पटनाः दानापुर में गंगा नदी (Ganga River) खतरे के निशान से महज दो इंच नीचे बह रही है. लेकिन दियारा इलाके में बाढ़ (Flood Condition) जैसे हालात हैं. नीचे के इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. गंगा नदी का पानी तेजी से गांवों को घेरने में लगा है. दियारा क्षेत्र के कई गांव टापू में तब्दील हो गया है. इस बीच लोगों को काफी समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है.
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गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण गंगहरा, हेतनपुर, कासीमचक, पुरानी पानापुर, पतलापुर और मानस पंचायत के करीब दो लाख से ज्यादा की आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बाढ़ के पानी से दियारा क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ भूमि पर लगी फसल को भारी नुकसान हुआ है. सब्जियां सहित अन्य फसलें नष्ट हो गई हैं.
शनिवार की शाम को देवनानाला पर गंगा का जलस्तर 166.80 फुट रिकॉर्ड किया गया. यहां खतरे का निशान 167 फुट है. बाढ़ जैसे हालात होने के कारण ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के अभाव से भी जूझ रहे हैं. नाव ही आने-जाने का साधन है. राशन समेत जरूरी और आकस्मिक स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर ग्रामीणों को चिंता सता रही है.
बाढ़ जैसे हालात होने के बाद भी लोगों को किसी तरह की प्रशासनिक मदद नहीं दी गई है. दियारा के तटीय इलाकों में दिन प्रति हालात खराब होते जा रहे हैं. ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं.
"रातभर में गंगा नदी का जलस्तर एक फुट बढ़ गया है. रविवार को गंगा के जलस्तर में करीब 20 से 30 सेंटी मीटर तक वृद्धि होने की संभावना है. इलाहाबाद, बनारस और बक्सर में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. वहीं, इंद्रपुरी में सोन नदी का जलस्तर घट रहा है."- अशोक कुमार, बाढ़ नियंत्रण कनीय अभियंता
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पूर्व जिला पार्षद सदस्य ओम प्रकाश यादव, मुखिया दिनेश प्रसाद सहित दर्जनों ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री, आपदा प्रबंधन मंत्री, डीएम और एसडीओ से गंगा में सरकारी स्तर पर नाव का परिचालन करने की मांग की है. वहीं, सीओ डॉ. मुकुल कुमार झा ने बताया कि खतरे को देखते हुए प्रशासन लगातार इसपर नजर बनाए हुए है.