ETV Bharat / state

कहीं बाढ़ तो कहीं सुखाड़, प्रकृति ने तोड़ी बिहार के किसानों की कमर - सीमांचल क्षेत्र

बिहार की जनता बाढ़ और सुखाड़ से त्रस्त है. उतर बिहार में जहां नदियों में उफान है, वहीं दक्षिण बिहार के नदी नहरों में पानी नहीं है. पानी बिना खेतों में दरार पड़ गया है. खेती नहीं होने से किसान परेशान हैं.

उतर बिहार में बाढ़ तो दक्षिण बिहार में सूखाड़ से त्रस्त लोग
author img

By

Published : Jul 28, 2019, 5:19 PM IST

पटना: बिहार हर साल प्राकृतिक आपदा का शिकार होता है. लेकिन सबसे बड़ी बिडंबना है कि एक ओर जहां सूबे के 13 जिलों के लोग बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं. वहीं कमोबेश शेष जिलों के किसान सामान्य से कम बारिश होने के कारण परेशान हैं.

बिहार के लिए यह त्रासदी ही है कि एक तरफ राज्य का एक हिस्सा सामान्य बारिश को तरस रहा है. सूखे की स्थिति से बारिश की दुआ कर रहा है. वहीं दूसरी ओर नेपाल में हो रही बारिश से यहां के कई जिले बाढ़ से जलमग्न हैं.

nitish kumar review meetin
समीक्षा बैठक करते सीएम नीतीश कुमार

सीमांचल के 13 जिले बाढ़ प्रभावित
नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण नेपाल से आने वाली नदियां उफान पर हैं. बिहार की शोक कही जाने वाली नदी कोसी के अलावे बागमती, बूढ़ी गंडक, ललबकिया, कमला बलान में लगभग हर साल बाढ़ आती है और भारी जानमाल का नुकसान होता है. वैसे आंकड़ों की बात करें, तो बिहार के 38 जिलों में से सीमांचल क्षेत्र में आने वाले 13 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं.

flood in north bihar
उतर बिहार में त्रस्त आम जनता

14 जिला सूखा प्रभावित, बेगूसराय का हाल बुरा
मौसम विभाग के मुताबिक, बिहार की राजधानी पटना, गया, नवादा, नालंदा, जमुई, औरंगाबाद और बेगूसराय सहित कुल 14 जिले सूखे की मार झेल रहे हैं. इसमें बेगूसराय सूखे से सबसे अधिक प्रभावित है. जून महीने में लू और सूखे के कारण कई जिले में धारा 144 लागू कर दी गई थी. इन जिलों में अभी भी हालत बेहतर नहीं हुए हैं.

dry in bihar
सूखे की त्रासदी झेल रहे बिहार के किसान

औसत से कम हुई बारिश
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 21 जुलाई तक बेगूसराय में सामान्य से 60 प्रतिशत कम बारिश हुई. जबकि शेखपुरा और रोहतास में 56 प्रतिशत, अरवल में 48 प्रतिशत, बांका में 47 प्रतिशत, औरंगाबाद में 44 प्रतिशत, नवादा में 42 प्रतिशत तथा गया में सामान्य से 42 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इसके अलावा जहानाबाद, जमुई, लखीसराय और मुंगेर में भी बारिश कम हुई है. हालांकि मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि मानसून अभी सक्रिय है. कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश की उम्मीद है.

मानसून की दगा से किसानों में डर
धान का कटोरा कहे जाने वाले रोहतास और औरंगाबाद में भी इस साल बारिश कम हुई है. औरंगाबद के खैरा गांव के किसान श्यामजी पांडेय कहते हैं, "दो-चार दिन पहले बारिश हुई थी. खेत में धान की रोपनी के लिए कादो भी हो गया, लेकिन डर है कि कहीं फिर मानसून दगा ना दे दे."

flood in north bihar
जल प्रलय से उतर बिहार में चारो तरफ पानी ही पानी
इधर, बिहार का उत्तरी हिस्सा पिछले करीब एक पखवाड़े से बाढ़ से बेहाल है. सड़कों पर पानी बह रहा है तो खेत जलमग्न हो गए हैं. घरों के भीतर पानी बह रहा है तो बाजार और गलियां बंद हैं.

13 जिले बाढ़ प्रभावित, 127 की मौत
बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, "बिहार के 13 जिले शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और पश्चिम चंपारण में बाढ़ से अब तक 127 लोगों की मौत हुई है, जबकि 82,83,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं."

flood in bihar
बाढ़ प्रभावित लोग

सूखे से निपटने के लिए सरकार तैयार
राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने आईएएनएस से कहा कि बिहार में प्राकृतिक आपदा कोई नई बात नहीं है. बिहार के आधे जिले बाढ़ से तो कई जिले सूखे से प्रभावित होते रहे हैं. सरकार भी इसके लिए आवश्यक तैयारी करती है. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत का कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है. अगर सूखे की स्थिति भी उत्पन्न होती है, तो सरकार इसके लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ और सूखे को लेकर सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की है. उन्होंने क्षति का आकलन करने का निर्देश दिया है.

पटना: बिहार हर साल प्राकृतिक आपदा का शिकार होता है. लेकिन सबसे बड़ी बिडंबना है कि एक ओर जहां सूबे के 13 जिलों के लोग बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं. वहीं कमोबेश शेष जिलों के किसान सामान्य से कम बारिश होने के कारण परेशान हैं.

बिहार के लिए यह त्रासदी ही है कि एक तरफ राज्य का एक हिस्सा सामान्य बारिश को तरस रहा है. सूखे की स्थिति से बारिश की दुआ कर रहा है. वहीं दूसरी ओर नेपाल में हो रही बारिश से यहां के कई जिले बाढ़ से जलमग्न हैं.

nitish kumar review meetin
समीक्षा बैठक करते सीएम नीतीश कुमार

सीमांचल के 13 जिले बाढ़ प्रभावित
नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण नेपाल से आने वाली नदियां उफान पर हैं. बिहार की शोक कही जाने वाली नदी कोसी के अलावे बागमती, बूढ़ी गंडक, ललबकिया, कमला बलान में लगभग हर साल बाढ़ आती है और भारी जानमाल का नुकसान होता है. वैसे आंकड़ों की बात करें, तो बिहार के 38 जिलों में से सीमांचल क्षेत्र में आने वाले 13 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं.

flood in north bihar
उतर बिहार में त्रस्त आम जनता

14 जिला सूखा प्रभावित, बेगूसराय का हाल बुरा
मौसम विभाग के मुताबिक, बिहार की राजधानी पटना, गया, नवादा, नालंदा, जमुई, औरंगाबाद और बेगूसराय सहित कुल 14 जिले सूखे की मार झेल रहे हैं. इसमें बेगूसराय सूखे से सबसे अधिक प्रभावित है. जून महीने में लू और सूखे के कारण कई जिले में धारा 144 लागू कर दी गई थी. इन जिलों में अभी भी हालत बेहतर नहीं हुए हैं.

dry in bihar
सूखे की त्रासदी झेल रहे बिहार के किसान

औसत से कम हुई बारिश
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 21 जुलाई तक बेगूसराय में सामान्य से 60 प्रतिशत कम बारिश हुई. जबकि शेखपुरा और रोहतास में 56 प्रतिशत, अरवल में 48 प्रतिशत, बांका में 47 प्रतिशत, औरंगाबाद में 44 प्रतिशत, नवादा में 42 प्रतिशत तथा गया में सामान्य से 42 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इसके अलावा जहानाबाद, जमुई, लखीसराय और मुंगेर में भी बारिश कम हुई है. हालांकि मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि मानसून अभी सक्रिय है. कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश की उम्मीद है.

मानसून की दगा से किसानों में डर
धान का कटोरा कहे जाने वाले रोहतास और औरंगाबाद में भी इस साल बारिश कम हुई है. औरंगाबद के खैरा गांव के किसान श्यामजी पांडेय कहते हैं, "दो-चार दिन पहले बारिश हुई थी. खेत में धान की रोपनी के लिए कादो भी हो गया, लेकिन डर है कि कहीं फिर मानसून दगा ना दे दे."

flood in north bihar
जल प्रलय से उतर बिहार में चारो तरफ पानी ही पानी
इधर, बिहार का उत्तरी हिस्सा पिछले करीब एक पखवाड़े से बाढ़ से बेहाल है. सड़कों पर पानी बह रहा है तो खेत जलमग्न हो गए हैं. घरों के भीतर पानी बह रहा है तो बाजार और गलियां बंद हैं.

13 जिले बाढ़ प्रभावित, 127 की मौत
बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, "बिहार के 13 जिले शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और पश्चिम चंपारण में बाढ़ से अब तक 127 लोगों की मौत हुई है, जबकि 82,83,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं."

flood in bihar
बाढ़ प्रभावित लोग

सूखे से निपटने के लिए सरकार तैयार
राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने आईएएनएस से कहा कि बिहार में प्राकृतिक आपदा कोई नई बात नहीं है. बिहार के आधे जिले बाढ़ से तो कई जिले सूखे से प्रभावित होते रहे हैं. सरकार भी इसके लिए आवश्यक तैयारी करती है. उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत का कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है. अगर सूखे की स्थिति भी उत्पन्न होती है, तो सरकार इसके लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ और सूखे को लेकर सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की है. उन्होंने क्षति का आकलन करने का निर्देश दिया है.

Intro:Body:

FLOOD IN BIHAR



एक तरफ बाढ, दूसरी तरफ सूखे की त्रासदी झेल रहा बिहार


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.