 9 पंचायत के 16 हजार परिवार बाढ़ से प्रभावित हैं. 100 से ज्यादा घर गिर चुके हैं. कई गांव जलमग्न हैं. ऐसे में जरूरी काम से कहीं आने जाने के लिए एक मात्र सहारा नाव है. सरकार द्वारा कई जगह प्राइवेट नाव की व्यवस्था की गई है. पुनपुन के उड़ान टोला में सरकार की ओर से जिस नाव की व्यवस्था की गई है उसमें छेद है.
नाव में लगातार पानी भरता रहता है, जिसे नाव पर सवार लोग बाहर फेंकते हैं. इस जर्जर नाव के चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. इस नाव का इस्तेमाल रोज गांव के दर्जनों लोग करते हैं. इस दौरान उन्हें अनहोनी का भय सताता रहता है. बाढ़ प्रभावित इलाके में छेद वाली नाव चलाने के मामले में पुनपुन की अंचलाधिकारी इंद्राणी कुमारी ने कहा कि नाव की मरम्मत कराने के लिए नाविक को कहा गया है.
"सूचना मिलते ही नाविक को नाव की मरम्मत करने के लिए कहा गया है. उस नाव को हटाकर दूसरी नाव की व्यवस्था करने की भी तैयारी है. नाविक कह रहा है कि अभी छेद से उतनी परेशानी नहीं है. हमलोग उसमें गहनी (नाव के छेद की मरम्मत) करवा लेंगे."- इंद्राणी कुमारी, अंचलाधिकारी, पुनपुन
बता दें कि बिहार के 26 जिलों की 20 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक राज्य के 26 जिलों के 86 प्रखंडों की कुल 570 पंचायतें बाढ़ से आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित है. राजधानी पटना के अलावा वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, मुजफरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर और समस्तीपुर जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की आठ और एसडीआरएफ की नौ टीमों को लगाया गया है.
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