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Bihar Flood Live: बिहार में बाढ़ से तबाही की तस्वीरें, यहां जाने हर अपडेट

मॉनसून की बारिश से बिहार में बाढ़ का खतरा बढ़ गया. जलस्तर में लगातार वृद्धि से नदियों में उफान है. कई इलाकों में बाढ़ का पानी गांव और शहर में घुस चुका है. लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे है. सरकार भी बाढ़ से बचाव की तैयारी में जुट गई है. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार में बाढ़
बिहार में बाढ़
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Published : Jul 6, 2022, 6:00 AM IST

Updated : Jul 6, 2022, 8:46 AM IST

पटना: बिहार में (Flood in Bihar) लगातार हो रही बारिश से सूबे में एक बार फिर तबाही का मंजर दिखने लगा है. मॉनसून की बारिश से बिहार की नदियों में उफान है. हर जिले में जल जमाव ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. सीमांचल में कोसी (Kosi River) और उसकी सहायक नदियों ने तांडव मचा रखा है. महानंदा और परमान नदी का कहर पूर्णिया पर टूटा है तो सहरसा और सुपौल में कोसी ने कहर बरपा रखा है. दूसरी तरफ, नेपाल में हो रही बारिश से बिहार के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं.

यह भी पढ़ें: बाढ़ और कटाव से कराह रहा बिहार.. लोगों को मदद का है इंतजार

सुपौल में बाढ़ से तबाही का मंजर: नेपाल के तराई क्षेत्र एवं सीमावर्ती इलाके (Flood In Supaul) में बारिश थमने से कोसी नदी का डिस्चार्ज 01 लाख क्यूसेक से नीचे आ गया है. इसके बावजूद तटबंध के भीतर बसे लोगों की परेशानी नहीं घटी हैं. सरकारी नाव बहाल नहीं होने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है.

पूर्णिया में नदियों का जलस्तर घटा, कटाव तेज: पूर्णिया के सीमांचल में पिछले दिनों नदी के जलस्तर बढ़ने से कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया था, अब धीरे-धीरे नदियों का जलस्तर घटने (Flood In Purnea) लगा है. नदियों का जलस्तर घटने से कटाव की स्थिति इलाके में उत्पन्न हो गई है. जिन नदियों के जलस्तर घटने लगा है, उनमें महानंदा, कनकई और फरमान नदी शामिल है.

पटना में बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर NDRF की बैठक: बिहार में बाढ़ कि तैयारियों को लेकर बिहटा स्थित 9वीं बटालियन एनडीआरएफ मुख्यालय में कमांडेंट सुनील कुमार सिंह ने तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बताया कि बिहार में बाढ़ को लेकर एनडीआरएफ की टीमें पूरी तरह से तैयार है, जिसमें बिहार के किशनगंज, दरभंगा, सुपौल और गोपालगंज में सात टीमों को तैनात कर दिया गया है. इसके अलावा नेपाल से आनेवाली पानी से कोसी, गंडक और कमला बलान नदियों का जल स्तर बढ़ गया है.

सहरसा में नाव तैयार करने में जुटे ग्रामीण: जिले में कोसी नदी एक बार फिर तबाही मचाने को तैयार है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में जिला प्रशासन और सरकार के द्वारा कोई व्यवस्था नहीं होता देख अब स्थानीय लोगों ने ही अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद से उठानी शुरू कर दी है. इलाके में जिला प्रशासन के द्वारा सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में ग्रामीण खुद से लाखों रुपए खर्च कर नाव तैयार करने में जुटे गए है. बता दें कि सहरसा के नोहटा प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों पंचायत में हर साल बाढ़ तबाही मचाती है, जिसमें सैकड़ों लोगों का घर बाढ़ में समा जाता है.

पटना: बिहार में (Flood in Bihar) लगातार हो रही बारिश से सूबे में एक बार फिर तबाही का मंजर दिखने लगा है. मॉनसून की बारिश से बिहार की नदियों में उफान है. हर जिले में जल जमाव ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. सीमांचल में कोसी (Kosi River) और उसकी सहायक नदियों ने तांडव मचा रखा है. महानंदा और परमान नदी का कहर पूर्णिया पर टूटा है तो सहरसा और सुपौल में कोसी ने कहर बरपा रखा है. दूसरी तरफ, नेपाल में हो रही बारिश से बिहार के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं.

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सुपौल में बाढ़ से तबाही का मंजर: नेपाल के तराई क्षेत्र एवं सीमावर्ती इलाके (Flood In Supaul) में बारिश थमने से कोसी नदी का डिस्चार्ज 01 लाख क्यूसेक से नीचे आ गया है. इसके बावजूद तटबंध के भीतर बसे लोगों की परेशानी नहीं घटी हैं. सरकारी नाव बहाल नहीं होने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है.

पूर्णिया में नदियों का जलस्तर घटा, कटाव तेज: पूर्णिया के सीमांचल में पिछले दिनों नदी के जलस्तर बढ़ने से कई गांव में बाढ़ का पानी घुस गया था, अब धीरे-धीरे नदियों का जलस्तर घटने (Flood In Purnea) लगा है. नदियों का जलस्तर घटने से कटाव की स्थिति इलाके में उत्पन्न हो गई है. जिन नदियों के जलस्तर घटने लगा है, उनमें महानंदा, कनकई और फरमान नदी शामिल है.

पटना में बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर NDRF की बैठक: बिहार में बाढ़ कि तैयारियों को लेकर बिहटा स्थित 9वीं बटालियन एनडीआरएफ मुख्यालय में कमांडेंट सुनील कुमार सिंह ने तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बताया कि बिहार में बाढ़ को लेकर एनडीआरएफ की टीमें पूरी तरह से तैयार है, जिसमें बिहार के किशनगंज, दरभंगा, सुपौल और गोपालगंज में सात टीमों को तैनात कर दिया गया है. इसके अलावा नेपाल से आनेवाली पानी से कोसी, गंडक और कमला बलान नदियों का जल स्तर बढ़ गया है.

सहरसा में नाव तैयार करने में जुटे ग्रामीण: जिले में कोसी नदी एक बार फिर तबाही मचाने को तैयार है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में जिला प्रशासन और सरकार के द्वारा कोई व्यवस्था नहीं होता देख अब स्थानीय लोगों ने ही अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद से उठानी शुरू कर दी है. इलाके में जिला प्रशासन के द्वारा सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में ग्रामीण खुद से लाखों रुपए खर्च कर नाव तैयार करने में जुटे गए है. बता दें कि सहरसा के नोहटा प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों पंचायत में हर साल बाढ़ तबाही मचाती है, जिसमें सैकड़ों लोगों का घर बाढ़ में समा जाता है.

Last Updated : Jul 6, 2022, 8:46 AM IST
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