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लॉकडाउन के कारण बाढ़ से बचाव की 122 योजनाएं अधर में, रक्षात्मक कार्यों को दी जा रही तरजीह

योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी का भी कहना है कि हमने शुरू में ही मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि बाढ़ से संबंधित कार्य को न रोका जाए. उसके बाद काम तो शुरू हुआ लेकिन लॉक डाउन के कारण कार्यों पर असर पर रहा है.

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Published : May 6, 2020, 7:25 PM IST

Updated : May 7, 2020, 12:00 AM IST

योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी
योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी

पटना: बिहार में लॉक डाउन के कारण कई विकास योजनाएं बंद पड़ी हुई है. बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य की योजना भी बंदी के कारण अधर में लटकी हुई है. जल संसाधन विभाग के अनुसार 704 करोड़ की 122 से अधिक योजनाएं मंजूर की गई थी. इन सभी योजनाओं को 15 मई तक पूरा करना था. लेकिन लॉकडाउन के कारण कार्य ठप है. इसको लेकर योजना विकास मंत्री महेश्वर हजारी का कहना है कि लॉकडाउन के कारण राज्य के कई विकास योजनाओं पर प्रभाव तो जरूर हुआ है. लेकिन बड़ी योजना को पूरा करने की कोशिश की जा रही है.

सरकार के लिये इस बार बड़ी चुनौती
बता दें कि बिहार में मानसून 15 जून तक आ जाता है. उसके बाद मिट्टी का काम लगभग बंद ही हो जाता है. इसलिए सरकार की ओर से बांध मरम्मत के कार्य और अन्य विकास कार्य को पूरा करने के लिए 15 मई तक का निर्धारित समय दिया जाता है. राज्य को पिछले साल भी बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ी थी. वहीं, राजधानी पटना में पिछले साल पुनपुन नदी ने भी खतरे का अलार्म बजा दिया था. इसको लेकर बिहार सरकार के कई रक्षात्मक कार्य भी विकास कार्य भी बाकी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

रक्षात्मक कार्य में तेजी लाने का निर्देश
पटना में बाढ़ के खतरे को देखते हुए सीएम ने भी बाढ़ रक्षात्मक कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है. पहले भी जल संसाधन विभाग की ओर से सभी डीएम को पत्र लिखकर निर्देश दिया गया था कि बाढ़ से बचाव के लिए जो भी योजनाएं हैं, उसे रोका नहीं जाए. लेकिन मजदूरों के नहीं मिलने के कारण अधिकांश योजनाओं पर असर पड़ा था. योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी का भी कहना है कि हमने शुरू में ही मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि बाढ़ से संबंधित कार्य को न रोका जाए. उसके बाद काम तो शुरू हुआ लेकिन लॉक डाउन के कारण कार्यों पर असर पर रहा है. हालांकि विभाग की पूरी कोशिश है कि रक्षात्मक कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. जिससे बाढ़ से बचा जा सके.

बढ़ सकता है बाढ़ का खतरा
उत्तर बिहार की बड़ी योजनाओं पर सरकार की नजर है. लॉक डाउन टू में मिली छूट के बाद काम शुरू भी हुआ है. ऐसे तो तय समय में काम को पूरा करना असंभव लग रहा है. लेकिन जल संसाधन विभाग की ओर से काम के पूरे होने के दावे किए जा रहे हैं. पिछले साल आये फ्लैश फ्लड के बाढ़ ने काफी तबाही मचाई थी. बागमती तटबंध आठ जगह से टूट गई थी. टूटे तटबंधों को किसी तरह मरम्मत कर दिया गया. उसे मजबूत करने का काम अधूरा है. बागमती की धारा को लेकर आईआईटी के विशेषज्ञों से अध्ययन भी करायी गयी थी. लेकिन काम रक्षात्मक काम पूरा नहीं होने के वजह से बिहार पर एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.

सरकार की ओर से मंजूर की गई प्रमुख योजनाएं:-

  • पटना, भागलपुर और दरभंगा आदि शहरों को बाढ़ से बचाने की कई योजनाएं
  • कमला बलान के बाएं और दाएं तटबंध की मरम्मत का कार्य होना बाकी
  • भूतही बलान के बाएं तटबंध का विस्तार होना बाकी
  • भागलपुर और कटिहार में गंगा से होने वाले कटाव को रोकने की योजना
  • मधुबनी जिले में कोसी तटबंध की मरम्मत की योजना भी शामिल

पटना: बिहार में लॉक डाउन के कारण कई विकास योजनाएं बंद पड़ी हुई है. बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य की योजना भी बंदी के कारण अधर में लटकी हुई है. जल संसाधन विभाग के अनुसार 704 करोड़ की 122 से अधिक योजनाएं मंजूर की गई थी. इन सभी योजनाओं को 15 मई तक पूरा करना था. लेकिन लॉकडाउन के कारण कार्य ठप है. इसको लेकर योजना विकास मंत्री महेश्वर हजारी का कहना है कि लॉकडाउन के कारण राज्य के कई विकास योजनाओं पर प्रभाव तो जरूर हुआ है. लेकिन बड़ी योजना को पूरा करने की कोशिश की जा रही है.

सरकार के लिये इस बार बड़ी चुनौती
बता दें कि बिहार में मानसून 15 जून तक आ जाता है. उसके बाद मिट्टी का काम लगभग बंद ही हो जाता है. इसलिए सरकार की ओर से बांध मरम्मत के कार्य और अन्य विकास कार्य को पूरा करने के लिए 15 मई तक का निर्धारित समय दिया जाता है. राज्य को पिछले साल भी बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ी थी. वहीं, राजधानी पटना में पिछले साल पुनपुन नदी ने भी खतरे का अलार्म बजा दिया था. इसको लेकर बिहार सरकार के कई रक्षात्मक कार्य भी विकास कार्य भी बाकी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

रक्षात्मक कार्य में तेजी लाने का निर्देश
पटना में बाढ़ के खतरे को देखते हुए सीएम ने भी बाढ़ रक्षात्मक कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है. पहले भी जल संसाधन विभाग की ओर से सभी डीएम को पत्र लिखकर निर्देश दिया गया था कि बाढ़ से बचाव के लिए जो भी योजनाएं हैं, उसे रोका नहीं जाए. लेकिन मजदूरों के नहीं मिलने के कारण अधिकांश योजनाओं पर असर पड़ा था. योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी का भी कहना है कि हमने शुरू में ही मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि बाढ़ से संबंधित कार्य को न रोका जाए. उसके बाद काम तो शुरू हुआ लेकिन लॉक डाउन के कारण कार्यों पर असर पर रहा है. हालांकि विभाग की पूरी कोशिश है कि रक्षात्मक कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. जिससे बाढ़ से बचा जा सके.

बढ़ सकता है बाढ़ का खतरा
उत्तर बिहार की बड़ी योजनाओं पर सरकार की नजर है. लॉक डाउन टू में मिली छूट के बाद काम शुरू भी हुआ है. ऐसे तो तय समय में काम को पूरा करना असंभव लग रहा है. लेकिन जल संसाधन विभाग की ओर से काम के पूरे होने के दावे किए जा रहे हैं. पिछले साल आये फ्लैश फ्लड के बाढ़ ने काफी तबाही मचाई थी. बागमती तटबंध आठ जगह से टूट गई थी. टूटे तटबंधों को किसी तरह मरम्मत कर दिया गया. उसे मजबूत करने का काम अधूरा है. बागमती की धारा को लेकर आईआईटी के विशेषज्ञों से अध्ययन भी करायी गयी थी. लेकिन काम रक्षात्मक काम पूरा नहीं होने के वजह से बिहार पर एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.

सरकार की ओर से मंजूर की गई प्रमुख योजनाएं:-

  • पटना, भागलपुर और दरभंगा आदि शहरों को बाढ़ से बचाने की कई योजनाएं
  • कमला बलान के बाएं और दाएं तटबंध की मरम्मत का कार्य होना बाकी
  • भूतही बलान के बाएं तटबंध का विस्तार होना बाकी
  • भागलपुर और कटिहार में गंगा से होने वाले कटाव को रोकने की योजना
  • मधुबनी जिले में कोसी तटबंध की मरम्मत की योजना भी शामिल
Last Updated : May 7, 2020, 12:00 AM IST
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